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Showing posts from 2016

निरंतर कम होगी ब्याप्त धन की अनियामतिता

निरंतर कम होगी ब्याप्त धन की अनियमितता मुद्रा को लेकर निरंतर ब्याप्त अनियमितता शीघ्र ही समाप्त हो जाएगी यानि ३० दिसम्बर तक सरकार अपनी कानून कार्यवाही द्वारा समाज में पूरण संतोष दें पायेगी |इस का ज्योत्शीय कारन यह की १५-१२-२०१६ को सूर्य वर्श्चिक राशी को छोड़ कर धनु राशी में प्रवेश करेगा जिस से वर्श्चिक राशी में ब्याप्त ग्रहण योग पूरी तरह समाप्त हो जायेगा |इन दिनों सरकार पर भ्रष्टाचार का कारन सूर्य जो सरकार का कारन माना का मंगल की राशी वर्श्चिक में आना एवं शनि के साथ गोचर करने से है |मगल इस राशी को ११ -१२ -२०१६ को छोड़ चूका है एवं सूर्य १५ -१२-२०१६ को वर्श्चिक राशी को छोड़ धनु राशी में आजयेगा जिस से सरकार पर बना ग्रहण योग समाप्त हो जायेगा एवं धीरे धीरे सरकार अपने अभियान में सफल होकर लोगो की युमिदो पर खरी उतरने लगेगी |लेकिन भ्रष्टाचार का शिलशिला १५-०५-२०१६ तक अभियान में चलता रहेगा एवं इस में पकड धाकड़ होती रहेगी इस में कोई संदेह नहीं है | २७-०१-२०१७ को जब शनि अपनी राशी परिवर्तित करेंगा उस के बाद अभियान और अधिक तेज हो जायेगा | -- मंगल भवन  अमंगल  हारी, द

नहीं सुधरेंगे भारत पाक सम्बन्ध

नहीं सुधरेंगे पाक भारत सम्बन्ध इन दिनों देश में नोट बंदी को लेकर देश में गरीबो की लाचारी अभी दूर नहीं होंगी बल्कि दिन प्रति दिन बढ़ेगी |जिस का मुख्य कारन धन के आभाव के साथ साथ बाजारों में महगाई का बढ़ जाना है |इन दिनों व्यापार का कारक बुद्ध धनु राशी एवं मुला नक्षत्र में है एवं सूर्य शनि जेष्ठा नक्षत्र में होने के कारन सरकार को कार्य करने में दिन प्रति दिन बाधा बढ़ेगी |अन्तंक बाद एवं जम्मू कश्मीर की समस्या दिन प्रति दिन बढ़े पैमाने पर बढ़ क्र उभरेंगी | यानि पाक एवं हिनुस्थान का होने की सम्भावना है लेकिन उस का रूप लुका छिपी बाला ही रहेगा |लेकिन देश कंद्र व्याप्त भ्रष्टाचार एवं पार्टी की आन्तरिक कलह भी मोदी सरकार की इजत खराब करेंगी | मोदी सरकार के लिए समस्या जब सूर्य शनि के साथ मंगल की राशी में होगा और अधिक हो जाएगी यानि भारत एवं पाक के सम्बन्ध भविष्य में सुधरेंगे एसी सम्भावना कम रहेगी |अत आतंकबाद का शया भारत सरकार की नीद खराब करेंगा | -- मंगल भवन  अमंगल  हारी, द्र्वयु सो  दशरथ  अजर बिहारी | दीन दयाल  विरद  सम भारी,   हरयो  नाथ  मम शंकट भ

देश में आन्तरिक कलह के असार

नहीं सुधरेंगे सामाजिक हालत देश में बाह अंत कलह के असार ज्योतिषीय द्रष्टि से मार्ग शीर्ष मास में पांच मंगल होने के कारन समय जनता के हित में नहीं है | इन दिनों मंगल अपनी उच्च राशी में है एवं शनि की मंगल पर द्रष्टि है | शनि जनता का कारक है | अत इन दिनों जनता के शुख चैन की कमी रहेगी |इस के साथ साथ राहू के सूर्य की राशी सिंह में होना एवं वर्श्चिक राशी में शनि एवं बुध की युति होना व्यापरियों के लिए बिलकुल अछी नहीं है | अत इन दिनों शासक एवं जनता के बीच मधुर समंध नहीं रहेंगे | मुद्रा को लेकर जगह जगह धरने एवं अशांति होगी | बाज़ार के हालत दिन प्रति दिन ख़राब होंगे |एवं पाक के सीमा आतंकबाद पहले की तरह ही जारी रहेंगे | देश में राज नेतायो के सीत युद्ध के कारन देश की गरीब जनता परेशान होंगी |लेकिन १५ दिसम्बर के बाद जब सूर्य धनु राशी में आयेगा तब सुधार संभव है इसके बाद १८ दिसम्बर को वुध धनु रासी में आयेगा तब सुधार संभव है | जब १५ नबम्बर को सूर्य मंगल की राशी वर्श्चिक आने के कारन देश का कानून और भी शक्ति से कार्य करेगा जिस के तेहित आय से अधिक सम्पति मामले म

आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ

--  सभी ग्रहों की बाधा ये शांत करता है आदित्य ह्र्दय स्त्रोत पाठएवं सूर्य उपसना सूर्य ब्रह्मांड के नायक है सभी ग्रह अपने क्रांतिय पथ पर सूर्य के इर्द गर्द ही चक्र लगते है | अभी ग्रह अपना काम भी सूर्य के प्रकाश से करते है |इस में कोई संदेह नहीं है | इस लिए सभी ग्रहों में सूर्य का बल सर्व ऊपर माना जाता है |यही करण है वैदिक काल से ही लोग सूर्य के उपासक रहे है मानस काल में भगवान श्री राम द्वरा शास्त्रू नास हेतु आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करते थे | सूर्य के एसा ग्रह है जिस की उपसना से तत्काल प्रभाव मिलता है |महाभारत काल में करण की उत्पत्ति सूर्य उपसना की ही देन है | इतना ही नहीं द्रोपती को अक्षय पात्र जिस का भोजन जब ही समाप्त होता था जब खाना बनाने बाली स्याम खाना खाले द्रोपती को सूर्य की उपसना से ही मिला था |प्राचीन काल से अनेक ऋषि मुनि सूर्य के उपसाक माने जाते है |जिस की कुंडली में सूर्य का राज्य योग हो वह इस प्रथ्वी पर सम्राट होता है एवं दुनियां पर राज्य करता है | सूर्य के उच्च नवांश एवं उच्च राशी में होने से जातक को ह्रदय की पीढ़ा कम रहती है एवं स

छोटी दीपावली नरकासुर चौदस

दिवाली से एक दिन पूर्ब नरकासुर चोद्श का दिन आता है  जिसे लोग  छोटी दिवाली  कहते  है | जेसे दीपावली की कथा  भगवानश्री राम के बनबास काल के बपुसी के बाद  राम राज्य से जुडी है | इसी प्रकार  छोटी  दीपावली की कथा  श्री क्रष्ण  अबतार से जुडी है | भगवान क्रष्ण ने इस दिन  भामसुर  नामक असुर  के कारागार से देवराज इंद्र के आग्रह पर  सोलह हजार एक सो  कन्याओ को मुक्त कराया था |जिन से भगवान श्री क्रष्ण का बाद में विवहा हूआ था | इसी कारन भगवान श्री क्रष्ण के सोलह हजार एक सो आठ विवाहा माने जाते है | भामसुर के करागार से कन्याओ की मुक्ति की  खुशी में लोगो  ने दीप दान किया  एवं श्री क्रष्ण की विध वत पूजा करी | उसी दिन से लोग  इस दिन को  दीपावली के रूप में  मानतेहै  | जिसे छोटी दिवाली कहते है |अत छोटी दीपावली अध्यात्मक पर्व है  इस दिन  भगवान श्री क्रष्ण का  विध वत पूजन होता  है |  आप सभी को  छोटी दीपावली की ढेर सारी शुभ कामनाये यह दिन आप सभी को ज्ञान वर्धि क्र अज्ञानता का नास करे  एवं सुख समर्धि प्रदान करे | शुभ दीपावली  -- मंगल भवन  अमंगल  हारी, द्र्वयु सो  दशरथ  अजर बिहारी | दीन दयाल  विर

दीपावली पूजन वर्ष २०१६

दीपावली का महा पर्ब यानि ज्ञान एवं समर्धि का प्रकाश परब दिनाक ३०-१०-२०१६ दिन रविवार नक्षत्र चित्रा योग प्रति कारन चर को होगा इस दिन चन्द्र तुला राशी में होंगे | ज्योतिष की एसी मान्यता है जिस वर्ष मंगलवार एवं रविवार की दीवली पड़े उस वर्ष खुशहाली किसान को मिलती है एवं सरकार एवं राष्ट को भी अच्छी सफलता मिलती है | दीपावली बाले दिन चित्रा नक्षत्र पड़ने के कारण इस योग की प्रबलता और अधिक बड जाती है | अत दिवाली के बाद केंद्र सरकार को विश्व स्थर पर सहयोग मिलेगा जो पाक के आतंकबाद पर भारी पड़ेगा | इस वर्ष देश का किसान को खेती में अच्छी पैदा होने एवं भाव अछे होने के कारन अच्छी सफलता मिलेगी | लेकिन सरकार की निति व्यापारियों के अति अधिक हित में नहीं होगी |सरकार नयी कर निति भी बाजार में बहुत बड़ा परिवर्तन नहीं ला सकेगी इस के साथ साथ देश की सरकार की पहनी निगाहे व्यापारियों के लाभ पर होंगी अत व्यापर में पारदर्शता अधिक होने के कारन काले बाजारी की कमी होगी एवं क्षेत्रीय बाज़ार के व्यापारियों के लाभ कम होंगे एवं अंतर राष्टीय स्थर पर व्यापार करने बालो को

धन तेरस पूजन

कल दिनांक २८-१०-२०१६ को धन तेरश कल दिनाक २८-१०-२०१६ दिन शुक्रवार हसथ नक्षत्र एवं व् कारन में धन तेरश का पर्ब मनाया जायेगा | इस दिन धन के देवता धन्वानरी जी का पूजन होता है | धन तेरशबाले दिन समुद्र मंथन से अम्रत कलश के साथ धन्वन्तर जी की उत्पत्ति हूई थी | अम्रत को लेकर देव दानवो में झगडा शुरू हूआ जिस के कारन भगवान् मोहनी का अबतार हूआ धन्वन्तरी जिस समय अम्रत कलश को लेकर देत्यो के कारन दौड़ रहे थे | तभी उस अम्रत कलश में से जिन चार जगहों पर अम्रत की बूदे गिरी उन्ही जगह पर प्रतेक तीसरी साल कुम्भ का प्रब लगता है | इस दिन वर्तन जिसे कलश का प्रतीक मन जाता है |धन तेरश निरोगता का दिन है क्योकि इस दिन धन्वन्तरी महाराज जो वैधओ के देव है उत्पन्न हूए | नया खरीदा गया वर्तन अम्रत कलश का रूप है जिसे घर में स्थापित किया जाता है |अकाल म्रत्यु आदि को दूर करने हेतु यमराज को टिल के तेल का दीप दिया जाता है | इसी दिन से दीपावली की शुभ आरंभ माना जाता है अत इस दिन लक्ष्मी का भी पूजन होता है |इसी लिए सभी मांगलिक कार्य धन्तेरश ही शुरू होती है | जो साधक धन्ते

रावण बध की अजीब लीला

कल विजय दसमी है इसदिन भगवान श्रीराम ने अहिकारीउसरावणकेवधकियाथा जोवेदों काज्ञाताहोनेके कारन बलवानकहलाया दशमुखउसकी वुदुताकेप्रतीकहै | इतना बलसालीथा बीस भुजा उसके बलका प्रतीक है | एवं इतनाधन वान की उसकी सोनेकीलंका थी| अगर परिवार वैभवजिस परलोगघमंडकरते है तोउसका मेघनाथसाबेटा जिसने देवराजइंद्रको बंदी बनालियाथा|इतनाहीनहीं उसका भाई कुम्भकर्ण कमबलबान नहीं थे|पत्नीमंदोदरी रूपबान शुसिल एवंपतिव्रतधर्मको निभानेबलीथी| रावण केदोषोंकी बातकरे तो निष्कर्ष एकहीनिकलता है| यहसभी गुणएवंधर्मउसके अंदरहोनेके बाद यहहीबात निकलकर आती हैकीरावण नेअपनीशिक्षाकाउपयोग मनबता केविरुद्धकिया एवं परायीस्त्री केहरणका दोषीथा| बलएवंधनके अहिकार ने बलएवंविद्याबैभवशालीरावणको आतंकबादी बनादियाजिसका सदियोंसेपुतलेजलते है वहराम जिनकेसाथ न धनबलथा नस्त्रीबलथा न रावणजैसापरिवारिक बलथा| भगवानश्रीरामबनबासीथे इसलिए राज्यकी प्रभुतासाथनही थी| धर्म,सत्य शीलता सदाचारएवंस्यामके बलपर बिजयपाने में सफल हूए भगवानरामकेसमयभ्रष्टाचारपुरेवि श्वकी समस्याथी जो बड़ी भयाकथी|स्यामनियमएवं धर्म शीलताके बलपर रावणकोजित कररामविश्वविजयी हूए | अत

माँ भगवती कत्यानी

आओ कल पूजन करे करुणामयीदेवीकत्यानीका नवरात्रिके छटवेदिन भगवती कात्यानी देवी केपूजनका विधान है| कहाजाताहैकि पराचीन काल मेंएककर्त नामके ऋषिहूए जिनकेपुत्रका नामकात्यान था| कात्यान मुनिके कोईसंतान नहींथी|अतसंतानप्राप्तहेतु माँ भगवतीकी आराधनाकरी ऋषिकी कठोरतपस्यासेप्रशन्न होकर देवी ने मुनि केयहासंतान होने कावरदान दिया | उनदिनों महिषासुर असुरका अत्याचारप्रथ्वीपर बड़ाहूआ था | देवोकेअवाहनपरदेवीउत्पत्तिएवं अबतार हूआ| इससमय माँभगवती कात्यान मुनिकी संतानबनी एवं कात्यान मुनि नेदेवीका विधिवतपूजन किया जिसकेकारनमाँ भगवती का नाम कत्यानी पड़ा|छठेदिनदेवीकेइसरूपकीपूजाहो तीहै|माँकत्यानी चतुर्भुजाबाली है|देवीके एकहाथमेंतलवारएवं एकहाथमें पुष्प है|देवीकापुष्पबाला हाथ अश्रीवादमुद्रामें है|माँभगवतीभक्तो काकल्याणकरने बाली हैइससमयमाँकेभक्तका मनध्यानमुद्रामें होता है|आओमाँ के इसस्वरूप कीपूजा कर आनन्दकोप्राप्तकरे -- मंगल भवन  अमंगल  हारी, द्र्वयु सो  दशरथ  अजर बिहारी | दीन दयाल  विरद  सम भारी,   हरयो  नाथ  मम शंकट भारी .||. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                  

स्कन्द माता पूजन

--  कल नवरात्रिका पंचमा नवरात्रि है | इसदिन माँ भगवतीके पांचवेरूप जिस का नाम स्कन्द माता है| केरूपकीपूजा होती है| स्कन्दमाता सिंह परआरुढ़ है | माँके चार भुजा है| स्कन्दमाताको भगवानशिवके पुत्र कार्तिकका माँ मनजाता है|कार्तिक जीके नामके आधार परदेवी का नाम स्कंद माता है| देवीके इसरूपकीपूजा नव रात्रि के पांचवेरोजहोती है| भगवान कार्तिके देवा सुर संग्राम में देवो के सेनापति बने थे |माँ स्कन्द माता अपने भक्तो के सभी अबगुन दूर कर साधक की सभी कामनाये पूरण करती है |स्कन्द माता की चार भुजा कमल पुष्प संख अदि से शोभमान्य है |दाये तरभ की नीचे का हाथ आशीर्वाद की अबस्था में उपर की और आशीवाद मुद्रा में है | माँ स्कन्द माता भक्तो के बड़े से बड़े शंकट को दूर कर अपने भक्त को निर्भय करती है | इस में कोई संदेह नहीं है | मंगल भवन  अमंगल  हारी, द्र्वयु सो  दशरथ  अजर बिहारी | दीन दयाल  विरद  सम भारी,   हरयो  नाथ  मम शंकट भारी .||. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryana

दुर्गा सप्त सती पाठ का महत्व

सप्तसती के माध्यम चरित्र के गुणगान से निर्धन भी बनता है धनवान मार्कंडेयपुराण देवीसप्तसती में माँ भगवतीके तीन चरित्र है| प्रथमचरित्र जिसका एक अध्यायहै| अधत्मक कीदेवी महाकाली का है| यानिमाँ महाकाली जीव केअंदर संचारहोने बाली अधयातकशक्ति है जोसांसारिक बन्धनोंको काट कर भवसागर से पार करती है| दूसराचरित्र महा लक्ष्मीका है जो धनकी देवी है एवंगुणोंकाभंडारहै कुछलोग धनकोही लक्ष्मी मानतेहै जबकी एसा नहींहै| यानिलक्ष्मी गुणों लक्षणों को कहाजाताहै| अत माध्यमचरित्र हमें अन्य शिखने तथा ईश्वरीयशक्तिपर भरोषा कर संसारकेदुखोकोदूर करने कीप्रेनादेताहै| दुर्गासप्तसतीमेंअंतिम चरित्र उतम चरित्र है यहचरित्र शिक्षाकीदेवी सरस्वतीकाहै|शिक्षा जीवनकासबसेउतमधनहै जिसे संस्कारकान्हाजाताहै यानिदेवीकेमाध्यमचरित्रएवं उतमचरित्रका तात्पर्य एक ही है| शिखना अध्यनकरना वैसे यहसम्पुरणशास्त्र शिखने ग्रहणकरनेकीशिखादेताहै|तथातीनो चारित्रिकशिक्षा लोकिकनहीं अलोकिकहै|वसअंतरकेबलइतनाहै की प्रथमचरित्र प्रतक्ष है अन्य दोचरित्र अप्रतिक्ष है अत दुर्गासप्तसतीका प्रतिदिन पाठ करनेसेदेवीकीक्रपारुपीशक्ति हरहाल में प्रतक्षरूप

प्रथम नव रात्रि शैल पुत्री का पूजन दो दिन

--  इस बार माँ भगवतीशैलपुत्री प्रथमदेवी का पूजनदोदिन होगा यानि नवरात्रि महा पर्ब ०१ अक्टोबर२०१६ दिनशनिवार हस्ता नक्षत्र से शुरू हो रहा है | इसबार तिथि मान प्रतिपदा काशुभ आरंभदेरीसे होने केकारन प्रतिपदा का नवरात्रि दोदिन शनिवार एवं रविवार को मान्या जायेगा|वैसे ज्योतिष अनुसार नवरात्रि केदिनोंकाबढ़ना शुभ होता है| एवं इसवार नवरात्रिकाशुभ आरंभ शनिवार सेहोने केकारन पाक केसाथयुद्धके पूरणसंकेत बनरहे है| जिस में भारतका आत्म निर्भरता एवं विश्वस्थरपर सामान मिलेगा| आओ माँ भगवती के जैय कार केसाथ राष्ट के सफलता की मंगल कामनाकरे| मंगल भवन  अमंगल  हारी, द्र्वयु सो  दशरथ  अजर बिहारी | दीन दयाल  विरद  सम भारी,   हरयो  नाथ  मम शंकट भारी .|| --  मंगल भवन  अमंगल  हारी, द्र्वयु सो  दशरथ  अजर बिहारी | दीन दयाल  विरद  सम भारी,   हरयो  नाथ  मम शंकट भारी .||. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http://vedicastrologyandvaastu.blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan  Rs 500 vaastu visit

नव चंडी का पाठ एवं निर्वाण मन्त्र

--  शनि एवं राहू कीशांति करे देवीके नवचंडीपाठ एवं निर्वाण मन्त्र से ०१ -१०-२०१६ दिनशनिवार सेनवरात्री महापर्ब एक अनोखी झलक लेकर आरहा है| इसवार नवरात्रिपर्ब काशुभआरंभदिन शनिवार हस्तनक्षत्र ब्रह्मयोग कि कारनसे होरहा है इसदिन चन्द्र कन्याराशीमें होगा| वैसेदेवीकानिर्माण मन्त्र एवं दुर्गा सप्तसतीका पाठ सभी रोग ए वं शोकका नास करने बाला होता है | इस में शरद कालीन नवरात्रीयो का विशेष महत्व है | जिनजातकोपर राहू की नकारात्मक दशा है या शनि की नकारत्मक दशा या शनिकी साढ़ेसाती का प्रकोप है| तो देवीका नवचंडीपाठ कराये एवंदेवी केनिर्माण मन्त्र काजप एवं कलेतिल साबुतउर्द शहद बड़ी इलायची लोग एवं जायफल केसाथ देवीकाहवनभी करे | देवी केनिर्माण मन्त्र के साथ सम्लित सामग्रीकी प्रतिदिन १०८ आहुति अबस्य दें| इस प्रकार देवीकेनिर्माणमन्त्रका०९दिन जाप एवंसप्तसतीके ०८ पाठ कर नॉवे पाठ के साथ हवन कराये एवं कन्यायो कोभोजन कराकर माँ भगवतीका आशीवाद लें| नौदिन खानपीन सयम आचरणका ध्यानरखे| माँ भगवती क्रपा अब्स्य करेगी | मंगल भवन  अमंगल  हारी, द्र्वयु सो  दशरथ  अजर बिहारी | दीन दयाल  विरद  सम भारी,  

भारत पाक युद्ध

पाक के साथ युद्ध होना संभव इन दिनों गुरु जैसा ग्रह बक्री है| ज्योतिषमें गुरुकानूनका कारक है| एवं राहू जैसे ग्रह सूर्य की राशी सिंह में है| पक्स्थान की राशी कन्या है जिसमेंसूर्यकागोचर चल रहा है | कन्या राशीकीकुंडलीमें सिंह राशीका राहू बंधन बनताहै| अत यहसमय पाकिस्थान केलिए बिल कुल ठीक नहीं है | इसकेसाथसाथ राहू जैसाग्रह को ज्योतिष में मलक्ष ग्रह एवं इस्लाम काकारकमानागया है | अत राहू कासिंहराशीमें होना पाकिस्थानके लिए बिकूलठीकनहीं है| इस के साथ साथ मंगल अपनी उच्चराशी कात्याग कर गुरुकी राशी धनुमें है जो इन् दिनों बक्री है| अतदोनोंदेशोमें कानूनव्यवस्था बिगड़ेगी सेना अपना कार्य करगी | लेकिनयहयुद्ध अति भायनक नहीं होगा क्योकि वुधजैसे ग्रह के मार्गी होने के कारन बीचबीच में बीराम स्थतिहोगी| इसकेसाथ साथ इसयुद्ध बुधकेकरक तत्व जिन्हेंसमझोता मेंव्यापर अदि गति विधि समझोते एवं एकदुसरेदेशको आर्थिक रूपसे कमजोर करना मिडिया केमाध्यमसे एक दुसरे के भयनकआलोचक बना रहना| यानियह युद्ध एसा युद्धहोगा जो शास्त्रएवंसैनिकबल पर अकेलाही नहीं एनी कूटनीतियोंकासहारा लेना अति अबस्य्क होगा| यह युद्ध पा

निरंतर बढ़ेगा आतंकबाद का शाया

निरंतर बढ़ेगा आतंककाशाया इनदिनोंराहू जैसा मलक्ष सूर्यकी राशीसिंहमें गोचर क्ररहाहै एवं सिंहराशीकास्वमीसूर्य कन्याराशी में आगयाहै जो वुधएवं गुरुजैसे शुभग्रहोंके साथ है|एवं बलएवं सेना काकारक मंगलभी शनिकेसाथ अपनीराशी वर्श्चिक में है अत इनदिनों दोराशी सिंहएवं वर्श्चिक पर ग्रहणयोग बना होया है | जिससे सरकारएवं सेना दोनोंको शंक्त उठाने पड़ेगे एवं आतंकबादीभारी गतिवुधियोकासामनाकरना पड़ेगा| अध्यपि सूर्यकाकन्याराशी में गुरुएवं बुधकेसाथहोना२३ सितम्बर२०१६ केबाद सरकारकीसफलता दर्शारही है | लेकिन इनदिनों सरकार को आतंकबादको ख़त्मकरने केलिए एडीचोटी काजौरलगानाहोगा| इनदिनों जोग्रहोंकागौचर बनाहूआ है उससे युद्धकीसम्भावना अधिक दिखालायीदेरही है|एवं पक्स्थानको करारी हार कामुकबला करनापड़ेगा|लेकिन भारतकोकाफीधनजनकी हानि झेलनीहोगी| इस में कोईसंदेहनहीं है| -- मंगल भवन  अमंगल  हारी, द्र्वयु सो  दशरथ  अजर बिहारी | दीन दयाल  विरद  सम भारी,   हरयो  नाथ  मम शंकट भारी .||. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.co

समाज एवं सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार

--  देश में समाजएवं सरकार मेंव्याप्तभ्रष्टाचार आज गरीब नागरीकोके जनजीवनको तह्श नहशकरनेलगा है | आज भ्रष्टाचार उस दीमककी तरह समाज एवं सरकार दोनों में इस प्रकारव्याप्त कीगरीब इमानदारव्यक्तिका जन जीवन पूरीतरह तहसनहस करदिया है| आज भ्रष्टाचार के चलतेकिसीराजनेता ,अधिकारी, वकील न्यायधीश पुलिसअधिकारी जो उच्च होदो पर बेठे है जिनसे एक आम नागरिको भारी उमीदहोनी चाहिए वहा भय व्याप्त है| आजइस देशका गरीब आदमी देशकी व्यवस्थापर भरोसा तोनही कर पा रहा है| बल्किभयभीत है| यदपि भ्रष्टाचार नेदेशकीव्यवस्थाकाबुराहाल बनारखा है | लेकिन पुलिसएवन्यायव्यवस्था इनसभीमें सबसे अधिक चौकानेबाली सिद्धहोती है| जिसकी जरूयत समाजको सबसे अधिकहोती है| जबकोई गरीब व्यक्ति कानूनकेपचड़ेमें फंसता है | तब न्यालयमें बेठेन्यायधीश में वह भगवान का रूपदेखता है और वहयह भूलजता है कि इंसानियतका गलाघोटने बाले सेतान देशके न्यालयोमें भी बिराजमान है | जिसकेबल पर ब्यरोक्रसी बेठे लोग निर्भीक होकर भ्रष्टाचार करते रहते है | आजदेश के गरीबव्यक्ति को देशकी अदालतोंसे तारिख हीमिलती है न्यायनहीं| औरइसव्यवस्थामें हरअवस्थामें बकील ह

सिद्ध विनायक गणेश चतुर्थी के दर्शन निषेध

सिद्धविनायक गणेशचतुर्थीकोचन्द्रदर्शन निषेद सिद्ध विनायक गणेशचतुर्थी हिन्दूओकाबड़ा पावनपर्व है | महाराष्टके साथसाथ पुरेहिन्दुस्थानमें गणेशपूजनकीधूममचीरहती है| यहदिनसभी कामनायोकोपूरणकरने बाला माना जाता है| लेकिनभूलक्रभी अपनेरात्रिमें इसतिथिको चन्द्रदर्शनकर लिए तोआपको कोईनकोईकलकअबस्य लगजायेगा इसमें कोईसंदेह नहीं है| भगवतपूरण के अनुसार भगवान श्रीक्रष्ण पर मणि चोरीका आरोप इसीदिन चन्द्र दर्शनके कारनलगाथा जो सत्यभामाकेपिता सत्यजीत द्वारलगयागयाथा|जबभगवान श्री क्रष्णद्वरा जम्बंत जीकेपास सेमणिलाकरदेदीथी |जिसकेकारनसत्यजितकोबनीशर्मादगी हूईएवं उस ने अपनीबेटीकाविवहा भगवान् श्रीक्रष्णसे क्रदियाथा| बादमें यहपायागया यहसारी घटना कलकचौथके चन्द्रदर्शन केकारनहूआ| इसके साथसाथ मानस में भीइसका वररन मिलता है |जबआप मानस केपंचमशौपन सुंदरकांडमें प्रवेशकरते है | वहापर मंदोदरी लंकादेहन केबादअपनेपति रावणको सीताको राम को वापिसदेने एवंचौथकेचन्द्र की तरह त्यागदेने कीसलहादेती है| यानि इतनाख़राब होताहै कलकचतुर्थीकाचन्द्र अगरनइसके दर्शनकोई भूलक्र भी क्रलें तो भी वर्षकेअंदरकोईनकोईझूठाआरोप अबस्य लगेगा|

मनकी बात

कुछ दिन पहले देश की सर्वोच्च न्यालय द्वरा एक याचिका करतासे यहकह दियाकि हमारेआदेश पास करने परक्या रामराज्य आयेगा| न्यालयकीयहटिपरी हमसभीलोगो कोइसऔरसोचनेकेलिए मजबूर करदेतेहै कि भ्रष्टाचारके चलते देशके हालत नियन्त्रसे बहरहै इसमेंकोईसंदेह नहीं| देशकेलोकतांत्रिक ढाचा जिन हालतोंसे गुजररहा है| उससेएसालगता किहमारेदेशमेंव्याप्त भ्रष्टाचार उन शहीदोंके मनोबलकी भीपरीक्षालेने लगाहै |जिन्होंने इसदेशको आजाद करनेमें अपनेप्राण नौछाबर करदिए| मेने अपनेजीवनका अधिकतरहिस्सा भ्रष्टाचारकेखिलाप लड़तेहूए बितायाहै| जिसे देखतेहूए अब मुझे यहलगनेलगाहै कि हमसे वहलोग श्रेष्टहै जो भ्रष्टआचरणका सहारा लेते है एवं भ्रष्ट नीतियोंकेसाथसमझोताकर सफलता हासिल करलेतेहै| आजसमाजकीदशायहकि लोग बागला, गाड़ी,एसी, धन. बिलासता जातिएवंधर्म सभीकुछजानते है लेकिन राष्टको नहीं| हेरानीकीबातजबहोतीहै सरकार मेंबेठे वहराजनेता जो जनताका भरी भरोशा जीत ते है राष्टभक्ति का चौलापहन कर भयानक मगरमच्छया याउसभेड़िया कीतरहहोते है जिस सेबचपाना न मुनकिल होताहै तो भ्रष्टाचारकी वेदनाऔरबढ़जाती हैएवं सचाई ईमानदारी समाज में कमजोर प

क्रष्ण पूजन विधान

--  ॐ क्ली गोविन्दाय ,राधाबल्ल्भाये गोविन्दाये गोपीबल्ल्भाय स्वहा मन्त्रद्वराक्रष्णजन्म अष्टमीसे भगवान श्रीक्रष्णकीछटी तक निरंतरपूजनएवं जपतथा हवन करनेसे सधककीसभी कामनाये पूरण होतीहै| साधक इसमन्त्रके द्वरा काले तिलोंसे१०८ आहुति डाले एवं विधिवत पूजनकर ब्रह्मणोंको श्रद्धाएवं दक्षिणासहित भोजनकराए एवं प्रतेकमहाकीसप्तमीको व्रत रखे एवं तिलोंकेद्वरा लिखेगएमन्त्रसे हवनकरे| एवंसाधकस्वयम बिल्वफलएवं षडरस सहित भोजन प्रतेकसप्तमीको करे एवं गोसेवाया गोदानका संकल्व लें एवं गोविन्दकानिरंतरध्यानकरे एसा करने से साधक की सभी कामनाये पूरण होती है |इसमेंकोईसंदेहनहीं है| आपसभीको नन्दउत्सवकी बहुत बहुत बधाई कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan  Rs 500 Central ba

श्री कर्षण जन्म की बधाई

--  करुना अबतार भगवानश्रीक्रष्णकेजन्मकी आपको बहुतअधिक बधाई आपसभीभक्तएवं मित्रगणों को आजका उत्सव आनंदएवं भक्ति से परिपूरन हो करुनाअबतारभगवान श्रीक्रष्ण का जन्म भद्रमासक्रष्णपक्ष अष्टमी दिनबुधवार अर्धरात्रि के अभिजितमहूर्त[११.४० से१२.२० जोप्रतिदिन होताहै] कोमथुरा के बंदीग्रह में देवकीएवं बासुदेवके यहाँहूआ| शास्त्रोंके अनुसार भगवान जोसर्वब्यप्त है को जन्मएवं म्रत्यु नहीं होतीहै इसलिए यहजन्मकालनहीं प्रकटनकाल था | जब भगवानअपने भक्तोके उदारएवं पैदाअसुर कंस, बकासुर अकसुर पूतना एवं वर्तासुर ज्रासिस्न्ध कल्याबन जैसे असुरोकाभ्रष्टाचार इसप्रथ्वी परभयानकरूपलें चूका था| एकबात भक्तोएवं मित्रोकोसमझनीहोगी किइसस्रष्टिकानिर्माण भगवानकी इच्छा एवं शंक्ल्ब पर हूआ जोएककल्पतकइसस्रष्टिका संचालन करते है| इसीलिए इसस्रष्टि में नैतिकमूल्योंकी रक्षाकरना भगवानकाही कार्य है | इसीलिए प्राकतिकसंतुलन बनाने एवंनेतिकमूल्योंके संरक्षण तथाभक्तोकीगतिकेलिए प्रभु हर युग में अबतारलेते है| एवं अनेकलोकशिक्षा हेतुलोकलीलाकरतेहूए अपनेभक्तजो निरंतर उनकेचरणों का चिंतन करते हूए आनंदसागरमें मंगन रहते है एसे शरणागत

सिघरा तीज का पूजन

सिघरा तीज को करे शिव गौरी पूजन ०५ -०८ -२०१६ दिन शुक्रनक्षत्र पुर्बाफाग्नी को सिघरातीजहै | इसदिन गौरीएवंभगवानशिव केपूजनकाविशेष विधान है| इसदिन पंचाम्रतसे भगवानशिव एवं गौरी काविधिवत पूजन करनेसे सभी कामनाये पूरण होतीहै| इसदिन मंगलागौरी केपूजनमें सभी श्रंगारकी वास्तु योसे सौभाग्वती स्त्रियों पूजन करनेसे माँ भगवतीकी क्रपासे परिवार में सुख समर्धि एवंपरिवारकशांति प्रदान होती है| इस में कोई संदेह नहीं है | इसदिन गणेश गौरीएवं शिवकाविधिवत पूजन करने से मंगल कार्यपूरण होती है | अतयह पूजनसभी माताओ को शौभाग्य वर्धिकेलिए विधिवत करनीचाहिए एवंमाँ का आशीवाद प्राप्त करनाचाहिए -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan  Rs 500 Central bank a/c: SB no: CBIN028

स्वेत आर्क के फूलो से करे शिव का पूजन

भगवान आशुतोष को प्रशन्न करे स्वेत आर्ककेपुष्पपूजनसे भगवानशिवको आशुतोषकहाजाताहै यानि थोरेमें संतोष करनेवाले एवंसंतोष करनेबालेहै| भगवानशिव एकइसे दाता हैकि स्वयम केलिए उनकेपास कुछनहीं लेकिन भक्तो केलिएकोई कमीनहीं इसलिए संसार इनको ओडन दानीभी कहताहै| भोले नाथ जिसपर प्रशन्न हो वह भक्त दुनियांमें पीछे मुड कर ही नहींदेखताहै| भगवानशिवकापूजनभीअतियंत सहज सरल एवं सुगम है |बेलपत्र दुर्बा आक बैरागियो का प्रिय धतुरा गंगाजल एवं पंचाम्रत तथा फलो में निम्नकोटिकाफलबैर एवं लेपन में भसम भगवान शिवको विशेष प्रिय है लेकिन भोलेनाथ की पूजामें अगर आप नेस्वेतआर्क सामिल कर दिया तो फिर आशुतोष भगवानशिव आपपर प्रशन्न होनेमें कोई देरी नहीं लगायेगे| इसलिए भगवान शिव पर स्वेत आर्क के फूल चदना नहीं| स्वेतआर्क कोभगवान गणेशका स्वरूप माना जाता है यहएक औषधीय पौधा है इसका वास्तुदोष निवारण में भी विशेष महत्व है |इसीलिए श्रावण केमहीनेमें जब भी रुद्रा अभिषेकयाशिव मानसपूजा करे तोभोलेनाथ भगवानशिवको स्वेतआर्क चदना नभूले | ॐ नम शिवाय -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुध

श्रावण में शिव की पूजा

--  श्रावण मेंनित्य करे श्रावणी करम श्रावणमास सबसे उतम मासों में जानाजता है| इस मासमें मनाब भगवानशिव एवंशक्ति स्वरूपा माँभगवतीकीपूजाकर मनवां छित फल हीनहींप्राप्त करता है | अपितु अपनेसभी मानसरोगोंको धोताहै| हमारे शास्त्रों के अनुसार भगवानशिवको प्रथ्वी कादेवता मानाजाता है | प्रथ्वीकेदेवता होने के करण इनकी क्रपा मनाबको सहजता सेमिलजातीहै| दूसरा भगवानशिव को आसुतोष कहा जाताहै यानिजल्दी प्रशन्नहोने बाले| आकाशमंडल में रहनेबाले देवता जिव परप्रशन्नहोने एवं क्रपा करने में काफी समय लेते है | लेकिन भगवान शिव शीघ्रप्रशन्नहोने बाले एवंक्रपाकरने बाले माना जाता है|शास्त्रों में भगवानशिवको महादेवभी कहा जाताहै अर्थातभगवानशिव देवो अधिपतिहै| अतजिसपरभगवानशिव प्रशन्नहो उसकीसारीभावीख़त्म होजातीहै| लेकिनशिवजिस केबिपरीत हो उसेसरे संताप घेरलेते है| मानसमर्मग्य तुलसीदास के अनुसार भावी मिटाने समर्थ अगर हैतो भोलेनाथ में है| बाणासुर, सहस्रबाहू अर्जुन रावण काबल एवं अशुरय जो जगविख्यातहै| भगवानशिवकीक्रपा ही देन है| इतनाही नहीं भगवानश्रीराम भगवानश्रीक्रष्ण कुन्ती पुत्रअर्जुन भगवानशिवके आशीवादके बिना

हरिशयन एकादशी आज

                                                     आज दिनाक १५-०७-२०१६ को हरिशयनी एकादशी है इसदिन सेसन्यासियोंकोचातुर्मासशुरूहो ताहै|उत्तरीभारतबालेलोग हरीशयनएकादशीसे लेकर देवउठानएकादशीतक कोई विवहाअदिशुभकार्यनहींकरतेहै| उनकामाननहै इस दिनसेभगवानका शयनकालहै यानिभगवान विष्णुसोतेहै एवदेवउठानएकादशीकोजागतेहै| यदपिसहीमायनेमें तोभगवान कभीनहींसोते है | अगर भगवानसोजायंगेतो सारासंसारसो जायेगा लेकिनइसदिन सेयोगी जानोका चातुर्मासशुरूहोता है अतयहकाल भगवान की पूजा उपसनाकेलिएऔरभीबढ़जाताहै| इनदिनों में तीर्थकरना विष्णुसहस्रनामकापाठकरना गोवर्धनपरिक्रमाकरना नारायणगयात्रीमन्त्रकाजप करना गोसेवा करना ब्रह्मणोंकीसेवा करना भगवतकथा सुननाएवं भगवतकथाकरना एवंमौन ब्रतकरनाएवंब्रह्मचारियका पालनकरना सभीउतमसाधन कहेगए है| अतयेसाधन जीवकेलिए अतियंतशुखदाईहै| आज दिनाक १५-०७-२०१६ को हरिशयनी एकादशी है इसदिन सेसन्यासियोंकोचातुर्मासशुरूहो ताहै|उत्तरीभारतबालेलोग हरीशयनएकादशीसे लेकर देवउठानएकादशीतक कोई विवहाअदिशुभकार्यनहींकरतेहै| उनकामाननहै इस दिनसेभगवानका शयनकालहै यानिभगवान विष्णुसोतेहै एवदेवउठानएकाद