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Showing posts from May, 2009

सभी प्रकार के वास्तु दोषों को दूर करते है सिद्धिदाता गणेश

सभी प्रकार के वास्तु दोषों को दूर करते है सिद्धिदाता गणेश भगवन श्री गणेश जी को प्र्थ्मेश्वर विघन हरने वाले सिद्धेश्वर के नाम से जाना जता है। कहा जता है की गणेश उपासना से मानसिक शान्ति के साथ साथ सुख व समृद्धि मिलती है। हिंदू दर्शन के साथ साथ गणेश जी के बारे में जैन धर्म में भी इनकी पूजा तथा प्रर्तिमायें मिली हैं जैन धर्म के अनुसार भगवन गणेश जी को गणेश्वर विनायक के नाम से जाना जाता है जिसका उल्लेख १६वी सदी से १८वी सदी के श्वेताम्बर जैन कवियों की हिन्दी एवं राजस्थानी भाषाओँ में मिलता है। इसके अलावा बौधों ने भी अपने धर्म के प्रचार के साथ साथ हिंदू धर्म के देवता श्री गणेश एवं अन्य देवी देवताओं को कुछ अन्तर के बाद ज्यों का त्यों मान लिया है। जिसका उल्लेख नेपाली बौध साहित्य के प्रमुख ग्रन्थ गणपति ह्रदय में मिलता है। जो बौधों की सभी कामना सिद्ध करने वाला ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ का प्रत्येक मन्त्र - ॐ नमस्तुते गणपतये स्वाहा ,ॐ गणपतये स्वः से प्रारम्भ होता है। भगवान् श्री गणपति जी के जन्म के बारे में हिंदू दर्शन में उल्लेख मिलता है। जिसके अनुसार धर्म तत्व स्थूल के साथ साथ सूक्ष्म बन कर ब

नरेंद्र मोदी को देंगे निकटवर्ती लोग धोखा

नरेंद्र मोदी को देंगे निकटवर्ती लोग धोखा ज्योतिष के अनुसार नरेंद्र मोदी जी की कुंडली तुला लगन एवं वृश्चिक राशिः की बनती है जिसके अनुसार दुसरे घर में चन्द्र और मंगल की युति के कारण वाणी का विवाद तथा द्वादश भावः में केतु , सूर्य व् बुध होने के कारण पाश योग दर्शाता है । चन्द्र कुंडली के अनुसार वर्तमान समय में बृहस्पति का गोचर मार्गी हो कर चौथे घर पर है । फलसवरूप राजनैतिक गतिविधियों में मोदी जी को अपने निकटम विश्वसनीय लोगों द्वारा धोखे होने की पूर्ण संभावना है । १५ जुलाई ले बाद में जब बृहस्पति वक्री होंगे मोदी जी की राजनैतिक स्थिति में सुधार तथा प्रसिद्धि बढेगी । लेकिन मोदी जी पर चलने वाली सूर्य की महादशा जो १ . ५ . २००६ से १ . ५ . २०१२ तक रहेगी । सूर्य में शनि का अन्तर २२ . २ . २०१० तक है । जो ठीक नहीं है । अतः मोदी जी पर कानूनी अटकल तथा परेशानी बनी रहेंगी । जिसको लेकर समय समय पर समाज में छवि खराब होने के संकेत हैं । २२ . २ . २०१० के बाद में बु

कठिन होगा सरकार बनाना

कठिन होगा सरकार बनाना ज्योतिष के अनुसार अगर स्वतन्त्र भारत की कुंडली का आंकलन किया जाए जो वरिश लगन तथा कर्क राशी की बनती है। इस के अनुसार कर्क राशी पर शनि का गोचर सादे साती का प्रबल विपरीत प्रभाव होने के कारण देश में रहनैतिक संकट बने रहेंगे। इस के साथ साथ दो मई से गुरु के मार्गी होने के कारण राजनैतिक प्रतिकूलता और भी बढ जायेंगी फलस्वरूप किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिलने के ज्योतिशिये संकेत नहीं हैं। १५ अगस्त २००९ तक देश की कुंडली में शुक्र में केतु का अन्तर इस बात की ओर भी संकेत करता है कि १५ अगस्त तक सरकारी तंत्र कि कमजोरी के कारण तथा जनता का विश्वास वरिष्ट एवं गणमान्य राज नेताओं के स्वाभिमान को भी धूमिल कर सकता है। अतः राजनीती के कारण समाज में आंतरिक कलह होने कि भी संभावना है। प्रधान मंत्री इन वेटिंग श्री लाल कृष्ण अडवाणी जी कि कुडली को देखा जाए जो वृश्चक लगन तथा मेष राशी कि बनती है जो एक राजनैतिक योग के साथ साथ

मानसिक अशांति में रुद्राभिषेक

मानसिक अशांति में रुद्राभिषेक ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है। अतः चन्द्र के पीड़ित होने पर या चन्द्र के पाप प्रभाव में होने पर व् ६,८,१२ के स्वामी होने पर मानसिक विकार बनते हैं । जिस से व्यक्ति निराशा एवं दुःख दाई जीवन व्यतीत करता है। कई बार उन्माद की अवस्था में में पहुँच जाता है। पीड़ित चन्द्र की दशा होने पर एवं चन्द्र के कुंडली में अशुभ प्रभाव में होने पर आशुतोष भगवान् शिव की अराधना सफलता तथा कृपा प्रदान करती है। अतः रहू एवं शनि के कष्ट के साथ साथ चन्द्र के पीड़ित अवस्था में भी निरंतर भगवान् शिव शेखर की अराधना करनी चाहिए। वैसे तो जीवन की हर अवस्था में भगवान् शिव की अराधना ,भगवान् शिव के पृथ्वी का देवता होने के कारण सफलता देती है। लेकिन ज्योतिष की इन ग्रहों की अवस्था में भी शिव कृपा अवश्य भावी है। शिव कृपा का रूप शिव तांडव स्त्रोत्र भगवान् शिव के सभी स्रोतों में शिव तांडव का अपना विशेष स्थान है। इस स्त्रोत्र की रचना शिव भक्त महान पंडित लंकाधिपति रावण ने की थी जिसके प्रभाव से आशुतोष भगवान् शिव ने दशानन रावण को सम्पुरण संसार का सबसे शक्तिशाली माव बना दिया था । कहा