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Showing posts from June, 2011

बाबा रामदेव : निकटतम व्यक्तियों से सावधान रहें

बाबा  रामदेव : निकटतम  व्यक्तियों से सावधान रहें ज्योतिष के आधार पर बाबा रामदेव की कुंडली जन्म दिनांक २५ दिसम्बर १९६५ 20.२४  सायं काल  जिला महेंद्र गढ़ जैसा की बताया जाता है  के आधार पर कर्क लगन और मकर राशी की बनती है लगन कुंडली के आधार पर सप्तम घर में चतुर्तेश शुक्र और दशमेश मंगल का लग्नेश चंद्रमा के साथ योग है चतुर्तेश शुक्र का दशमेश मंगल के साथ होना इस बात का प्रतीक है की ऐसे जातक अपने कर्म के बल पर जीवन में ख्याति प्राप्त करते हैं तथा कई धर्मस्थानो  वा संस्थाओं के मालिक भी होते हैं अगर चन्द्र कुंडली के अनुसार देखा जाये तो पंचम घर में स्थित राहु पूर्व जन्मों के कर्मों को लेकर अचानक उठनें वाली अड़चन और परेशानियों  का संकेत देता है .अर्थात ऐसे जातकों के जीवन में लोकप्रिय होते है भी ऐसा समय आता है की अपनें लोग ही साथ छोड़ जाते हैं या विश्वास घात  होता है चन्द्र  और लगन कुं-डली में चंद्रमा का मंगल और शुक्र के साथ होना तथा लगन कुंडली में चंद्रमा का सप्तम घर में होना इस बात का प्रतीक है की ऐसे जातकों को परेशानी के समय सदमा या मानसिक रोग होनें में देर नहीं लगती . ऐसे जातक जैसे जनता को

INDIA AGAINST CORRUPTION: ANNA HAZARE KI JEET HOGI

INDIA AGAINST CORRUPTION: अन्ना  हजारे की जीत लम्बी लड़ाई के बाद  इन दिनों देश के अन्दर भ्रष्टाचार  के खिलाफ जन लोक पाल  बिल को लेकर केंद्र सरकार एवं जन प्रिय  नेता माननिय   अन्ना हजारे जी के बीच सिद्धान्तिक रूप से काफी हद तक तनातनी है अर्थात सरकार अपने एवं आधिकारिक वर्ग के स्वार्थों  को लेकर इतनी गिर चुकी है  की जनता के हितों की पूरी तरह से अनदेखी कर रही है ज्योतिषीय आधार पर अन्ना जी की कुंडली १५ अगस्त १९४० समय ७.१४ सुबह भींगा महाराष्ट्र को लेकर बनती है| जिसके आधार पर यह कुंडली सिंह लगन तथा धनु राशी की है लगनेश सूर्य का १२ वें घर में बुध के साथ होना सरकार के खिलाफ जन हित को लेकर लम्बी लड़ाई की ओर संकेत दे रहे हैं ज्योतिष के आधार पर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी की सफलता १२वे भाव में बननें वाले सूर्य के साथ योग के कारण ही थी इस योग के चलते ही दक्षिण अफ्रीका के रंगभेद आन्दोलन में सफल है थे ऐसी ही स्थिति अन्ना जी के १२वे भाव में है जो इस बात का संकेत देती है की अन्ना जी समय समय पर सरकारों के खिलाफ अहिंसात्मक आन्दोलन चलते रहे हैं . अन्ना जी की कुंडली में ९वे घर में नीच का शनि जो पंचमेश

हँसी के द्वारा भाग्य के लक्षण

हँसी के द्वारा भाग्य के लक्षण  मनुष्य का भाग विधाता के द्वारा पूर्व ही निर्धारित होता है जिसका प्रगटन शारीर के अंग प्रत्यंग तथा मनोवृति द्वारा प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है यही कारण है की ज्योतिषियों नें होनी को बड़ा प्रबल माना है .मनुष्य के शारीर के लक्षण तथा शारीरिक हावभाव जो उसके प्रारब्ध के ही कारण है .भाग्य के निर्माण एवं पतन में काफी हद तक सिद्ध होते हैं . शास्त्रों के अनुसार हँसी को तीन भागों में बांटा  गया है. १) अट्टाहास- हँसतें समय अन्यंत जोर से आवाज़ करना   २) खिलखिलाहट - तेज़ आवाज़ के साथ हाथों से तालियाँ बजनें की आवाज़ होना ३) मुस्कराहट-हँसते समय केवल अधरों का ही खुलना -दांत आदि दिखाई न देना   तीनों प्रकार की हँसियाँ मनुष्य के मानसिक बल को प्रकट करती हैं तथा मनुष्य की मनोवृति को बताती हैं जिस के सहारे समाज में वह सफल या असफल होता है. अट्टहास हँसी: मनुष्य की एक बड़ी विकृत का भी प्रतीक है ऐसी परिस्थिति में मनुष्य अपने मन की कमजोरी के कारण दुःख या सुख के समय भावनाओं को रोक नहीं पाता है तथा हँसी के माध्यम से तीव्रता  के साथ प्रकट  करता है फलस्वरूप उसके समाज में मटर कम

मनुष्य शारीर से ही प्रगट होते हैं ग्रहों के लक्षण

मनुष्य शारीर से ही प्रगट होते हैं ग्रहों के लक्षण  ज्योतिष के अनुसार मनुष्य का बदलता हुआ समय उसके भाग्य को शुभता या अशुभता प्रदान करता है जिसके सहारे समाज में रह कर मानव विकास या विनाश का रास्ता तय करता है अर्थात इस संसार में मनुष्य साधन है तो समाज साध्य है .ज्योतिष में जब किसी कुंडली का विवेचन किया जाता है तो उस समय लगन में बननें वाले योग लगन पर शुभ व अशुभ ग्रहों का प्रभाव लगन की डिग्री तथा उसके नवांश का सर्वाधिक मायना होता है . लगन क्यूंकि मनुष्य स्वयं ही है और स्थित कुंडली में ग्रह उसकी शुभता और अशुभता है जिस पर चल कर वो अपना भाग्य तय करता है. यही कारण है की संसार में कर्म के सहारे एक व्यक्ति कर्म के बल पर भिखारी से राजा बनता है और दुसरा अपनें ही कर्म के द्वारा राजा से रंक हो जाता है  |भावी प्रबल होती है उसी के अनुसार मनुष्य के मन और बुद्धि बन जाते हैं जिसके कारण मनुष्य शुभ या अशुभ कर्म करता है अर्थात खराब समय में मनुष्य खराब कर्म करता है तथा अच्छे समय में अच्छे कर्म करता है . इस संसार में समय परिवर्तनशील है जो कुंडली में ग्रहों के माध्यम से दिखलाई देता है ग्रह परिवर्तन का सीधा असर

मनुष्य शारीर से ही प्रगट होते हैं ग्रहों के लक्षण

मनुष्य शारीर से ही प्रगट होते हैं ग्रहों के लक्षण  ज्योतिष के अनुसार मनुष्य का बदलता हुआ समय उसके भाग्य को शुभता या अशुभता प्रदान करता है जिसके सहारे समाज में रह कर मानव विकास या विनाश का रास्ता तय करता है अर्थात इस संसार में मनुष्य साधन है तो समाज साध्य है .ज्योतिष में जब किसी कुंडली का विवेचन किया जाता है तो उस समय लगन में बननें वाले योग लगन पर शुभ व अशुभ ग्रहों का प्रभाव लगन की डिग्री तथा उसके नवांश का सर्वाधिक मायना होता है . लगन क्यूंकि मनुष्य स्वयं ही है और स्थित कुंडली में ग्रह उसकी शुभता और अशुभता है जिस पर चल कर वो अपना भाग्य तय करता है. यही कारण है की संसार में कर्म के सहारे एक व्यक्ति कर्म के बल पर भिखारी से राजा बनता है और दुसरा अपनें ही कर्म के द्वारा राजा से रंक हो जाता है  |भावी प्रबल होती है उसी के अनुसार मनुष्य के मन और बुद्धि बन जाते हैं जिसके कारण मनुष्य शुभ या अशुभ कर्म करता है अर्थात खराब समय में मनुष्य खराब कर्म करता है तथा अच्छे समय में अच्छे कर्म करता है . इस संसार में समय परिवर्तनशील है जो कुंडली में ग्रहों के माध्यम से दिखलाई देता है ग्रह परिवर्तन का सीधा असर

अरिष्ट्कारी ग्रहों के राजनैतिक प्रभाव

अरिष्ट्कारी ग्रहों के राजनैतिक प्रभाव  देश के अन्दर इन दिनों हर क्षेत्र में हलचल मची हुई है.  कहीं पैर पुलिस द्वारा निस्सहाय लोगों पर बरबस लाठी चार्ज एवं मानवीय अधिकारों का हनन है तो दूसरी ओरे राज नेताओं का आपस में शीत युद्ध.बाबा रामदेव व माननीय अन्ना हजारे जी का आमरण अनशन और धरना प्रदर्शन का सिलसला जोरों पर है जिस से देश के अन्दर हलचल मची हुई है | ज्योतिष के अनुसार देश की कुंडली वरिश लगन तथा कर्क राशी की है ९ मई २०११ से गुरु जो इस कुंडली का अष्टमेश तथा एकादशेश है का गोचर १२ वें भाव (संन्यास भाव ) में है जिससे देश के अन्दर कानून व्यवस्थ कमजोर पड़ गयी है  एवं जन समस्याएं निरंतर बदती जा रही है लेकिन शनि का गोचर कन्या राशी तथा शुक्र के नवांश में होने के कारण देश की नयायपालिका अपनें अंकुशों के द्वारा राज नेताओं की जन विरोधी नीतिओं का दमन करनें में सफल होगी.  १३ जून २०११ से मंगल का गोचर वरिश राशी में ही है .मंगल देश की कुंडली का सप्मेश व द्वादशेश है जो पालिक बल एवं सैनिक कारवाही का प्रतीक है १५ जून को जब चंद्रमा रहू के साथ वृश्चक राशी में होगा फलस्वरूप देश में राजनैतिक संकट तथा सैनिक दलों