uch nivas nich kartuti




 उच निवास नीच करतूती |  देख न सकए परायी बिभूति |
आज देश में चल रहे राजनेतिक प्रभाव जिस में सभी को अपना पद लाभ दिख लायी दे रहा बहलेही वह कोई भी दलहो प्रत दिन जनता के हितो की दुहाई देते हो लेकिन हकीकत यह की सभी राजनेताओ को अपने ही हितो की चिन्ता है |आज तक सभी राजनेताओ को भले ही जनता के हितो की दुहाई देते हो लेकिन यथार्थ यह है जनता के हितो की इस प्रकार की सपने में चिन्ता नहीं देखी गयी है जिस में अपना स्वार्थ न हो यह इतहास स्वतंत्र भारत का आज तक रहा है यही कारण हर राजनेतिक दलमें दल बदल टिकटअदि के झगरे हर साल देखे जाते है एसी स्थति में जहाँ अपना स्वार्थ इतना प्रबल हो जन हित का प्रश्न ही नहीं उठता है और रजोगुण में स्वार्थ न हो एसा संभव नहीं है ये परम्परा पुराणिक है इसे देख मुझे राम के बनोवास कालकी वह बात याद आती है जहाँ राम के राज तिलक की तयारी जोरो पर नगर के चौहराएसजे हूए है नित प्रत पूजन अदि हो रहे है जिसे देख देवो को चिन्ता है की अगर राम को राज्य हो गया तो हमारा क्या होगा  रावणका वध कैसे होगा ?अपने स्वर्थ को लेकर देवो नेमाँ सरवती का सहारा लिया लिया जिस पर माँ सरसती ने देवो के इस कर्म के लिए ये कहाँ था की उच निवास नीच करतूती कहाँ था |माँ सरस्वती ने इस देव कार्य में सहयोग किया और कैकयी मंथुरा के माध्यम से राम को बनोवास हूआ महाराज दशरथ का मरण हूआ राम बनोवासी हूए अयोध्या अनाथ हूई देवो का स्वर्थ पूरण हूआ |इस प्रपंच में लोक हित तो था अगर राम बनोवासी नहीं होते तो बन में रहने बाले बन बंधू  रावण एवं अन्य असुरो के संताप से पीड़ित ऋषि मुनियों का क्या होता  गीद जटायु कबंध सबरी  भील जाति का क्या होता भयभीत सुग्रीब को भयमुक्त जीवन कैसे मिलता  इस के साथ साथ बिभीषण आदि के जीवन में जाग्रति कैसे होती |इस लिए देवो के स्वार्थ रुपी सोच में लोक हित तो बहुत बड़ा था लेकिन देवो के अंदर इस सभी कार्यो को लेकर अपना स्वार्थ इस प्रकार था जैसे कोई विधायक एक रोड निर्माण जनहित हेतु करता है ये कार्य जनता का है लेकिन उस के पीछे जनता का पैसा जो राष्ट कोष से मिलता है करप्ट आचरण के कारण डकार जाता है जन हित उस के पद के कारण होता है तथा करप्शन उसकी नीच सोच के कारण है 

--
कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता |निज कृत कर्म भोग फल पाता||  
गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई .
गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  ..
Pt.Shriniwas Sharma
Mo:9811352415                                                       Image by FlamingText.com
http://vedicastrologyandvaastu.blogspot.com/
www.aryanastrology.com
Professional charges :Rs500/patri,prashan  Rs 250
central bank a/c: SB no:CBIN0280314/3066728613





Comments

Popular posts from this blog

विवाहिक बिलब को दूर करता है जानकी मंगल या पारवती मंगल का पाठ

दत्तक पुत्र