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Showing posts from December, 2017

शुक्र के धनु राशी में आने पर राजनेतिक परिबर्तन के असार

आज दिनाक 20-१२-२०१७ से शुक्र जैसा शुभ ग्रह  मंगल की राशी वर्श्चिक को छोड़ कर गुरु की राशी धनु में शनी एवं सूर्य के साथ गौचर करेगा | जिस देश की राजनीती एवं मौसम का प्रभाव दोनों के बदलाब के संकेत है | 07 जनवरी २०१८ को शनि उदय हो जायेगा  जिस से की वरिष्ट महत्व पूरण नेता के निधन  या गंभीर रूप से बीमार होने की सम्भावना है | इस के साथ साथ सूर्य एवं शुक्र की युति के चलते देश कुछ भागो में क्षत्र भंग के भी संकेत है | पौष मास में ०५ मंगलवार एव  ०५ सोमवार होने से राजनेतिक एवं प्राक्रतिक हल चल जारी रहेगी | तेज हवायो एवं ओला वर्ष्टि से किसानो की खड़ी  फसल को नुकसान होने की संभवना है | इस के साथ साथ देश की राजनीती में प्रबल शीत लहर के चलने के साथ केंद्र के मंत्रियो के पद एवं मुख्य मंत्रियो के पदों में बदलाब संभव है |               पंडित -श्रीनिवास शर्मा            वास्तु विद एवं ज्योतिष सलाहाकार व् कथा बाचक  -- मंगल भवन  अमंगल  हारी, द्र्वयु सो  दशरथ  अजर बिहारी | दीन दयाल  विरद  सम भारी,   हरयो  नाथ  मम शंकट भारी .||. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415   ,8826731440                   

15 दिसम्बर २०१७ से राजनेतिक शीत युद्ध एवं नेपाल में क्षत्र भंग के योग

१५ दिसम्बर दिन शुक्र वार से सूर्य धनु राशी में शनि के साथ युति कर  गौचर करेगा  जिस से देश के उत्तरी एवं पुरबी हिस्सों में राजनेतिक शंकट उत्पन्न होने की सम्भावना है | मेदनी ज्योतिष शनि जनता का कारक है एवं सूर्य सरकार एवं ससक का कारक माना गया है | परिणाम स्वरूप जनता एवं सासको के बीच अशांति व्याप्त होने की सम्भावना है |यधपि ०५ दिसम्बर से शनि के बक्री होने के कारण देश के राजनेता  जनता का हित करते रहेंगे |इस की संभवना है |लेकिन अशांति के चलते नेपाल जैसे राष्ट में क्षत्र भंग के संकेत भी  हो सकते है | इस के साथ साथ  मुशलम राष्टो में भारी अशांति बनी रहने की संभवना है | यह स्थति जब तक सूर्य धनु राशी में दिनाक 14--०१-२०१८ तक रहने के कारण बने रहने की संभवना है | यधपि भारत में केबल राजनेतिक शीत लहरों के अलाबा  कोई प्रक्रिया घटित नहीं होगी | इन दिनों में बाज़ार में वस्तुओ के भाव बड जाने के कारण मोदी सरकार से लोग नाराज रहेंगे |       जय श्री राधे        पंडित श्रीनिवास शर्मा ज्योतिषी एव वास्तु विद  -- मंगल भवन  अमंगल  हारी, द्र्वयु सो  दशरथ  अजर बिहारी | दीन दयाल  विरद  सम भारी,   हर