रावण बध की अजीब लीला




कल विजय दसमी है इसदिन भगवान श्रीराम ने अहिकारीउसरावणकेवधकियाथा जोवेदों काज्ञाताहोनेके कारन बलवानकहलाया दशमुखउसकी वुदुताकेप्रतीकहै | इतना बलसालीथा बीस भुजा उसके बलका प्रतीक है | एवं इतनाधन वान की उसकी सोनेकीलंका थी| अगर परिवार वैभवजिस परलोगघमंडकरते है तोउसका मेघनाथसाबेटा जिसने देवराजइंद्रको बंदी बनालियाथा|इतनाहीनहीं उसका भाई कुम्भकर्ण कमबलबान नहीं थे|पत्नीमंदोदरी रूपबान शुसिल एवंपतिव्रतधर्मको निभानेबलीथी|
रावण केदोषोंकी बातकरे तो निष्कर्ष एकहीनिकलता है| यहसभी गुणएवंधर्मउसके अंदरहोनेके बाद यहहीबात निकलकर आती हैकीरावण नेअपनीशिक्षाकाउपयोग मनबता केविरुद्धकिया एवं परायीस्त्री केहरणका दोषीथा| बलएवंधनके अहिकार ने बलएवंविद्याबैभवशालीरावणको आतंकबादी बनादियाजिसका सदियोंसेपुतलेजलते है वहराम जिनकेसाथ न धनबलथा नस्त्रीबलथा न रावणजैसापरिवारिक बलथा| भगवानश्रीरामबनबासीथे इसलिए राज्यकी प्रभुतासाथनही थी| धर्म,सत्य शीलता सदाचारएवंस्यामके बलपर बिजयपाने में सफल हूए भगवानरामकेसमयभ्रष्टाचारपुरेविश्वकी समस्याथी जो बड़ी भयाकथी|स्यामनियमएवं धर्म शीलताके बलपर रावणकोजित कररामविश्वविजयी हूए | अतविजयदशमी कापर्ब है जो धर्ममर्यादाकी आतंकबादपर विजयबतलाता है|
विजयदशमीकापर्ब सदियोंपुराना है इसदिनलोक राजनेतायोको रामकास्वरूपमानकर रावणकेपुतलेकादेहन करनेलगे है यह एक विचित्र बात है|
आजसमाजमेंराज्यनेतासबसेउची भ्रष्टाचारकी पराकष्टामें आते है|रामकाआचरणसत्य इनकाआचरणझूठ रामका आचरण मनाबताकेदुःख दूरकरना आज के राज नेतायोकाआचरण मनाबता कोबतना भगवान रामकाकार्यथा दिनदुखियोकेदुःख दूरकरण जबकिआजके राजनेतायोकाकार्य समाजमें गरीबीबढ़ना गरीबोको दुःखदेनासमाजको बाटना यहसभीगुणरावणमें थे जो इतहास् कहता है| अतगुणरावणके बध रावणका यहकैसीविचित्रशोच है | बिचारकरने योग्य है|

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मंगल भवन  अमंगल  हारी, द्र्वयु सो  दशरथ  अजर बिहारी |
दीन दयाल  विरद  सम भारी,   हरयो  नाथ  मम शंकट भारी .||.
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