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Showing posts from October, 2015

स्वान फ्ल्यू बढ़ने की सम्भावना

ख़राब मौसम एवं वर्षा के कारण बीमारी बढेगी बीमारियाँ  इन दिनों बुध राहू की युति कन्या राशी में होने के कारण मौसम निरंतर बदलेगा जिस के चलते ख़राब मौसम से अनेक नई बीमारी जन्म लेगी यह उती २९ -१० -२०१५ तक रहेगी |सी के बाद शुक्र का मंगल एवं गुरु के साथ होना अन्य नई बीमारियों को जन्म देगा इस समय स्वान फ्लुल्यु होने की सम्भावना है |अतलोगो से अनुरोध ३० नम्बर २०१५ तक मौसम के साथ अपना खान पीन एवं स्वस्थ का ख्याल रखे |बचाव मौसम का सबसे बड़ा उपचार है |इस मौसम में मधुमय उच्च रक्तचाप बाले लोगो को बचाव की जरूयत है | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs500 rs a/c 3066728313 C BI NO 284543

दिल्ली सरकार एवं दिल्ली पुलिस

पुलिस की छवि निरंतर ख़राब होगी  अश्वन मास में 05 मंगल है जिस से जनता एवं पुलिस के बीच टकराब की स्थति पैदा होगी |इस बीच दिल्ली सरकार एवं पुलिस के बीच तनाब बदने की सम्भावना है |यानि केंद्र एवं राज्यों के बीच तनाब एवं पुलिस तथा दिल्ली सरकार के बीच तनाब इन दिनों ०३ नबम्बर तक बना रहेगा |इस बीच जाताना को सरकार एवं पुलिस के बीच समानता  न होने के कारण हानी होने की सम्भावना है |

महा गौरी पूजन

महा गौरी के पूजन से सभी कामनाये सिद्ध होती है कल अष्टमी में लोग भगवती के महा गौरी स्वरूप का पूजन करेंगे |इसे करने से साधक की सभी साधनाए पूरण होती है |महा गौरी वह योगनी है जिस की आयु 08 तक की आयु बाली बलायो को कन्या कहा जाता है |महा गौरी देवी का एसा स्वरूप है जिस का पूजन से माँ भगवती की करुँना मिलती है |देवी महा गौरी के पूजन से भगवान् शिव की महती क्रपा जीव को मिलती है | भगवान् श्री राम को वर रूप में प्राप्त करने के लिए माँ गौरी का पूजन कर अश्रीवाद ग्रहण किया था |जिस के करने पर जानकी जी को भगवान् श्री राम पति रूप में मिले |अत महा गौरी के पंच उपचार से पूजन करने से माँ भगवती की अनुपम क्रपा साधक को मिलती है |एसा माना जाता है |आओ माँ भगवती दुर्गा के महा गौरी रूप पूजन कर जीवन को आनन्दित करे तथा माँ का अश्रीवाद ग्रहण करे एवं परम आनंद की प्राप्त करे |

देवी भगवती कत्यानी

दशेहरा बाले दिन माँ भगवती कत्यानी नेकिया था मसिससुर बध  लोग दसहरा बाले दिन रावण का पुतला फूकते है |तथा राम रावण का युध दिखलाते है रावण के साथ साथ मेघनाथ एवं कुम्भकरण का पुतला भी जलाते है |इस में कोई संदेह नहीं है |लेकिन एक घटना जो इन नवरात्रियो में विशेष मायना रखती है |वह मसिससुर बध  देवी कत्यानी जिन की उत्पति सभी देवो के तेज से अश्वन क्रष्ण पक्ष चौदश को हूई थी |इस देवी का प्रथम पूजन महर्षी कर्तके पुत्र कात्यान ने किया था |एवं माँ भगवती से बरदान माँगा था कि वह उनकी बेटी के रूप में स्थापित हो इसी कारण देवी भगवती कत्यानी कहलाई |देवी कत्यानी ही ब्र्जेस्वरी है |जिन की उपसना श्री क्रष्ण को अपने को अपने पति रूप में पाने के लिए किया था |दुर्गा सप्तसती के माध्यम चरित्र में लक्ष्मी के रूप में देवी कत्यानी की लीला का वरण है |माँ की यह कथा भक्तो को परमा आनन्द देने बाली है |महिसासुर मर्दनी देवी कत्यानी ने अश्वन शुक्ल पक्ष दसमी के दिन मायावी महिसासुर का बध कर असुर सम्राज समाप्त किया |जिस के बाद देवतायो ने जय घोष किया एवं शंख नाद किया एवं माँ भगवती की शुक्रादी क्षेत्र में स्तुति पूजा बंदन क

सभी कामनायो को पूरण करता देवी का निर्माण मन्त्र

माँ भगवती का निर्माण मन्त्र सभी कामनायो को पूरण करता है  माँ भगवती सभी की मनोकामनाए पूरण करने बाली है |यधपि दुर्गा सप्तसती में अनेक उदेश्य को लेकर अनेक मन्त्र दिए है |जिस के अनरूप पूजा करने से मनके अनरूप फलो की प्राप्ति होती है |जैसे देवी का बीज मन्त्र सभी कामनायो को पूरण करने बाला होता है |उसी प्रकार निर्माण मन्त्र भी जीवन के सभी उद्देश्यों की पूर्ति करता है |निर्वाण मन्त्र को सम्फुत मानकर सप्तसती का जो निरंतर पाठ करते है |उन की सभी कामनाये माँ भगवती शीघ्र पूरी करती है |ये मामला  चाहे कोट कचेहरी का हो या सामाजिक मान मर्दन या आर्थिक शंकट का हो या यश प्रतिष्टा से जुड़ा हो देवी का निर्माण मन्त्र सभी कार्यो में सफलता  देता है | जो साधक माँ भगवती की पांच उपचार से पूजा कर कें निर्वाण मन्त्र का जप या निर्वाण मन्त्र का सम्फ्त लगा कर दुर्गा सप्तसती के तीनो चरित्रों का पाठ करता है |एवं लगातार पाठ कर निर्वान मन्त्र से हवन एवं आरती पूजन करता है |उस की सभी कामनाये माँ भगवती पूरा करती है |इस में कोई संदेह नहीं है | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल स

माँ चन्द्र घंटा की पूजा

देवी चन्द्र घंटा की पूजा मानसिक विकारो को दूर करती है  नव दुर्गा की तीसरी देवी का नाम माँ चन्द्र घंटा है |यानि चन्द्र घंटा वह देवी है जो हमेसा मुस्कराती रहती है तथा जिस के चलने पर घंटो की आबाज आती है |एवं जिन के मष्तिक पर चन्द्र विराजमान है |एसी देवी की उपसना करने से मानसिक बाधा दूर होती है |यानि जिन को मानसिक रोग है जो मंद बुधिबाले है |या जिन की स्मरण शक्ति कमजोर हो गयी है |उन सभी साधको को भगवती चन्द्र घंटा की पूजा करनी चाहिए |देवी भगवती चन्द्र घंटा की विधवत पूजा करने से बिघ्न ही नहीं बल्कि मानसिक बल भी मजबूत होता है |माँ चन्द्र घंटा की पंच उपचार षोडश उपचार से नवरात्री में पूजा करने पर साधक की सभी कामना सफल होती है |इस में कोई संदेह नहीं है | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Profes

महा लक्ष्मी का व्रत का महत्व

05 अक्टूवर २०१५ को मनाये महालक्ष्मी व्रत  पितृ पक्ष में एक दिन तिथि सप्तमी का एसा आता है जिस दिन शुख समर्धि हेतु सभी महा लक्ष्मी का व्रत सौभ्य्वती महिला करती है |इस दिन श्राधका दोष नहीं लगता है |इस दिन व्रत करने से परिवार में पाप एवं संताप सभी से मुक्ति मिलती है |इस दिन पांच उपचार से देवी लक्ष्मी भगवती को स्नान करने से ऋण मुक्ति होती है एवं परिवार में समर्धि प्राप्त होती है |इस दिन जो महिला या पुर्ष लक्ष्मी सहस्र नाम का श्रद्धा से पाठ करते है |उस के परिवार पर भगवती की अनोखी अनुकम्पा बनी रहती है |अत इस दिन सभी महिलायों को भगवती का श्रद्धा पुर्बक व्रत करना चाहिए |तथा लक्ष्मी का पूजन नारायणी रूप में नारायण के साथ ही करना चाहिए | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs

गीता का १८ वा अध्याय देता है पितरो को शांति

पितृ पक्ष में करे गीता का पाठ  भगवान् श्री क्रष्ण द्वरा जो गीता कुरु क्षेत्र में सुनाई गयी  उस गीता का १८ व अध्याय जो भक्ति योग प्रधान है  का पाठ करने से आप को भगवान् श्री कर्षण की भक्ति तो मिलेगी ही  साथ ही साथ आपके पितरो की गति सुधरेगी तथा आप के परिवार को बल मिलेगा एवं परिवार किसी प्रकार की बाधा जिस का सम्बन्ध पितृ ऋण सम्बन्धित सभी परेशानी दूर होगी  तथा परिवार का कल्याण होगा |इस में कोई संदेह नहीं है |यधपि गीता का १८ वा अध्याय जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर जीवन को सहज बनाता है |अगर किसी की म्रत्यु कठिन हो तो गीता का १८ वा अध्याय का पाठ करने पर म्रत्यु सहज सरल  बन जाती है |अत आओ पितृ पक्ष में गीता का पाठ कर अपने पितरो को शांति दें तथा शांति प्रदान कर अपने जीवन को सरल बनायें | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaas