धन तेरस पूजन





कल दिनांक २८-१०-२०१६ को धन तेरश
कल दिनाक २८-१०-२०१६ दिन शुक्रवार हसथ नक्षत्र एवं व् कारन में धन तेरश का पर्ब मनाया जायेगा | इस दिन धन के देवता धन्वानरी जी का पूजन होता है |
धन तेरशबाले दिन समुद्र मंथन से अम्रत कलश के साथ धन्वन्तर जी की उत्पत्ति हूई थी | अम्रत को लेकर देव दानवो में झगडा शुरू हूआ जिस के कारन भगवान् मोहनी का अबतार हूआ धन्वन्तरी जिस समय अम्रत कलश को लेकर देत्यो के कारन दौड़ रहे थे | तभी उस अम्रत कलश में से जिन चार जगहों पर अम्रत की बूदे गिरी उन्ही जगह पर प्रतेक तीसरी साल कुम्भ का प्रब लगता है |
इस दिन वर्तन जिसे कलश का प्रतीक मन जाता है |धन तेरश निरोगता का दिन है क्योकि इस दिन धन्वन्तरी महाराज जो वैधओ के देव है उत्पन्न हूए | नया खरीदा गया वर्तन अम्रत कलश का रूप है जिसे घर में स्थापित किया जाता है |अकाल म्रत्यु आदि को दूर करने हेतु यमराज को टिल के तेल का दीप दिया जाता है | इसी दिन से दीपावली की शुभ आरंभ माना जाता है अत इस दिन लक्ष्मी का भी पूजन होता है |इसी लिए सभी मांगलिक कार्य धन्तेरश ही शुरू होती है |
जो साधक धन्तेरश दीवली अमावस्या तक देवी लक्ष्मी की पूजा करते है देवी भगवती उन पर विशेष क्रपा करती है | इस दिन से दीप दान एवं दुर्गा सप्तसती का पाठ करने से महा लक्ष्मी अपने भक्तो का उद्दार करती है | इस में कोई संशय नहीं है |
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मंगल भवन  अमंगल  हारी, द्र्वयु सो  दशरथ  अजर बिहारी |
दीन दयाल  विरद  सम भारी,   हरयो  नाथ  मम शंकट भारी .||.
Pt.Shriniwas Sharma
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