माँ सिद्धि दात्री




कल दिनांक २८-०३-२०१५ को अंतिम नवरात्री है |इस दिन भगवती के अंतिम स्वरूप देवी सिद्धदात्री के स्वरूप का पूजन होता है |देवी सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों को देने बाली है |हमारे शास्त्रों में १८ प्रकार की सिद्द्धिया बतलाई गयी है |इन के नाम इस प्रकार है |इन का व्र्रण मार्कंडेय पूरण में भी मिलता है |इन का उल्लेख इस प्रकार है -
१-आरिमा २-लघिमा ३-प्राप्ति ४-प्राकाम्य ५-महिमा ६-ईशित्व 7-सर्व कमाव्सयिता ८-सर्वज्ञत्व 9-दूर श्रवण १० परकाय प्रवेशन 11-वाक् सिद्धि 12  कल्प व्रक्षततव १३ स्रष्टि १४ -संहारकरन सामर्थ्य 15 अमरत्व १६ सर्व न्याय कत्व् १७ भावना १८ सिद्धि 
ये सभी सिद्धियों की दात्री माँ भगवती सिद्धि दात्री कहलाती है |जो अपने साधको को माँ भगवती प्रदान करती है |
देवी पूरण के मत अनुसार देवी सिद्धि दात्री द्वरा भगवन शिव की क्रपा से ये सभी सिद्धिया देवी ne  प्राप्त करी है |भगवन शिव द्वरा महारास में अर्ध नागेश्वर का रूप देवी सिद्धिदात्री की क्रपा से ही प्राप्त हूआ था |देवी सिद्ध दात्री चार भजयो बाली है शेर पर देवी की सवारी है इस के साथ साथ देवी कमल पर भी आसीन है |देवी के दाहिनी तरफ नीचे बाले हाथ में चक्र है तथा उपर बाले हाथ में गदा है तथा वाई नीचे बाले हाथ में शंख एवं उपर बाले हाथ में कमल पुष्प है |नवरात्रि के नॉवे दिन देवी का पूजन होता है |इस दिन शास्त्रीय विधि से देवी का पूजन करने पर साधक की सभी कामनाये पूरण होती है |जिस साधक पर देवी की क्रपा हो इस जगत में उस के लिए कुछ भी दुर्लभ नहीं देवी की क्रपा से इस सम पूरण ब्रह्मांड पर साधक का अधिकार संभव है |
इस कलियुग में माँ सिद्धि दात्री की क्रपा से साधक अपनी साधना सहजता से सफल कर लेता है |अत प्रतेक साधक का कर्तव्य है कि नवरात्री के नॉवे दिन विधिवत देवी सिद्ध दात्री की पूजा करे तथा एकचित भाव से माँ की उपसना सभी कष्टों को हरने बाली है |इस दिन देवी के विभन्न अंगो का पूजन के साथ १८ सिद्धियों जो देवी में समाहित है आबाहन एवं पूजन करे |
देवी सिद्ध दात्री की पूजा उपसना इस संसार में लोकिक सुख ही नहीं प्र् लोकिक सुख प्रदान कर मोक्ष गति को देने बाली है |
आओ कल माँ सिद्ध दात्री देवी का पूजन कर जीवन को सरल सुखद एवं आनन्द दाई बनाये 
जय माता की 

--
कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता |निज कृत कर्म भोग फल पाता||  
गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई .
गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  ..
Pt.Shriniwas Sharma
Mo:9811352415                                                      
http://vedicastrologyandvaastu.blogspot.com/
www.aryanastrology.com
Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan  Rs 500
Central bank a/c: SB no: CBIN0280314/3066728613




Comments

Popular posts from this blog

विवाहिक बिलब को दूर करता है जानकी मंगल या पारवती मंगल का पाठ

दत्तक पुत्र

uch nivas nich kartuti