Posts

Showing posts from January, 2016

निर्वाण गति एवं मोक्ष प्राप्ति के योग

ज्योतिष एक एसा विज्ञानं है जिसमें गहिन अध्यनद्वरा जीवनकेहरपहलुपर प्रकाशडाला जासकताहै|पूरबजन्मकेऋणआगेहोनेबा लाजन्म मर्त्यु काकारण जीवनकेउत्तार चदाव सभीकेबारेमेंज्योतिषकेमाध्यमसे जानकारीप्राप्तकर जीवन कोसफल बनायाजासकताहै| इस संदर्भमें आगेहोनेबालेजन्मकीबात करेतो ज्योत्शीय आधारनिम्नबत बनता है- १-अगरकुंडली चारयाउससेअधीकग्रह उच्चकेहो तोजातकसंतश्रेणीमें मनजाताहै एवं उसकी निर्माणगतिसंभव है| २- अगरकुंडलीमेंचार ग्रहनीचराशी या नीचनवांश होतोजातकद्वरापूरबजन्ममें अतमदहाद्वरा प्राणत्यागेथे यहमाननाचाहिए| ३अगरकुंडलीमें गुरुएवं चन्द्रएकसाथ सामनडिग्रीमें जातकअछेसंस्कारबाले ब्रह्मणपरिवारसेआयाहै |इसकीअन्तमगति धार्मिकस्ताथानपर चन्दनअदिकीलकड़ीमें संभवहै| एवंएसेजातको कीनिर्वाणगतिसंभवहै| ४-अगरआपकीकुंडलीकेअष्टम भावमें राहू हैतोनिश्चयही मानेकीआपपुन्यअतमाहै| एवंम्रत्युकेबादआपको मोक्षगतिमिलेगी| इसमें कोईसंदेहनहींहै| ५-अगरअष्टमभाव में मंगल यासूर्यहो अथवा अष्टमभावपर सूर्यराहूकीद्रष्टिहो जातककीम्रत्यु अधमगतिसेहोतीहै एवंजातकरोरवनामकनरकभोगताहै| ६- अगरआपकीकुंडली केअष्टमभावपर शुक्रयागुरुकीद्रष्

ज्योतिष एवं सगुन

ज्योतिष को वेदों की आंख माना जाता है एवं एसी विज्ञानं भी है कि ज्योतिष विदोइस की पड़मरीकता पर कोई सक नहीं होना चाहिए|लेकिन दुर्भाग्य का कारण यह की लोग वेदों पक्ष्मीशाभ्यताके चलनकेकारनदिनप्रतिदनभूलतेजारहे है|इतनाहीनहींआजमनाब हरक्षेत्रमें ज्ञानरखरहाहै| लेकिनज्योतिषकेमामलेमें बिलकूलअन्भ्ग्य है | एवंइसकीपणमरिकता कोबिनाजाने उपहासकरनेलगाहै| ज्योतिष क्षेत्रमें अनेकक्षेत्र है| जिसमें सगुन काभीअपनामहत्व है| यात्रा केसमय यात्रायात्राकेसमयदिखाईदेने बालेवास्तुकाजैसे यात्रापरप्रभाव होताहै| वैसे अनेक एसे परिणाम है जिसे देख कर जीवन मेंहोने बली घटनायो का अनुमान लगया जासकताहै| जोनिम्नबतहै- १-यहहैकि अगरआप कापालतूकुत्ता सूर्यकी तरफमुहु करकेभोकरहाहो तोनिश्चय ही आपको बड़े परेशानीआने बाली है| २- यहहैकि अगर आपकिसान हैतथा आपकापालतू पशु आँखोंसेअश्रुबहारहेहो तोसमझना चाहिए किकोई बड़ीपरेशानी एकदो दिन मेंआप परआनेबालीहै| ३- यह हैकि अगरआपकीपीठ परछिपकली गिरजातीहै तोसमझनाचाहिए किआप कोबड़ीआर्थिक छति आसकतीहै| ४-अगरगीध जंगलसे ग्रामकीऔर आनाशुरू करदें याग्राममें भोकनाशुरू करदें तोपरेशानी आनेबाली है| ५-

सिंह राशी में राहू एवं कुम्भ राशी केतु का प्रवेश

29  जनबरी २०१६ से राहू                                                                                  सिंह राशी में प्रवेश करेगा एवं केतु कुम्भ राशी में प्रवेश करेगा सूर्य की राशी में राहू का गोचर गुरु के साथ होने के कारन सिंह राशी में गुरु चंडाल योग बनता है  जिस से देश की कानून व्यवस्था कमजोर होगी  इतना ही नहीं आतंकबादी गत विधिया विश्व स्थर पर चमकती नजर आएगी  लेकिन गुरु का सिंह राशी होने के कारन देश का हर विषम प्रस्थति में सफलती रहेगी |लेकिन राहू का सिंह राशी में जाना एवं केतु शनि की राशी में आने के कारन यह योग किसी भी प्रकार से जनता के हित में नहीं होगी | यह  अबधि अगस्त २०१६ तक रहेगी  यह समय जन हित में सिद्ध  नहीं होगी |  -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs1100

RAHU KEE SRY KEE RASHI SINGH MEN GURU KE SATH GOCHAR

AGR HAM JYOTISHIY ADHAR PR BAT KRE TO 29 -01 -2016 SE RAHU SURYGURU KESINGHMEN GOCHAR KREGA JIS KE PARINAM SWROOP VISHW KE ANDR PRBAL ANANK KA SHYA HOGA BHART KEE KUNDLI KE DUSRE BHAM MEN YH YOG BANNE KE KARAN KENDR SARKAR KON ANEK PRESHANIYA JHELNI PADEGI LEKIN YH SAMY PADOSHI DESH PAKISTHAN KE LIYE BILKUL THEEK NAHI HOGA KYOKI PAKSTHAN KEE KUNDLI KANYA RASHI KEE HAI JIS SE SINGH RASHI KA RAHU DWDSHMESH HOGA BHART KE ANDR RAJNETIK PARTIYO KA ANTRIK KALH BADEGA RAJY SARKARO KE ACHRAN SE SARKAR KEE CHHAVI KHRAB HOGI JANG JAGH DHARMIK YUDDH HOGE LEKIN VISHW STHAR PR BHART KA SITARA BULAND HOGA TATHA AUGSTH KE BAD BHART KO VISHW STHAR PR ACHHI SAPHLTA MILEGI -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanas