अनेक दोषों को भवन में दूर करती है देहली [चोखट ]





अनेक बाधा ओ को दूर करती चोखट देहली 
प्राचीन समय से वस्तु दूर करने में दहली का वहुत बड़ा महत्व माना जाता रहा है |प्राचीन समय से यह परम pपरा रही है कि लोंग देहली पूजन के बाद ही घर के अंदर प्रवेश करते थे |जिस से घर के अंदर गन्दी धुल मिटटी नहीं आती थी परिणाम स्वरूप भवन के अंदर की ऊष्मा अनकूल रहती थी |इसके साथ साथ एक दूसरा कारण यह भी है भवन की अनकूल ऊष्मा देहली से टकरा कर अंदर चली जाति थी जिस से फर्श की गर्मी लगतार बनी रहती है |जिस के कारण घर में रहने बाले लोंगो के स्वस्थ विकाश अदि पर अनकूल प्रभाव पड़ता है |देहली के कारण बहर की नकरात्मक ऊष्मा घर कर अंदर नहीं जाती है जिस से अंदर भवन की ऊष्मा पर कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ता है |
लेकिन आधुनिक समय में लोग अपने घरो में चोखट लगाना प्राय भूलते जा रहे जिस से भवन के अंदर फर्श की गर्मी कम होती है |जिस से विकाश अदि कार्यो पर बिपरीत प्रभाव पड़ता है |दूसरा घर के अंदर नकारत्मक ऊष्मा जाने के कारण घर के अंदर तंत्र टोना  अदि के प्रभाव से जीवन प्रभावित होता है |
इतना ही नहीं जिन धरो में चोखट नहीं है लक्ष्मी की क्रपा करने से नाक सकोड़ ती है |यही कारण है कि लोग प्राचीन काल से ही देहली को नर सिंह भगवानका स्वरूप मानकर उसका पूजन करते थे |तथा देहली को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता था एवं सभी पर्वो पर उसका पूजन होता था |
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कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता |निज कृत कर्म भोग फल पाता||  
गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई .
गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  ..
Pt.Shriniwas Sharma
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