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Showing posts from July, 2015

पुनर जन्म प्रकिया में लिंग सरीर बदलना भी संभव

मनाब का सरीर पांच महाभूतो से मिलकर बना है जो इस प्रकार है  मिटटी पानी अग्नि आकाश  एवं वायु इस में चाहे कोई स्त्री हो या पुरुष सभी में तत्व सामान होते है |हमारे शाश्त्र एवं पूरण आत्मा को जो स्वरूप है जिसे अजर अमर माना गया है उसे लिंग भेद से रहित मानते है यानि आत्मा जो परमात्मा का अंश है वह न स्त्री है न पुरुष नहीं नापुन्सिक है  न कार्य है नहीं कारण है |उसे जिस अबस्था में जिस लिंग सरीर में जिस योनी में रखा जता है वही स्वरूप धारण करती है |म्रत्यु काल जब इस सरीर को ग्रषित कर लेता है तो स्थूल सरीर उन्ही पांच मह्भूतो में चला जाता है जिस से उनकी रचना हूई है |इस के साथ आत्मा सूक्ष्म सरीर धरण कर मन की प्रबल इच्छा अनुसार जन्म लेती है तथा बंधन में बंध जाति है |जिसे ऋण अदि बंधन भी कहते है |हमारे शास्त्रों अनुसार जीव की इछयो का तथा ऋण का बंधन कहते है |ऋण अदि बंधन के कारण पुनर जन्म में सरीर के जन्म सबंध जैसे माता पिता भाई स्त्री पुत्र अदि की व्यवस्था होती है |पूरब जन्म के ऋण या कर्म अनुसार वह अच्छे या बुरे बनते है |अगर ये सभे पूरब जन्म में आप के ऋणी तो आप की इच्छा अनुसार कार्य करेंगे अगर आप उ

प्रतिशोध की प्रबल इछ्यो के कारण कारण शारीर {पुनर जन्मसिधांत ]

---------- Forwarded message ---------- From:  Shriniwas Sharma   Date: 2015-07-29 19:06 GMT+05:30 Subject: कारण सरीर सिधांत To: shriniwas sharma प्रबल इछायो के कारण कारण शारीर  जब इस श्रष्टि के किसी भी जीब की म्रत्यु होती है तो जीव के मन की इच्छा आत्मा यो के साथ ही चली जाति है एसा हमारे दर्शन शास्त्रों का मानना है यही कारण है जीवन में अशांति द्वेष  बसना अदि सभी निर्वाण कार्यो में बाधा पैदा कर जीव को पुनर जन्म में धकेल देता है |क्योकि मन की अशांति एवं परवल इच्छा ही पुनर जन्म का साधन बनती है |अगर किसी मनाब का मन प्रतिशोध के कारण मन अशांत है |तो उसकी आत्मा कारण सरीर धारण कर अपने प्रति शोध को पूरण करता है जिसे भूत प्रेत की योनी माना जाता है |यह अशांत मन प्रतिशोध की भाबनायोको लेकर इधर उधर भटक कर अपना प्रतिशोध पूरण करता है |तथा उस मानब को बाधा पहुचता है जिस से उस का प्रतिशोध है तथा केई बार उसकी म्रत्यु का कारण भी बन जाता है |इसी को ज्योतिष में ऋण आदि बंधन माना जाता है | ज्योतिष पुनर जन्म सिधांत को केवल मान ती नहीं यधपि उस के परिणामो को भी सत्यापित करती है |किसी कुंडली के 12 भावो

कर्क राशी में मंगल में आतंकी घटना एवं चौरी लुट आदिबढ़ने की सम्भावना

देश में आतंकी एवं चौरी लुट पाट बदने की सम्भावना ३० जुलाई को मंगल कर्क राशी में गोचर करेगा जो उसकी नीच राशी है |जिस के कारण देश में पुलिस के ब्यापत भ्रष्टाचार के कारण चोरी लुट पातकी घटना जौर पकड़ेगी जिसे समय पर नियन्त्र तो कर लिया जायेगा लेकिन राष्ट में जन छति एवं धन छति बड़े पैमाने पर सम्भावना है |मंगल को भूमि पुत्र भी कहा जाता है तथा अग्नि कर्क ग्रह माना जाता है अत इस द्योरान जहाँ जनता एकत्रत होती है तथा जन यातायात को छति करने की अरजिक तत्वों की चेष्टा रहेगी |इसी लिए जनता को यात्रा के समय सतर्कता बरतनी होगी यधपि 15 सिप्तम्बर२०१५ तक जब तक मंगल सिंह राशी में नहीं आता कोई न कोई परेशानी जनता के सामने बनी रहेगी |इस अबधि में अन्य की वरिष्ट नेता के गंभीर बीमार होने तथा म्रत्यु तुल्यकष्ट पाने की सम्भावना है |

प्रतिशोध हेतु पुनर जन्म

  ज्योतिष पूरब जन्म को प्राचीन समय से मानती आई है |हमारे शास्त्रों में भी इस का वरण है पदम् पुराण में इसे ऋण अदि बंधन के नाम से जाना जाता है |वैसे तो हमारे पुराणों में अनेक उदारण इस के है |लेकिन महाभारत के सिखंडी का उदारहण सर्वो उपर है |महाभारत के शिखंडी का दूसरा जन्म द्रोपत पुत्र यानि द्रोपती के भाई के रूप में भीष्म पितामहा से अपने पूरब जन्म के प्रति शोध का बदला लेने हेतु हूआ था |जो भीष्म की म्रत्यु का कारण बना |तथा भीषम जिन को इच्छा म्रत्यु का बरदान था उस शिखंडी के कारण उनकी म्रत्यु हूई |यानि ज्योतिष पूरब जन्म के इस सिधांत को मान्यता देता है |जिस में कोई जीव अपना ऋण पूरा करने हेतु सबंध स्थापित कर बदला लें सकता है |चाहे यह सबंध मित्र का हो स्त्री का हो या पिता पुत्र का हो | केई बार यह देखा गया है मनुष्य की आत्मा म्रत्यु के बाद कारण सरीर को धारण कर जिसे प्रेत भुत आदि योनी कहाँ जाता है अपना प्रतिशोध का बदला लेती है |इस में कोई संदेह नहीं है |जिन जातको पर प्रेत आदि की बाधा बनती है उन का सबंध पूरब जन्म के ऋण से है जो कारण सरीर प्रेत द्वरा पूरा किया जाता है | वैसे 05 -06 साल के

केंद्र सरकार का कठिन समय

केंद्र सरकार का समय होगा कठीन इन दिनों केंद्र सरकार का मानसून सत्र चल रहा है |जिस में शक्ता पक्ष एवं विपक्ष में घमासान मंचाहूआ है |ज्योत्शीय आधार पर स्थति ग्रह शुक्र एवं राहू कें सिंह राशी में गोचर के कारण बना है |जब तक यह स्थति बनी रहेगी तब तक राजनैतिक प्रस्थति स्थति सुधरना संभव नहीं | दूसरी और मंगल इन दिनों नीच राशी में गोचर कर रहा है |जिस से लूटपाट चौरी की बारदात दिन प्रत दिन बिगरती रहेगी अत कुल मिलाकर 15 सितम्बर २०१५ तक प्रस्थति केंद्र एवं राज्य सरकारों के बीच तकरार बरकरार रहेगा |तथा जनता को भी चैन नहीं मिलना संभव नही है  -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan  Rs 500 Central bank a/c: SB no: CBIN0280314/3066728613

कर्क राशी में मंगल

३० जून २०१५ को मंगल अपनी नीच राशी कर्क में प्रवेश करेगा जो 15 सितम्वर २०१५ तक कर्क राशी में ही रहेगा |जिस से राजनैतिक दलों एवं पुलिस प्रशासनिक अधिकारियो के बीच खेचा तानी बड्नेकी पूरण सम्भावना है |इस के साथ साथ सैनिक बल एवं पुलिस बल के लिए यह समय अनकूल नहीं है |भ्रष्ट रैवये या रिश्वत खोरी के कारण इन की छवि ख़राब रह सकती है |इन दिनों सूर्य कर्क राशी में है जिस से राजनैतिक डालो में खीचतान बढेगी |अत यह समय जनता के लिए ठीक नहीं है |अत यात्रा के बीच परेशानी पैदा हो सकती है

तुलसी का पौधा

नरक तुल्यकष्ट देता है -दक्षण पक्षिम लगा तुलसी का पौधा  धर अंदर तुलसी का पौधा स्वास्थ एवं विकाश कार्य के लिए सर्व उतम माना जाता है |यही कारण है हिन्दुयो के घर घर में तुलसी एवं शालिग्राम पूजन सबसे उतम माना जाता है |जिस घर में तुलसी हो उस घर में नारायण का बास माना जाता है |तुलसी बकई बहुत गुण कारी है |स्वस्थ की द्रष्टि से  तुलसी सरीर के अनेक विकारो को दूर करता है | लेकिन यही पौधा अगर घर के अंदर दक्षिण पक्षिम में लग जाये तो घर अंदर सकारात्मक उर्जा नकारत्मक में बदल जाती है |क्योकि घर के अंदर अंदर सभी प्रकार की ऊष्मा इशान दशा में बनती है जो दक्षिण पक्षिम दशा जिसे नैरित्यकहते है में एकत्रित होती है |जब तुलसी का पौधा इस दशा में लगाया जाता है तो उस ऊष्मा को पूरण रूप से बदल देता है कोयोकि इस दशा में किसी प्रकार ऊष्मा नहीं बनती है अत इस दशा में मिक्ष्ण भवन के अंदर बनने बाली ऊष्मा भवन के अंदर विकाश कार्यो को प्रभावित करती है |जिस से घर के अंदर रहने बाले लोगो के विकाश कार्य पूरण रूप से प्रभावित हो जाता है | अत इस दशा में भूल कर भी तुलसी नहीं लगाया जाये  -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख द

अनेक दोषों को भवन में दूर करती है देहली [चोखट ]

अनेक बाधा ओ को दूर करती चोखट देहली  प्राचीन समय से वस्तु दूर करने में दहली का वहुत बड़ा महत्व माना जाता रहा है |प्राचीन समय से यह परम pपरा रही है कि लोंग देहली पूजन के बाद ही घर के अंदर प्रवेश करते थे |जिस से घर के अंदर गन्दी धुल मिटटी नहीं आती थी परिणाम स्वरूप भवन के अंदर की ऊष्मा अनकूल रहती थी |इसके साथ साथ एक दूसरा कारण यह भी है भवन की अनकूल ऊष्मा देहली से टकरा कर अंदर चली जाति थी जिस से फर्श की गर्मी लगतार बनी रहती है |जिस के कारण घर में रहने बाले लोंगो के स्वस्थ विकाश अदि पर अनकूल प्रभाव पड़ता है |देहली के कारण बहर की नकरात्मक ऊष्मा घर कर अंदर नहीं जाती है जिस से अंदर भवन की ऊष्मा पर कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ता है | लेकिन आधुनिक समय में लोग अपने घरो में चोखट लगाना प्राय भूलते जा रहे जिस से भवन के अंदर फर्श की गर्मी कम होती है |जिस से विकाश अदि कार्यो पर बिपरीत प्रभाव पड़ता है |दूसरा घर के अंदर नकारत्मक ऊष्मा जाने के कारण घर के अंदर तंत्र टोना  अदि के प्रभाव से जीवन प्रभावित होता है | इतना ही नहीं जिन धरो में चोखट नहीं है लक्ष्मी की क्रपा करने से नाक सकोड़ ती है |यही कारण है क

बुरी नजर एवं तंत्र का प्रभाव

बुरी नजर तथा टोना अदि से मुक्त करता है समुद्री झाग  आज कल हर दुसरे घर में टोना तंत्र नजर की बात आम हो गयी |आज समाज में ईष्या देवषके चलते नकात्मक ऊष्मा जो बुरे बिचारो के कारण उत्पन्न होती है |मानवीय जीवन को बुरी तरह प्रभावित करती है |इस में कोई संदेह नहीं |बुरी नजर का प्रभाव सरीर पर सबसे अधिक पड़ता है |यानि जिस घर में तंत्र या टोना आदि का प्रभाव होता है | उस परिवार में रहने बाले सदस्यों पर पड़ता है |इस प्रभाव के सदस्यओ  के स्वस्थ ख़राब होने लगता है |इस प्रभाव को समुद्री दूर करने में समद्रीझाग सबसे अधिक सफल साधन है |जिस जातक को तंत्र के प्रभाव हो उसे समद्री झाग से नहना चाहिए  लगातार समद्रीझाग से लगातार ०९ या 11 दिन स्नान करने से सारी बाधा ये दूर हो जाएगी  इस में कोई संदेह नहीं है |जब किसी जातक के सरीर पर तन्त्र का प्रभाव होता तो सरीर सबसे पहले बेदना देंने लगता है सरीर में गंदगी होती है बिना कारण सरीर के बिभ्न्न हिस्सों में दर्द हना तथा दवा न लगना तंत्र के लक्ष्ण है | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सित

किसी प्रमुख नेता के म्रत्यु तुल्य कष्ट के संकेत

> इस अधिमास में 05 मंगलवार की युति बनी हूई है |05 मंगलवार की युति मैधनीज्योतिष में राजनैतिक द्रष्टि कोणसे अछी नहीं मानी जाती है |अत जिस मास में 05 मंगलवार हो उस मास में शक्ता भंग तथा किसी राजनेता के निधनकी सम्भावना दर्शाती है |अत राजनैतिक शीत युध निरंतर बढ़ने के साथ साथ इस अधिमास में किसी राज्य के छात्र भंग के योग है एवं किसी प्रमुख नेता के गंभीर रूप से बीमार होने की सम्भावना है |अत मेरे कहने का तात्पर्य यह है कि यह समय देश समाज दोनों के हित में नहीं है | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan  Rs 500 Central bank a/c: SB no: CBIN0280314/3066728613

दिल्ली सरकार एवं महला आयोग का बढेगा संघर्ष

---------- Forwarded message ---------- From:  Shriniwas Sharma   Date: 2015-07-03 17:53 GMT+05:30 Subject: To: shriniwas sharma 05 जुलाई को शुक्र गुरु की राशी कर्क को छोड़ कर सूर्य की राशी सिंह में प्रवेश करेगा |जिस के कारण मह्लायो की सुरक्षा को लेकर दिल्ली में जंग किसी न किसी रूप में सुरु हो जाएगी |दूसरा महला आयोग एवं दिल्ली सरकार के बीच कुमार विश्वास को लेकर जारी जंग एक बड़ा रूप लें सकती है १४ जुलाई के बाद गुरु एवं शक्र की फिर युति हो जाने के कारण ये विवाद और अधिक बड जायेगा तथा राजनीति शीत युध जारी रहेगा जो न्यालय में निश्तारण हेतु जा सकता है | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan  Rs 500 Central bank a/c: SB no: CBIN0280314/3066728613