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channyi kee tavahi

janta ke liye kasht dayi rahega yh samy in dino mangal kee rashi vrshik men sury evam shani ke sath hai joyitish men shani janta ka kark hai us kee sury ke sath yuti shashak evm janta ke liye kasht dayi hoga jab tak 17-12-2015 tak sury rashi badal kr dhanu rashi men nahi ayega tab tak kendr sarkar evm rajy sarkaro men tanab brkrar rahega .

स्वान फ्ल्यू बढ़ने की सम्भावना

ख़राब मौसम एवं वर्षा के कारण बीमारी बढेगी बीमारियाँ  इन दिनों बुध राहू की युति कन्या राशी में होने के कारण मौसम निरंतर बदलेगा जिस के चलते ख़राब मौसम से अनेक नई बीमारी जन्म लेगी यह उती २९ -१० -२०१५ तक रहेगी |सी के बाद शुक्र का मंगल एवं गुरु के साथ होना अन्य नई बीमारियों को जन्म देगा इस समय स्वान फ्लुल्यु होने की सम्भावना है |अतलोगो से अनुरोध ३० नम्बर २०१५ तक मौसम के साथ अपना खान पीन एवं स्वस्थ का ख्याल रखे |बचाव मौसम का सबसे बड़ा उपचार है |इस मौसम में मधुमय उच्च रक्तचाप बाले लोगो को बचाव की जरूयत है | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs500 rs a/c 3066728313 C BI NO 284543

दिल्ली सरकार एवं दिल्ली पुलिस

पुलिस की छवि निरंतर ख़राब होगी  अश्वन मास में 05 मंगल है जिस से जनता एवं पुलिस के बीच टकराब की स्थति पैदा होगी |इस बीच दिल्ली सरकार एवं पुलिस के बीच तनाब बदने की सम्भावना है |यानि केंद्र एवं राज्यों के बीच तनाब एवं पुलिस तथा दिल्ली सरकार के बीच तनाब इन दिनों ०३ नबम्बर तक बना रहेगा |इस बीच जाताना को सरकार एवं पुलिस के बीच समानता  न होने के कारण हानी होने की सम्भावना है |

महा गौरी पूजन

महा गौरी के पूजन से सभी कामनाये सिद्ध होती है कल अष्टमी में लोग भगवती के महा गौरी स्वरूप का पूजन करेंगे |इसे करने से साधक की सभी साधनाए पूरण होती है |महा गौरी वह योगनी है जिस की आयु 08 तक की आयु बाली बलायो को कन्या कहा जाता है |महा गौरी देवी का एसा स्वरूप है जिस का पूजन से माँ भगवती की करुँना मिलती है |देवी महा गौरी के पूजन से भगवान् शिव की महती क्रपा जीव को मिलती है | भगवान् श्री राम को वर रूप में प्राप्त करने के लिए माँ गौरी का पूजन कर अश्रीवाद ग्रहण किया था |जिस के करने पर जानकी जी को भगवान् श्री राम पति रूप में मिले |अत महा गौरी के पंच उपचार से पूजन करने से माँ भगवती की अनुपम क्रपा साधक को मिलती है |एसा माना जाता है |आओ माँ भगवती दुर्गा के महा गौरी रूप पूजन कर जीवन को आनन्दित करे तथा माँ का अश्रीवाद ग्रहण करे एवं परम आनंद की प्राप्त करे |

देवी भगवती कत्यानी

दशेहरा बाले दिन माँ भगवती कत्यानी नेकिया था मसिससुर बध  लोग दसहरा बाले दिन रावण का पुतला फूकते है |तथा राम रावण का युध दिखलाते है रावण के साथ साथ मेघनाथ एवं कुम्भकरण का पुतला भी जलाते है |इस में कोई संदेह नहीं है |लेकिन एक घटना जो इन नवरात्रियो में विशेष मायना रखती है |वह मसिससुर बध  देवी कत्यानी जिन की उत्पति सभी देवो के तेज से अश्वन क्रष्ण पक्ष चौदश को हूई थी |इस देवी का प्रथम पूजन महर्षी कर्तके पुत्र कात्यान ने किया था |एवं माँ भगवती से बरदान माँगा था कि वह उनकी बेटी के रूप में स्थापित हो इसी कारण देवी भगवती कत्यानी कहलाई |देवी कत्यानी ही ब्र्जेस्वरी है |जिन की उपसना श्री क्रष्ण को अपने को अपने पति रूप में पाने के लिए किया था |दुर्गा सप्तसती के माध्यम चरित्र में लक्ष्मी के रूप में देवी कत्यानी की लीला का वरण है |माँ की यह कथा भक्तो को परमा आनन्द देने बाली है |महिसासुर मर्दनी देवी कत्यानी ने अश्वन शुक्ल पक्ष दसमी के दिन मायावी महिसासुर का बध कर असुर सम्राज समाप्त किया |जिस के बाद देवतायो ने जय घोष किया एवं शंख नाद किया एवं माँ भगवती की शुक्रादी क्षेत्र में स्तुति पूजा बंदन क

सभी कामनायो को पूरण करता देवी का निर्माण मन्त्र

माँ भगवती का निर्माण मन्त्र सभी कामनायो को पूरण करता है  माँ भगवती सभी की मनोकामनाए पूरण करने बाली है |यधपि दुर्गा सप्तसती में अनेक उदेश्य को लेकर अनेक मन्त्र दिए है |जिस के अनरूप पूजा करने से मनके अनरूप फलो की प्राप्ति होती है |जैसे देवी का बीज मन्त्र सभी कामनायो को पूरण करने बाला होता है |उसी प्रकार निर्माण मन्त्र भी जीवन के सभी उद्देश्यों की पूर्ति करता है |निर्वाण मन्त्र को सम्फुत मानकर सप्तसती का जो निरंतर पाठ करते है |उन की सभी कामनाये माँ भगवती शीघ्र पूरी करती है |ये मामला  चाहे कोट कचेहरी का हो या सामाजिक मान मर्दन या आर्थिक शंकट का हो या यश प्रतिष्टा से जुड़ा हो देवी का निर्माण मन्त्र सभी कार्यो में सफलता  देता है | जो साधक माँ भगवती की पांच उपचार से पूजा कर कें निर्वाण मन्त्र का जप या निर्वाण मन्त्र का सम्फ्त लगा कर दुर्गा सप्तसती के तीनो चरित्रों का पाठ करता है |एवं लगातार पाठ कर निर्वान मन्त्र से हवन एवं आरती पूजन करता है |उस की सभी कामनाये माँ भगवती पूरा करती है |इस में कोई संदेह नहीं है | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल स

माँ चन्द्र घंटा की पूजा

देवी चन्द्र घंटा की पूजा मानसिक विकारो को दूर करती है  नव दुर्गा की तीसरी देवी का नाम माँ चन्द्र घंटा है |यानि चन्द्र घंटा वह देवी है जो हमेसा मुस्कराती रहती है तथा जिस के चलने पर घंटो की आबाज आती है |एवं जिन के मष्तिक पर चन्द्र विराजमान है |एसी देवी की उपसना करने से मानसिक बाधा दूर होती है |यानि जिन को मानसिक रोग है जो मंद बुधिबाले है |या जिन की स्मरण शक्ति कमजोर हो गयी है |उन सभी साधको को भगवती चन्द्र घंटा की पूजा करनी चाहिए |देवी भगवती चन्द्र घंटा की विधवत पूजा करने से बिघ्न ही नहीं बल्कि मानसिक बल भी मजबूत होता है |माँ चन्द्र घंटा की पंच उपचार षोडश उपचार से नवरात्री में पूजा करने पर साधक की सभी कामना सफल होती है |इस में कोई संदेह नहीं है | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Profes

महा लक्ष्मी का व्रत का महत्व

05 अक्टूवर २०१५ को मनाये महालक्ष्मी व्रत  पितृ पक्ष में एक दिन तिथि सप्तमी का एसा आता है जिस दिन शुख समर्धि हेतु सभी महा लक्ष्मी का व्रत सौभ्य्वती महिला करती है |इस दिन श्राधका दोष नहीं लगता है |इस दिन व्रत करने से परिवार में पाप एवं संताप सभी से मुक्ति मिलती है |इस दिन पांच उपचार से देवी लक्ष्मी भगवती को स्नान करने से ऋण मुक्ति होती है एवं परिवार में समर्धि प्राप्त होती है |इस दिन जो महिला या पुर्ष लक्ष्मी सहस्र नाम का श्रद्धा से पाठ करते है |उस के परिवार पर भगवती की अनोखी अनुकम्पा बनी रहती है |अत इस दिन सभी महिलायों को भगवती का श्रद्धा पुर्बक व्रत करना चाहिए |तथा लक्ष्मी का पूजन नारायणी रूप में नारायण के साथ ही करना चाहिए | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs

गीता का १८ वा अध्याय देता है पितरो को शांति

पितृ पक्ष में करे गीता का पाठ  भगवान् श्री क्रष्ण द्वरा जो गीता कुरु क्षेत्र में सुनाई गयी  उस गीता का १८ व अध्याय जो भक्ति योग प्रधान है  का पाठ करने से आप को भगवान् श्री कर्षण की भक्ति तो मिलेगी ही  साथ ही साथ आपके पितरो की गति सुधरेगी तथा आप के परिवार को बल मिलेगा एवं परिवार किसी प्रकार की बाधा जिस का सम्बन्ध पितृ ऋण सम्बन्धित सभी परेशानी दूर होगी  तथा परिवार का कल्याण होगा |इस में कोई संदेह नहीं है |यधपि गीता का १८ वा अध्याय जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर जीवन को सहज बनाता है |अगर किसी की म्रत्यु कठिन हो तो गीता का १८ वा अध्याय का पाठ करने पर म्रत्यु सहज सरल  बन जाती है |अत आओ पितृ पक्ष में गीता का पाठ कर अपने पितरो को शांति दें तथा शांति प्रदान कर अपने जीवन को सरल बनायें | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaas

प्रथ्वी पर बास होता है पितृ पक्ष में पितरो का

श्रादओ में पितरो का वास होता है पितृ लोक  में  पितृ पक्ष में पितरो का बास म्रत्यु लोक में माना जाता है |यानि शास्त्रों का एसा मान ना है कि पितृ पक्ष में पितृ प्रथ्वी पर भ्रमण करते है | इसी लिए पितृ पक्ष में पितरो से प्रशन्न कर आशीवाद लिया जा सकता है |मानब के विशाल शरीर में वाम भाग पितरो का है |दायाभाग देवो का है |इसीलिए पितृ पक्ष में पितरो को बाम भाग में वसाया जाता है |एसा करने से पितरो को शांति एवं वंशजो को आशीवाद प्रदान होता है |इस में कोई संदेह नहीं है |अत आप सराद पक्ष में सराद कर पितरो से आशीवाद ग्रहण करे आप से अनुरोध है |पितरो को तर्पण  मार्जन अर्ध  ब्रह्मण भोजन द्रव्य दक्षिणा द्वरा प्रशन्न किया जा सकता है | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs1100/Patri,..

पितृ पक्ष जल द्वरा किया गया तर्पण देता है पितृ ऋण से मुक्ति

पितृ पक्ष में मानब द्वरा किया गया प्रतेक कर्म पितरो को शांति प्रदान करता है | जिस से मनाब का चुह्मुखी विकाश करता है | जब तक पितरो का अश्रीवाद प्रदान न हो मनाब का जभी विकास संभव है |अत मानब को प्रत दिन जल से तर्पण करना चाहिए  तथा पितरो को बामअंग में बास देना चाहिए |एसा करने से मनाब के पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है जिस से परिवार के विकाश कार्यो में सहयोग प्रदान होता है |अत आप के पास धन अदि की सुबधा न होने पर जल के तर्पण दवार अपना पितृ ऋण पूरा कर सकते हो | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan  Rs 500 Central bank a/c: SB no: CBIN0280314/3066728613

पितरो का श्राध परिवार में उत्पन्न बधायो से देता है -मुक्ति

आज दिनाक २८-०९ २०१५ की पुनमा से पितृ पक्ष की शुरुआत है |पितृ पक्ष में पितृ ऋण से मुक्ति एवं पितरो की प्रशांता हेतु कार्य किया जाता है | शास्त्रों अनुसार जैसे देव हमें सुख समर्धि देने में सक्षम है |उसी प्रकार पितृ हमारे बंस वर्धि में सहयक  एवं परिवार में आये शंकट ओ को दूर करने में सक्षम है |इस संसार में देवो एवं पितरो के अलग अलग कार्य है जो कार्य पितृ कर सकते है देव नहीं जो देव करते है पितृ नहीं |पितृ हमारे जीवन में इतने ही पूजा के अधिकारी है जितने देव | वह लोग बड़ी भूल करते है जो श्राध प्रब पर पितरो की पूजा नहीं  करते  उनके लिए आये दिन कोई न कोई मुसीबत बनी रहती है |जीवन में पितरो का आप के अनकूल होना अति अबश्यक है |मनाब द्वरा पितरो का सम्मान न करने पर पितरो की गति बिगड़ जाती है  जिस से वह प्रेत योनी को धारण कर अपने ही परिवार जिनको सहयोग देते है |दुःख देने लगते है |एसी स्थति में मनाब जीवन शंकट में पड़ जाता है |यह बाधा मनाब के  पारिवारिक हर कार्य में बाधा देने लगती है | जब मनुष्य के जीवन में संतान का न होना  संतान का बिकाश न होना , संतान की जीवन गति बिगरना , संतान को किसी भी कार्य

२८ सितम्बर २०१५ के चन्द्र ग्रहण का प्रभाव

चन्द्र ग्रहण का देश के पछमी भाग एवं अरबदेशो पर पड़ेगा प्राक्रतिक प्रभाव  २८ सितम्बर २०१५ को होने बाले चन्द्र ग्रहण का प्रभाव पुरे देश में तो नहीं लेकिन देश के पक्ष्मी हिस्से में प्रभाव होगा |इस के साथ साथ अरब देशो में भी इसका प्रतकूल देखनो को मिल सकता है |चन्द्र ग्रहण का सीधा सम्बन्ध जल से होने के कारण समुद्र से सबंधित घटना घटित होने की पूरी संभवना है |चन्द्र ग्रहण के एक सप्ताहां पूरब एवं एक साप्ताहा बाद तक कमजोर मन बाले जातको को यात्रा से बंचित रखना चाहिए यह ग्रहण उतरा भाद प्रद नक्षत्र एवं मीन राशी में लगेगा |अत मीन राशी बाले जातको को या उन जातको को जिन की कुंडली में गुरु की भूमिका कमजोर है |किसी अप्रिय घटना से बचना चाहिए | ग्रहण कालमें विष्णू सहस्र नाम का पाठ एवं अपने इष्ट का पाठ जप तथा गायत्री मन्त्र का जप हित कर सिद्ध होगा | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                            

राधे अष्टमी की बधाई

करुणामयी शक्ति है -राधे रानी  जहाँ क्रष्ण लीला एवं क्रष्ण अबतार की सफल रह्श्यकी कथा का शुभ आरंभ माना जाता है वह राधे रानी  अगर हम राधे शव्द का संधि विच्छेद करे तो इस प्रकार बनता है -रहा +धेये  =राधे यानि राधे वह शक्ति है आप के जीवन का मार्ग दर्शन कर आप को कर्षण चरणों में लगाती है |जब तक जीव राधे के शरण गामी नहीं तब तक भगवान् श्री क्रष्ण के प्रति आप की अभी रूचि होगी नहीं आप को क्रष्ण क्रपा मिलेगी |जब आप को प्रभु क्रपा ही नहीं तो आप विचार करे की आप को सफलता कैसी ?महा भारत काल से यह मत सपष्ट है कि -जंहा धर्म है वहा श्री क्रष्ण है |जंहा श्री क्रष्ण है वही विजय है |अत जो धर्म का मार्ग शिखाये जो श्री क्रष्ण परब्रह्म के बारे में बताये जो शक्ति आप अनुराग माया से हटा कर श्री क्रष्ण में लगाये  वही राधा है | आज एसी महा शक्ति का जन्म दिन है आप सभी को राधे अष्टमी की ढेर सारी बधाई आप सभी पर अध्यात्मिक शक्ति राधे रानी की क्रपा हमेशा बनी रहे | आप के परिवार में नित नए मंगल उत्सव श्री राधे रानी की क्रपा से मनाये जाये  जय श्री राधे         जय श्री राधे               जय श्री राधे  -- को

निरंतर बढ़ेगे दिल्ली पुलिस उप राज्यपाल एवं आम आदमी पार्टी के मत भेद

  आज कल ग्रहों की गति आम आदमी पार्टी के दिन मान ठीक नहीं चल रहे है |इन दिनों गोचर में ३० सिप्तम्बर तक शुक्र मंगल की युति बनी हूई जो आप सरकर के अनकूल नहीं है |अत ३० सिप्तम्बर तक दिल्ली पुलिस एवं दिल्ली सरकार आमने सामने होगी |इस के साथ साथ जब सिंह राशी में राहू आएगा तब गुरु चंडाल योग बनेगा [मई  जून २०१६ भी सरकार के लिए कठिन होगा |लेकिन ३० सिप्तबर के बाद जब मंगल सिंह राशी में होगा पुलिस के षड्यंत्र से कुछ रयायत दिल्ली सरकार को मिल सकती लेकिन इस से पहले पुलिस के भ्रष्ट रवैये के कारण दिल्ली सरकार को काफी नुकशान उठाना पड़ेगा |अत आम आदमी पार्टी को ३० सिप्तबर तक साबधानी से चलना होगा |२८ सितम्बर २०१५ को होने बाले चन्द्र ग्रहण आम आदमी पार्टी को नुकशान देय सिद्ध हो सकता है | यदपि २८ सिप्ताम्बर की चन्द्र ग्रहण की घटना पुरे देश में राजनैतिक एवं प्रकतिक रूप से जनता को कष्ट दाई होगी |जिस से देश की जनता को कष्ट उठाना पड़ सकता है |लेकिन यह समय आम आदमी पार्टी के लिए जायदा कष्ट प्रद सिद्द होगा | --  कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई

मधुर नहीं हो सकेंगे भारत पाक सबंध

ज्योतिषीय आधार पर खगोलीय घटना एवं ग्रहणों से राजनीति का सीधा सम्बन्ध है |जब कोई खानोलीय घटना होती है तो उसका असर प्रथ्वी एवं उस पर उत्पन्न जीव जंतु वनस्पति सभी पर पड़ता है |एसा ज्योतिष का भी मानना है |इस मास सिप्ताम्बर २०१५ में दो ग्रहण है जो एक १३ सितम्वर २०१५ अमावस्या दिन रविवार को होगा जो भारत एवं एशिया के किसी भी राष्ट में दिखलाई नहीं पड़ेगा |दूसरा ग्रहण २८ सिप्त्म्वर २०१५ सोमवार पूरनमा को होगा  जो भारत एवं उस के पडोशी देशो में लग भाग सभी स्थानों पर दिखलाई देगा | ज्योतिष में एक पुरानी कहावत या सूक्ति इस प्रकार है कि  एक पाख दो ग्रहना | रजा मरे या सेना || यानि जिस मास में दो ग्रहण लगे वह मास राजनेता एवं प्रजा दोनों में से किसी को ठीक नहीं होता है |१३ सितम्वर २०१५ को सूर्य ग्रहण भले ही दिखलाई नहीं पड़े लेकिन उस दिन सूर्य का कन्या राशी में होने के कारण पक्स्थान की व्यवस्था राजनैतिक सोच गड बड होगी तथा भारत के साथ निरंतर तनाब बढेगा |इस के साथ २९ जनवरी २०१६ को जब राहू सिंह राशी में गोचर करेगा  जो लग भाग 06 मास रहेगा उस समय गुरु चंडाल योग की पुष्टि होती है |जिस से राजनैतिक सोच जनता

कमजोर होगा महा गठ्वंधन

भद्र मास में 05 रविवार है जिस से मौसम के तीब्रता से बदलने के संकेत है |इस मास में लग भाग मानसूनी वर्षा की बिदाई तैय है | दूसरा पांच रविवारो के चलते केंद्र एवं राज्य सरकारों में मात भेद रहेगा जिस में केंद्र को लाभ मिलेगा | इस बीच बिहार में चल रही महा गठ्वंधन की राजनीति बिफल होगी  जिस से केंद्र को लाभ होगा |अत यह समय देश की राजनीति के लिए अच्छा नहीं है |इन दिनों महगाई की मार एवं व्यपार की कमजोर व्यवस्था के कारण जनता के आर्थिक बजट काफी कमजोर रहेगा |अत लोग इस मास सूझ बुझ के साथ ही खर्चा करे |लेकिन इस मास में मंडी व्यपारियो को अबस्य लाभ होगा | इस और ध्यान देने की बात है | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan  Rs 500 Central bank a/c: SB no: CBIN0

क्रष्ण अबतार एवं भारत की आधुनिक दशा

श्री क्रष्ण नम गोविन्दाय नम  श्री क्रष्ण शरणम मम  . भगवान् श्री क्रष्ण का जन्म भद्र क्रष्ण पक्ष अष्टमी की अर्ध रात्रि यानि रात्रि अभिजित में हूआ |हमारें देश में दो अबतार अतियत प्रभावशाली माने गये है जिन में प्रथम राम दूसरा क्रष्ण इन दोनों अबतारो का जन्म अभिजित महूर्त में ही हूआ श्री राम का जन्म नोवी तिथि को दिन के अभिजित में हूआ एवं श्री क्रष्ण का जन्म रात्रि के अभिजित काल में हूआ |ये दोनों ही अबतार विश्व अलोकिक माने जाते है श्री राम विश्व में मारदिया स्थापना के लिए प्रसिद्ध हूए तो भगवान् श्री क्रष्ण लीला प्रुसोतम यानि अपनी लिलायो के लिए प्रशिध हूए | दोनों ही अबतार के समय सामाजिक प्रस्थति बड़ी भयानक थी श्री राम के समय सुबाहु मारीच रावण का विश्व व्यापी आतंक था तो क्रष्ण के समय मथुरा नरेश कंश  ज्रासिधू तथा काशी नरेश  शिशुपाल काशी नरेश एवं पुर बंशियो का आतंक कुछ कम नहीं था |लेकिन श्री क्रष्ण एक एसा अलोकिक अबतार हूया की जन्म हूते ही कंश के जेल पर परहरे दार सो गए वासुदेव एवं माँ देवकी को जो कानून हथकड़ी लगी थी सभी खुल गयी  जेल में पड़े ताले टूट गये ये सभी भगवानश्री कर्षण के प्रगटन

भद्र मास में 05 रविवार होने के कारण जनता में अन अबश्यक वर्षा से उत्पन्न होगी बीमारियाँ

---------- Forwarded message ---------- From:  Shriniwas Sharma   Date: 2015-08-28 17:39 GMT+05:30 Subject: भद्र मास में 05 रविवार होने के कारण जनता में उत्पन्न होंगी नई बीमारियाँ To: shriniwas sharma गुजरात में घटनायों के और बढ़ने के साकेत  इन दिनों शुक्र एवं मंगल की युति बनी हूई है दूसरा मंगल अपनी नीच राशी में है |जिस से देश की पुलिस एवं सैनिको के भ्रष्ट होने की संभवना है |इस के साथ भद्र मास में 05 रविवार होने के कारण यह मास भी जनता के लिए अच्छा नहीं है |इस मास में 05 रविवार होने के कारण प्रतिकूल वर्षा से फसलो को हानी होगी नई नई बीमारिया जन्म लेगी |केंद्र एवं राज्य सरकारों के मध्य दूरी बढ़ेगी |इस के साथ साथ कुछ राज्यों में आन्तरिक कलह के कारण राज्य शक्ता भंग के पूरण योग है |अत यह मास राजनैतिक गलियारों से लेकर नौकरसाहियो के कटु व्यवहार के कारण जनता के लिए ठीक नहीं रहेगा  सही एवं उत्पन्न बीमारियों के कारण आम जनता के लिए ठीक नहीं रहेगा ||  -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  त

पूरब जन्मो के कर्मो के आधार पर तैय होता है जन्म समय एवं जीवन के सुख दुःख

जीवन में सफलता असफलता अछी संतान अच्छे माता पिता पत्नी या अन्य सबंधी इन सभी में बहुत कुछ आपके पूरब जन्मो के कर्मो के भोगो पर निर्भर है |इतना ही आपका जन्म समय  जिस से सारी जीवन व्यवस्था उतार चढ़ाव सभी पूरब जन्म के कर्मो के फल अनुसार कहे गए है |जो समाज में स्पष्ट रूप से दिखलाई देता है जो इस प्रकार है -मान लीजिये एक शहर में एक दिन दो बच्चो का जन्म हुआ एक रहिस परिवार मिला जिस से माकन वहन का आनन्द जन्म समय के बाद ही मिल गया एवं माता पिता द्वरा लाखो रूपये उस के दशोटनमें लगा दिए गये जब की नब जातशिशु द्वरा कोई कार्य ही नहीं किया गया | दुसरे बच्चे का जन्म फुट पातपर या रेलवे स्टेशन पर हूआ एक भिकारी के घर न रहने का सहारा न खाने को भोजन | इस के साथ साथ रहिस परिवार में पैदा बच्चे को लाखो रूपये के उपहार बिना बच्चे के मांगे दिए गए ये सभी उस के पूरब जन्म के शुभ कर्मो के फल थे | गरीब परिवार में पैदा बच्चे की माँ दवा के लिए भीक मांगती है जिसे भीक में दवा हेतु पुरे पैसे नहीं मिलते है |अगर गंभीरता से बिचार किया जाये तो इन दोनों बच्चो द्वरा कोई शुभ या अशुभ कर्म नहीं किया गया है |बस इतना है उन्ह

व्यापारियों एवं व्यापार की व्यवस्था ठीक नहीं

इन दिनों व्यापारियों  व्यापार ठीक नहीं रहेगा  आज कल शुभ ग्रह शुक्र अस्थ हो गया है  जिस से लोगो को अपनी उपभोग प्रब्रती पर अन्कूस लगाना होगा |क्योकि सरकार की नीतियों के कारण व्योपरियो को व्यापार में काफी हानी उठानी पड़सकती है |फलस्वरूप व्यापरियों का बजट बिग रेगा इस का कारण निरंतर वस्तुओ के भावो में गिराबट हो सकती है |सोना एवं चादी के भाव अभी और भी गिर सकते है | 12 अगस्त से 07 सिप्तम्बर तक गुरु के अस्थ होने के कारण आतंकबादी बारदात निरंतर बढ़ेगी समाज में चौरी लूटपाट की घटना निरंतर इस प्रकार बघेगी कि सरकारों की व्यवस्था फीकी नजर आएगी |क्योकि गुरु मैधनीज्योतिष में कानून का कारकमाना गया है |गुरु के अस्थ होने के कारण कानून व्यवस्था ढीली पड़ना सुभाबिक है |अत लोग कानून के साथ साथ स्वयम सूझ बूझ से कार्य करे | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrolog

अछी संतान के लिए अबस्यक है शुभ महूर्त में गर्बाधान

गर्बाधान  के समय से होता है शिशु का जन्म समय का निर्धारण आज के समय में लोग उतम गुण करी संतान हेतु ज्योतिष का सहारा लेते है |जिस के कारण समाज में अजीव सी प्रथा का प्रचलन हूआ है कि लोग ज्योत्षी से प्रसब यानि शिशु का जन्म समय का निर्धरण करबाते है तथा ज्योत्षी की सलहा पर शुभ महूर्त पर शेल्यचिकत्सा द्वरा मादा के सरीर से शीशु को प्रथक कर उस के उज्जवल भविष्य की कामना करते है |यह सिधांत ज्योत्शीय आधार पर अ माननीय है एवं निंदनीय है |अगर किसी माता पिता कु उत्तम संतान की आबस्य्कता है तो उन्ह प्रसब समय की जगह गर्बाधानज्योतिष का सहारा लेना चाहिए |हमारे ज्योतिष शास्त्र में उतम संतान के लिए अनेक महूर्त पूजा पाठ अदि प्रतेक पंचांग में है जो सरलता से उपलब्ध हो जाते है |लेकिन संतान के इच्छुक दम्पति उन नियमो का पालन न कर के प्रक्रति के सिधांत के खिलाप एसा जघन्य अपराध करते है |जिस से जननी एवं शिशु किसी का भी जीवन खतरे में पड़ सकता है |एवं जन्म जातशिशु का उतम भाग्य तो क्या उसका सरीरक विकाश रुक सकता है |एसा चिकत्सको का भी मानना है मुझे श्रीमत भगवत पूरण का हरिराक्ष जो हरिना क्रशव के बड़े भाई के उत्पत्ति का उ

गरब गीता दर्शाती है पूरब जन्म के संचित कर्मो के प्रभाव

गरब गीता बतलाती है पूरब जन्म में संचित कर्म  इस म्रत्यु लोक में हर जीव हर क्षण अपने पूरब जन्मो के कर्मो का फल भोगता है |चाहे वह राजा हो या रंक निर्धन हो या धनी सब को अपने कर्मो की सजा भोगनी पड़ती है |इस में कोई संदेह नहीं है |जीवन में भोगके किये गरब गीता  एवं रोंग दोनों का सम्बन्ध जातक के पूरब जन्म से होता है |इस में कोई संदेह नहीं है |जातक को पूरब जन्म में दुस्क्र्मो के कारण वर्तमान जन्म में यातना कष्ट एवं रोंग भोगने पड़ते है  |पूरब जन्म में किये पुन्य कर्मो के कारण जीवन सफल सरल एवं सहिज बन जाता है|अत जातक के पूरब जन्म में किये कर्म वह पूजी के सामान है जिस के कारण वर्तमान जीवन अधिकतर प्रभावित होता है |किस कर्म की क्या सजा यावं दंड है उनके साक्षात् प्रमाण भगवन श्री क्रष्ण द्वरा रचित गर्ब गीता देती है  |अत अपने पूरब जन्म से संचित कर्मो जान ने के लिए गरब गीता का गहीनता से अध्यन करना चाहिए |एसा करने से जातक वर्तमान कर्मो के किये गए कर्मो के बारे में सचेत पूरब कर्म करता है --  कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल

श्रावण मास रहेगा जनता के लिए शोकयुक्त

-- श्रावण मास जनता को रहगा शोकयुक्त एवं रोगा युक्त  श्रावण मास जंहा हिन्दू लोग रोज श्रावणी कर्म करते है तथा तीर्थ करते हूए आनन्द लेते है |लेकिन यह आनन्द इस बार शयद भगवन शिव को मंजूर  नहीं  है |अत इस मास में इनेक नई बीमारी होगी इस मास में 05 शनिवार होने के कारण वर्षा के कारण तथा वर्षा की कमी के कारण अनेक बीमारी पैदा होगी |इस के साथ इस मास में दो शुभ ग्रह 05 अगस्त को शुक्र एवं 12 अगुस्थ को गुरु अस्थ होने के कारण एवं मंगल के नीच राशी कर्क में एवं शुक्र के साथ होने के कारण राजनेतिक गत विधियों के कारण अधिकतर राज्यों को कानून गत विधिया जन विरोधी होगी |दिल्ली बिहार उत्तर प्रदेश अदि राज्यों का केंद्र के साथ तकरार बढ़ सकता है |दूसरी और आतंकबादी गत बिधि समाज में निरंतर बढ़ने के कारण समाज में भय व्याप्त होगा |अत इस समय राज नैतायो को आपसी झगरा छोड़ कर जन हितो का ध्यान रखना चाहिए  कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415            

वर्तमान जीवन को सफल एवं असफल बनाते पूरब जन्म के कर्म

---------- Forwarded message ---------- From:  Shriniwas Sharma   Date: 2015-08-01 18:56 GMT+05:30 Subject: पूरब जन्म के कर्मो के आधार पर वर्तमान समय की सफलता एवं असफलता To: shriniwas sharma | मानस का कर्म पर पूरण अधिकार है |कर्म के माध्यम से ही मानब को सफलता मिलती है |लेकिन कर्म ही उस के जीवन में जंजाल भी बन जाते है |स्वतिक प्रवर्ती से किया गया कर्म स्वतिक फल देता है एवं अशुभ प्रवर्ती से किया गया कर्म अशुभ् फल दाई होता है |लेकिन केई बार शुभ कर्मो के फल अशुभ एवं बुरी मानसिकता या अशुभ कर्मो के फल शुभ देखे गये |केई बार परोपकार भाव से किये गये कर्मो को सजा में तबदीलहोते देखा है |केई बार अशुभ कर्मो से किया कर्मो को सफल होते देखा है |इस के अनेक उदाहरण जीवन में मिलते है |लेकिन इन सभी के पीछे पूरब जन्म के संचित शुभ एवं अशुभ कर्म कार्य करते है |पूरब जन्म में किये गए पाप कर्म हमारे इस कर्म की शुभता ख़तम कर देते है एवं पूरब जन्म में पुन्य कर्म पाप कर्मो का पाप प्रभाव कम करते है |यही कारण है केई बार मानब के समझ में नहीं अता क्या ठीक है क्या गलत है ?क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए |

पुनर जन्म प्रकिया में लिंग सरीर बदलना भी संभव

मनाब का सरीर पांच महाभूतो से मिलकर बना है जो इस प्रकार है  मिटटी पानी अग्नि आकाश  एवं वायु इस में चाहे कोई स्त्री हो या पुरुष सभी में तत्व सामान होते है |हमारे शाश्त्र एवं पूरण आत्मा को जो स्वरूप है जिसे अजर अमर माना गया है उसे लिंग भेद से रहित मानते है यानि आत्मा जो परमात्मा का अंश है वह न स्त्री है न पुरुष नहीं नापुन्सिक है  न कार्य है नहीं कारण है |उसे जिस अबस्था में जिस लिंग सरीर में जिस योनी में रखा जता है वही स्वरूप धारण करती है |म्रत्यु काल जब इस सरीर को ग्रषित कर लेता है तो स्थूल सरीर उन्ही पांच मह्भूतो में चला जाता है जिस से उनकी रचना हूई है |इस के साथ आत्मा सूक्ष्म सरीर धरण कर मन की प्रबल इच्छा अनुसार जन्म लेती है तथा बंधन में बंध जाति है |जिसे ऋण अदि बंधन भी कहते है |हमारे शास्त्रों अनुसार जीव की इछयो का तथा ऋण का बंधन कहते है |ऋण अदि बंधन के कारण पुनर जन्म में सरीर के जन्म सबंध जैसे माता पिता भाई स्त्री पुत्र अदि की व्यवस्था होती है |पूरब जन्म के ऋण या कर्म अनुसार वह अच्छे या बुरे बनते है |अगर ये सभे पूरब जन्म में आप के ऋणी तो आप की इच्छा अनुसार कार्य करेंगे अगर आप उ

प्रतिशोध की प्रबल इछ्यो के कारण कारण शारीर {पुनर जन्मसिधांत ]

---------- Forwarded message ---------- From:  Shriniwas Sharma   Date: 2015-07-29 19:06 GMT+05:30 Subject: कारण सरीर सिधांत To: shriniwas sharma प्रबल इछायो के कारण कारण शारीर  जब इस श्रष्टि के किसी भी जीब की म्रत्यु होती है तो जीव के मन की इच्छा आत्मा यो के साथ ही चली जाति है एसा हमारे दर्शन शास्त्रों का मानना है यही कारण है जीवन में अशांति द्वेष  बसना अदि सभी निर्वाण कार्यो में बाधा पैदा कर जीव को पुनर जन्म में धकेल देता है |क्योकि मन की अशांति एवं परवल इच्छा ही पुनर जन्म का साधन बनती है |अगर किसी मनाब का मन प्रतिशोध के कारण मन अशांत है |तो उसकी आत्मा कारण सरीर धारण कर अपने प्रति शोध को पूरण करता है जिसे भूत प्रेत की योनी माना जाता है |यह अशांत मन प्रतिशोध की भाबनायोको लेकर इधर उधर भटक कर अपना प्रतिशोध पूरण करता है |तथा उस मानब को बाधा पहुचता है जिस से उस का प्रतिशोध है तथा केई बार उसकी म्रत्यु का कारण भी बन जाता है |इसी को ज्योतिष में ऋण आदि बंधन माना जाता है | ज्योतिष पुनर जन्म सिधांत को केवल मान ती नहीं यधपि उस के परिणामो को भी सत्यापित करती है |किसी कुंडली के 12 भावो

कर्क राशी में मंगल में आतंकी घटना एवं चौरी लुट आदिबढ़ने की सम्भावना

देश में आतंकी एवं चौरी लुट पाट बदने की सम्भावना ३० जुलाई को मंगल कर्क राशी में गोचर करेगा जो उसकी नीच राशी है |जिस के कारण देश में पुलिस के ब्यापत भ्रष्टाचार के कारण चोरी लुट पातकी घटना जौर पकड़ेगी जिसे समय पर नियन्त्र तो कर लिया जायेगा लेकिन राष्ट में जन छति एवं धन छति बड़े पैमाने पर सम्भावना है |मंगल को भूमि पुत्र भी कहा जाता है तथा अग्नि कर्क ग्रह माना जाता है अत इस द्योरान जहाँ जनता एकत्रत होती है तथा जन यातायात को छति करने की अरजिक तत्वों की चेष्टा रहेगी |इसी लिए जनता को यात्रा के समय सतर्कता बरतनी होगी यधपि 15 सिप्तम्बर२०१५ तक जब तक मंगल सिंह राशी में नहीं आता कोई न कोई परेशानी जनता के सामने बनी रहेगी |इस अबधि में अन्य की वरिष्ट नेता के गंभीर बीमार होने तथा म्रत्यु तुल्यकष्ट पाने की सम्भावना है |

प्रतिशोध हेतु पुनर जन्म

  ज्योतिष पूरब जन्म को प्राचीन समय से मानती आई है |हमारे शास्त्रों में भी इस का वरण है पदम् पुराण में इसे ऋण अदि बंधन के नाम से जाना जाता है |वैसे तो हमारे पुराणों में अनेक उदारण इस के है |लेकिन महाभारत के सिखंडी का उदारहण सर्वो उपर है |महाभारत के शिखंडी का दूसरा जन्म द्रोपत पुत्र यानि द्रोपती के भाई के रूप में भीष्म पितामहा से अपने पूरब जन्म के प्रति शोध का बदला लेने हेतु हूआ था |जो भीष्म की म्रत्यु का कारण बना |तथा भीषम जिन को इच्छा म्रत्यु का बरदान था उस शिखंडी के कारण उनकी म्रत्यु हूई |यानि ज्योतिष पूरब जन्म के इस सिधांत को मान्यता देता है |जिस में कोई जीव अपना ऋण पूरा करने हेतु सबंध स्थापित कर बदला लें सकता है |चाहे यह सबंध मित्र का हो स्त्री का हो या पिता पुत्र का हो | केई बार यह देखा गया है मनुष्य की आत्मा म्रत्यु के बाद कारण सरीर को धारण कर जिसे प्रेत भुत आदि योनी कहाँ जाता है अपना प्रतिशोध का बदला लेती है |इस में कोई संदेह नहीं है |जिन जातको पर प्रेत आदि की बाधा बनती है उन का सबंध पूरब जन्म के ऋण से है जो कारण सरीर प्रेत द्वरा पूरा किया जाता है | वैसे 05 -06 साल के

केंद्र सरकार का कठिन समय

केंद्र सरकार का समय होगा कठीन इन दिनों केंद्र सरकार का मानसून सत्र चल रहा है |जिस में शक्ता पक्ष एवं विपक्ष में घमासान मंचाहूआ है |ज्योत्शीय आधार पर स्थति ग्रह शुक्र एवं राहू कें सिंह राशी में गोचर के कारण बना है |जब तक यह स्थति बनी रहेगी तब तक राजनैतिक प्रस्थति स्थति सुधरना संभव नहीं | दूसरी और मंगल इन दिनों नीच राशी में गोचर कर रहा है |जिस से लूटपाट चौरी की बारदात दिन प्रत दिन बिगरती रहेगी अत कुल मिलाकर 15 सितम्बर २०१५ तक प्रस्थति केंद्र एवं राज्य सरकारों के बीच तकरार बरकरार रहेगा |तथा जनता को भी चैन नहीं मिलना संभव नही है  -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan  Rs 500 Central bank a/c: SB no: CBIN0280314/3066728613

कर्क राशी में मंगल

३० जून २०१५ को मंगल अपनी नीच राशी कर्क में प्रवेश करेगा जो 15 सितम्वर २०१५ तक कर्क राशी में ही रहेगा |जिस से राजनैतिक दलों एवं पुलिस प्रशासनिक अधिकारियो के बीच खेचा तानी बड्नेकी पूरण सम्भावना है |इस के साथ साथ सैनिक बल एवं पुलिस बल के लिए यह समय अनकूल नहीं है |भ्रष्ट रैवये या रिश्वत खोरी के कारण इन की छवि ख़राब रह सकती है |इन दिनों सूर्य कर्क राशी में है जिस से राजनैतिक डालो में खीचतान बढेगी |अत यह समय जनता के लिए ठीक नहीं है |अत यात्रा के बीच परेशानी पैदा हो सकती है

तुलसी का पौधा

नरक तुल्यकष्ट देता है -दक्षण पक्षिम लगा तुलसी का पौधा  धर अंदर तुलसी का पौधा स्वास्थ एवं विकाश कार्य के लिए सर्व उतम माना जाता है |यही कारण है हिन्दुयो के घर घर में तुलसी एवं शालिग्राम पूजन सबसे उतम माना जाता है |जिस घर में तुलसी हो उस घर में नारायण का बास माना जाता है |तुलसी बकई बहुत गुण कारी है |स्वस्थ की द्रष्टि से  तुलसी सरीर के अनेक विकारो को दूर करता है | लेकिन यही पौधा अगर घर के अंदर दक्षिण पक्षिम में लग जाये तो घर अंदर सकारात्मक उर्जा नकारत्मक में बदल जाती है |क्योकि घर के अंदर अंदर सभी प्रकार की ऊष्मा इशान दशा में बनती है जो दक्षिण पक्षिम दशा जिसे नैरित्यकहते है में एकत्रित होती है |जब तुलसी का पौधा इस दशा में लगाया जाता है तो उस ऊष्मा को पूरण रूप से बदल देता है कोयोकि इस दशा में किसी प्रकार ऊष्मा नहीं बनती है अत इस दशा में मिक्ष्ण भवन के अंदर बनने बाली ऊष्मा भवन के अंदर विकाश कार्यो को प्रभावित करती है |जिस से घर के अंदर रहने बाले लोगो के विकाश कार्य पूरण रूप से प्रभावित हो जाता है | अत इस दशा में भूल कर भी तुलसी नहीं लगाया जाये  -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख द

अनेक दोषों को भवन में दूर करती है देहली [चोखट ]

अनेक बाधा ओ को दूर करती चोखट देहली  प्राचीन समय से वस्तु दूर करने में दहली का वहुत बड़ा महत्व माना जाता रहा है |प्राचीन समय से यह परम pपरा रही है कि लोंग देहली पूजन के बाद ही घर के अंदर प्रवेश करते थे |जिस से घर के अंदर गन्दी धुल मिटटी नहीं आती थी परिणाम स्वरूप भवन के अंदर की ऊष्मा अनकूल रहती थी |इसके साथ साथ एक दूसरा कारण यह भी है भवन की अनकूल ऊष्मा देहली से टकरा कर अंदर चली जाति थी जिस से फर्श की गर्मी लगतार बनी रहती है |जिस के कारण घर में रहने बाले लोंगो के स्वस्थ विकाश अदि पर अनकूल प्रभाव पड़ता है |देहली के कारण बहर की नकरात्मक ऊष्मा घर कर अंदर नहीं जाती है जिस से अंदर भवन की ऊष्मा पर कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ता है | लेकिन आधुनिक समय में लोग अपने घरो में चोखट लगाना प्राय भूलते जा रहे जिस से भवन के अंदर फर्श की गर्मी कम होती है |जिस से विकाश अदि कार्यो पर बिपरीत प्रभाव पड़ता है |दूसरा घर के अंदर नकारत्मक ऊष्मा जाने के कारण घर के अंदर तंत्र टोना  अदि के प्रभाव से जीवन प्रभावित होता है | इतना ही नहीं जिन धरो में चोखट नहीं है लक्ष्मी की क्रपा करने से नाक सकोड़ ती है |यही कारण है क

बुरी नजर एवं तंत्र का प्रभाव

बुरी नजर तथा टोना अदि से मुक्त करता है समुद्री झाग  आज कल हर दुसरे घर में टोना तंत्र नजर की बात आम हो गयी |आज समाज में ईष्या देवषके चलते नकात्मक ऊष्मा जो बुरे बिचारो के कारण उत्पन्न होती है |मानवीय जीवन को बुरी तरह प्रभावित करती है |इस में कोई संदेह नहीं |बुरी नजर का प्रभाव सरीर पर सबसे अधिक पड़ता है |यानि जिस घर में तंत्र या टोना आदि का प्रभाव होता है | उस परिवार में रहने बाले सदस्यों पर पड़ता है |इस प्रभाव के सदस्यओ  के स्वस्थ ख़राब होने लगता है |इस प्रभाव को समुद्री दूर करने में समद्रीझाग सबसे अधिक सफल साधन है |जिस जातक को तंत्र के प्रभाव हो उसे समद्री झाग से नहना चाहिए  लगातार समद्रीझाग से लगातार ०९ या 11 दिन स्नान करने से सारी बाधा ये दूर हो जाएगी  इस में कोई संदेह नहीं है |जब किसी जातक के सरीर पर तन्त्र का प्रभाव होता तो सरीर सबसे पहले बेदना देंने लगता है सरीर में गंदगी होती है बिना कारण सरीर के बिभ्न्न हिस्सों में दर्द हना तथा दवा न लगना तंत्र के लक्ष्ण है | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सित

किसी प्रमुख नेता के म्रत्यु तुल्य कष्ट के संकेत

> इस अधिमास में 05 मंगलवार की युति बनी हूई है |05 मंगलवार की युति मैधनीज्योतिष में राजनैतिक द्रष्टि कोणसे अछी नहीं मानी जाती है |अत जिस मास में 05 मंगलवार हो उस मास में शक्ता भंग तथा किसी राजनेता के निधनकी सम्भावना दर्शाती है |अत राजनैतिक शीत युध निरंतर बढ़ने के साथ साथ इस अधिमास में किसी राज्य के छात्र भंग के योग है एवं किसी प्रमुख नेता के गंभीर रूप से बीमार होने की सम्भावना है |अत मेरे कहने का तात्पर्य यह है कि यह समय देश समाज दोनों के हित में नहीं है | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan  Rs 500 Central bank a/c: SB no: CBIN0280314/3066728613

दिल्ली सरकार एवं महला आयोग का बढेगा संघर्ष

---------- Forwarded message ---------- From:  Shriniwas Sharma   Date: 2015-07-03 17:53 GMT+05:30 Subject: To: shriniwas sharma 05 जुलाई को शुक्र गुरु की राशी कर्क को छोड़ कर सूर्य की राशी सिंह में प्रवेश करेगा |जिस के कारण मह्लायो की सुरक्षा को लेकर दिल्ली में जंग किसी न किसी रूप में सुरु हो जाएगी |दूसरा महला आयोग एवं दिल्ली सरकार के बीच कुमार विश्वास को लेकर जारी जंग एक बड़ा रूप लें सकती है १४ जुलाई के बाद गुरु एवं शक्र की फिर युति हो जाने के कारण ये विवाद और अधिक बड जायेगा तथा राजनीति शीत युध जारी रहेगा जो न्यालय में निश्तारण हेतु जा सकता है | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan  Rs 500 Central bank a/c: SB no: CBIN0280314/3066728613

पीपल के व्रक्ष के पूजन का महत्व

---------- Forwarded message ---------- From:  Shriniwas Sharma   सभी कामनाये पूर्ण करता है पीपल व्रक्ष का पूजन  हमारे शास्त्रों में पीपल को ब्रह्मण का स्वरूप माना गया है यानि हमारे शास्त्रों में तीन प्रकार के बरहमो  चर्चा है | जातीय मानब ब्रह्म  दूसरा गौ को पशुओ में ब्रह्म माना गया है |शास्त्रों को मन ना है को इन को नष्ट करने कष्ट पहुचाने से मनाब का भरी पताक लगता है जिस से उस का यह जन्म तथा आगे होने बाला जन्म ख़राब होता है |अगर हम प्रकति की बात करे तो इस स्रष्टि को संतुलित रखने में सबसे अधिक पीपल व्रक्ष का महत्व है |पीपल का व्रक्ष ही एसा व्रक्ष है जो रविवार को छोड़ शेष सभी दिन ओक्स्शिजन गैस मानवीय जीवन केलिए अब्स्यक है छोड़ते है |शेष पौधे २४ घंटो में से 12 घंटे ही ओक्स जन छोड़ते है इतना महत्व पूरण कार्य है वर्क्षो में पीपल का  भगवान् श्री क्रष्ण गीता में स्वय को वर्क्षो में पीपल बतलाते है | स्कन्द पुराण के अनुसार पीपल के व्रक्ष की जड़ में विष्णू तने में केशव शाखयो में नारायण तथा इस व्रक्ष के पत्तो में नारायण का बास है |अर्थात पीपल का व्रक्ष साक्षत विष्णू का स्वरूप है |इतना ही नही

विवाहिक बिलब को दूर करता है जानकी मंगल या पारवती मंगल का पाठ

Subject: कन्यायो के विवाहिक बिलब को दूर करता है पाठ जानकी मंगल या पारवती मंगल --  आज घर घर में कन्याओ के विवहा में अरचन की कहनी आम हो गयी है आज दहेज़ की कमी या योग्य वर न मिलने की स्थति में लड़कियो की अवस्था बड़ी हो जाती है तथा माता पिता को दिन रात चिन्ता बनी रहती है |अगर किसी तरह से बात बन जाये तो रिश्ता टूटना सहज या आम बात हो गयी है |इ सभी समस्याओ को माँ भगवती या माँ जानकी जी क्रपा से ही दूर किया जा सकता है |इन की क्रपा से ही विवहिकजीवन में बिलब की बाधा दूर होगी साथ ही साथ विवाहिक जीवन आनन्द दाई होगा इस में कोई संदेह नहीं है |अत साधक को शुक्ल पक्ष की पूरनमा या अष्टमी से निरंतर 11 दिन एक पाठ प्रत दिन के हिसाब से पाठ करना मंगल कारी होता है | इस अनुष्ठान में देवी के चित्र को सिंदूर लगाना तथा कपूर आरती करना न भूले एवं पंच उपचार से देवी का पूजन करना चाहिए |जो सभी कामनायो को पूरण करेगा कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma M

पचिमउत्तरी राज्यों को परेशानी

पशिम उत्तर राज्यों में कायम रहेगी अशांति  इस समय अषाढ़ अधिमास होने के कारणं जनता के लिए समय ठीक नहीं |फलस्वरूप आम आदमी पार्टी एवं केंद्र शासित पार्टी भा जा पा का आन्तरिक कलह बघेगा जो दिल्ली की जनता के विकाश कार्यो में बाधक होगा |इस के साथ साथ कर्क राशी में गुरु का गोचर होने के कारण पशमी उत्तर राज्यों में आन्तरिक कलह एवं अशांति होने के कारण केंद्र एवं राज्य सरकारों को काफी दिक्तो का सामना करना पड़ सकता है |जो राष्ट हित कर नहीं होगा  -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan  Rs 500 Central bank a/c: SB no: CBIN0280314/3066728613