सभी प्रकार के कष्टों को दूर करता है, पावन पाठ हनुमान चलीसा.


सभी प्रकार के कष्टों को दूर करता है, पावन पाठ हनुमान चलीसा.
कलयुग में हनुमान जी के चरित्र गुणगान करने से सभी प्रकार की सुगमता मिलती है,दुर्बलता दूर होती है। मानस कारों के अनुसार हनुमान जी के नाम जपने तथा हनुमान चालीसा का पाठ करने से धर्म, अर्थ काम व मोक्ष चरों ही दुर्लभ वस्तुए प्राप्त होती हैं।
हनुमान जी के नाम स्मरण से सभी प्रकार के भवबंधन कट जाते हैं। इसके अनेक प्रमाण हमारे पुराण तथा सद्ग्रंथों में मिलते हैं इसलिए मानस के मर्मज्ञ रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी ने गुरु के रूप में अपनी सफलता के लिए पवनसुत हनुमान जी का ही गुणगान किया। उनकी दस्ता पाकर संसार भर में मानस ग्रन्थ प्रसिद्ध हो गया।
ऐसा कहा जाता है की अंजनी नंदन जिस समय माँ जानकी की खोज करने के लिए लंका गए थे जानकी माँ से परिचय के समय जब हनुमान जी ने सीता जी का चरण वंदन किया तब माँ जानकी ने उन्हें अजर अमर तथा गुणवान एवं सभी प्रकार की सिद्धियों का दाता होने का आशीर्वचन दिया इसके साथ साथ भगवान श्री राम से बच्चे व पिता जैसा मधुर सम्बन्ध सदा बना रहे यह भी आशीर्वाद दिया .इसके साथ साथ मानस के मर्मज्ञ रामचरित जयकार एवं प्रसिद्ध संतों का मत है की भगवान् श्री राम जिस समय पृथ्वी लोक से गो लोक जाने के लिए जल समाधि ले रहे थे हनुमान जी को अपने प्रभु श्री राम से विछुड़ना असहनिये बात थी इसीलिए वह दुखित मन से भगवन श्री राम से साथ जाने का अनुरोध करने लगे। स्नेहवश रोने भी लगे। भगवन श्री राम ने उन्हें कलयुग के अंत तक पृथ्वी पर ही रहने के कहा एवं उन्हें वरदान भी दिया की कलयुग में जो निरंतर तेरी भक्ति करेगा उस पर में कृपा करूँगा तथा सभी बाधाओं को हर लूँगा। हे ! पवनसुत में तेरे बस में हूँ जो प्राणी तेरिभक्ति करेगा उस पर मेरी कृपा बनी रहेगी। मृत्यु के बाद में मेरे ही धाम को प्राप्त होगा। मेरी कृपा से तेरी भक्ति करने वाले मनुष्य को नौनिधि एवं आठों सिद्धि स्वयं ही प्राप्त हो जायेंगी। यही कारण है की गोस्वामी तुलसीदास जी हनुमान चालीसा के समापन में गुणगान करते हुए कहते हैं की :-
जो सत वार पाठ कर कोई ,छूटे बंध महा सुख होई ।
जो यह पढ़े हनुमान चालीसा , होई सिद्ध साखी गौरीसा
अर्थात
हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ करने से कितना भी बड़ा बंधन हो सफलता मिलती है। भगवन शिव व माँ पार्वती भी अपनी कृपा दर्शाते हैं ।
ज्योतिश्नुसार शनि के अशुभ प्रभाव को हनुमान चालीसा के माध्यम से दूर किया जा सकता है.इसलिए सभी मंगल कार्यों में हनुमान जी के गुणगान किअनिवार्यता के साथ साथ शनि के अशुभ प्रभाव व साडेसाती काल में हनुमान चालीसा का महत्व और भी बढ जाता है क्योंकि शनि देव ने हनुमान जी को यह वचन दिया था की जो निरंतर आपका गुणगान करेगा मैं अपना अशुभ प्रभाव अपने समय में नही दिखलाऊंगा। हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले जातकों पर में आपके प्रभाव से अपनी कृपा बनाये रखूँगा ,अतः हनुमान चालीसा का पाठ हमें आध्यात्म गति के साथ साथ राम कृपा व सभी प्रकार की भौतिक वस्तुईं प्रदान करता है। शनि की साडेसाती के अशुभ प्रभाव से छुड़ाता है।
हनुमान चालीसा का पाठ

श्री गुरु चरण सरोज रज , निज मन मुकर सुधारी ,
बरनौ रघुवर बिमल जासु , जो दायकु फल चारी **
Shree Guru Charan Saroj Raj, Nij Man Mukar Sudhari,
Barnau Raghuvar Bimal Jasu, Jo dayaku Phal Chari **


With the dust of Guru's Lotus feet, I clean the mirror of my mind and then
narrate the sacred glory of Sri Ram Chandra, The Supereme among the Raghu
dynasty... The giver of the four attainments of life।
मैं अपने गुरु के कमल रूपी चरणों की धूल जो मेरे मन और बुद्धि को सुधारने वाली है की कृपा से भगवान् श्री राम के बिमल यश का गुन गान करता हूँ जो चरों प्रकार के फल :-
दैविक,दैहिक, भौतिक, और आध्यात्मिक को प्रदान करने वाला है।

बुधि हीन तनु जानिके , सुमिरो , पवन कुमार ,
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि , हरहु कलेश बिकार
Budhi heen Tanu Janike, Sumirow, Pavan Kumar,
Bal Buddhi Vidya Dehu Mohi, Harahu Kalesh Bikaar


Knowing myself to be ignorent, I urge you, O Hanuman, The son of Pavan! O
Lord! kindly Bestow on me strength, wisdom and knowledge, removing all my
miseries and blemishes। * *
मैं अपने को बुद्धिं हीन जान कर पवनपुत्र हनुमान जी का स्मरण करता हूँ जो मुझे बल बुद्धि और विद्या प्रदान करेंगे तथा मेरे सभी कलेशों को भी हर लेंगे।

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
जय किपिस तिहूँ लोक उजगार * *
Jai Hanuman Gyan Guna Sagar
Jai Kipis Tihun Lok Ujgaar * *
ज्ञान के भंडार पवनपुत्र हनुमान आप की जय हो। तीनों लोको में प्रकाश देने वाले अर्थार्त गयां देने वाले है कपीस आप की जय हो.


Victory of Thee, O Hanuman, Ocean of wisdom and virtue, victory to the Lord
of
monkeys who is well known in all the three worlds ** * *


रामदूत अतुलित बल धमा ,
अंजनी पुत्र पवनसुत नामा । **
Ramdoot Atulit Bal Dhamaa,
Anjani Putra Pavansut naamaa. **

भगवान् श्री राम के दूत पवनपुत्र अतुलित बल के आप भंडार हैं। अंजनी के पुत्र आप का नाम पवन पुत्र भी है।


You, the Divine messager of Ram and repository of immeasurable strength, are
also
known as Anjaniputra and known as the son of the wind - Pavanputra. ** **

महाबीर बिक्रम बजरंगी ,
कुमति निवार सुमति के संगी । **
Mahebeer Bikram Bajrangi,
Kumati Nivaar Sumati Ke Sangi. **

आप महान वीर हैं हे बजरंग बली आप अत्यन्त बल शाली हैं.छोटी बुद्धि का नाश कर के आप अच्छी विशाल बुद्धि का सहयोग करने वाले हो।


Oh Hanumanji! You are valiant and brave, with a body like lightening. You
are the
dispeller of darkness of evil thoughts and companion of good sense and
wisdom। ** * *

कंचन बरन बिराज सुबेसा ,
कानन कुंडल कुंचित केसा । **
Kanchan Baran Biraaj Subesaa,
Kanan kundal kunchit kesa. **

आप का शारीरिक वरण सोने जैसा है जिसमें आप सुंदर दिखाई देते हैं। आप के कानों में कुंडल हैं तथा सिर पर छोटे सुंदर बाल हैं।


Shri Hanumanji's physique is golden coloured. His dress is pretty, wearing
'Kundals' ear-rings and his hairs are long and curly। ** **

हाथ बज्र और ध्वजा बिराजे ,
काँधे मूंज जनेऊ साजे । **
Hath Bajra Aur Dhvaja Birjai,
Kandhe Moonj Janeu saage। **
आप के हाथ में वज्र व ध्वजा विराजमान है। आप के कंधे पर मूज ली जनेऊ शोभा देती है।


Shri Hanumanji is holding in one hand a lighting bolt and in the other a
banner
with sacred thread across his shoulder। ** * *

शंकर सुवना केसरी नंदन ,
तेज प्रताप महा जग वंदन । * *
Shankar Suvna Kesari Nandan,
Tej Pratap Maha Jag Vandan. * *

भगवान् शिव के स्मरण से पैदा होने वाले हे केसरी के नंदन आप के अन्दर महान तेज है तथा आप सम्पूर्ण जगत के वन्दनीय हो।


Oh Hanumanji! You are the emanation of 'SHIVA' and you delight Shri Keshri.
Being ever effulgent, you and hold vast sway over the universe. The entire
world proptiates। You are adorable of all. ** * *

विद्यावान गुनी अति चातुर ,
राम काज करिबे को आतुर * *
Vidyavaan Guni Ati Chatur,
Ram Kaj Karibe Ko Atur * *
हे पवनपुत्र आप बुद्धिमान तथा गुणों में चतुर हो। आप हमेशां अपने परभू हनुमान श्री राम के कार्य करने के लिए तैयार रहते हो अर्थात सबसे अधिक निष्ठावान स्वामिभक्त हो।


Oh! Shri Hanumanji! You are the repository learning, virtuous, very wise and
highly keen to do the work of Shri Ram, *

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ,
राम लखन सीता मन बसिया ।
Prabhu Charittra Sunibe Ko Rasiya,
Ram Lakhan Sita man basyia.

आप भगवान् श्री राम के चरित्र को सुनने में आनंद लेने वाले हो आप के मन के अन्दर राम ,लक्ष्मन व जानकी जी का वास है.

You are intensely greedy for listening to the naration of Lord Ram's
lifestory and
revel on its enjoyment... You ever dwell in the hearts of Shri Ram-Sita and
Shri
Lakshman।

सुक्ष्म रूप धरी सियाही दिखावा ,
बिकट रूप धरी लंक जरावा
Sukshma roop Dhari Siyahi Dikhwana,
Bikat roop Dhari Lank jarawa
आप ने अपना सूक्ष्म रूप धारण कर के सीता जी को दर्शन दिए तथा विशाल रूप धारण कर के लंका नगरी को जला दिया।


You appeared beofre Sita in a diminutive form and spoke to her, while you
assumed an awesome form and struck terror by setting Lanka on fire।

भीम रूप धरी असुर संहारे ,
रामचंद्र के काज सवार ।
आप ने भीम रूप धारण कर के दुष्टों का संघार किया तथा भगवान् श्री राम के बिगडे है सभी कामों को संवारा.

Bhim roop Dhari Asur Sanhare,
Ramchandra Ke kaaj Savare.


He, with his terrible form, killed demons in Lanka and performed all acts of
Shri
Ram।

लाये सजीवन लखन जियाये ,
श्री रघुबीर हरषी उर लाये ।
Laye Sajivan Lakhan Jiyaye,
Shri Raghubir harashi ur laye।
आप नें संजीविनी बूटी ला कर लक्ष्मन जी को जीवित किया। जिस से प्रसन्न हो कर प्रभु राम नें आप को गले से लगा लिया .


When Hanumanji made Lakshman alive after bringing 'Sanjivni herb' Shri Ram
took him in his deep embrace, his heart full of joy।

रघुपति किन्ही बहुत बदाई ,
तुम मामा प्रिया भारत सम बही ।
Raghupati Kinhi Bahut Badaai,
Tum Mama Priya Bharat Sam Bahi।
भगवान् श्रीराम नें आप के चरित्र का अनेक प्रकार से गुणगान कियाऔर कहा हे भाई पवनपुत्र तुम मुझे भारत के समान प्रिये हो .



Shri Ram lustily extolled Hanumanji's excellence and remarked, "you are as
dear
to me as my own brother Bharat"

सहस्त्र्बदन तुम्हारो जस गावें ,
असा कही श्रीपति कंठ लागावें ।
Sahastra Badan Tumharo Jas Gaave,
Asa kahi Shripati Kanth Laagave.

हजारों व्यक्ति तुम्हारा गुणगान करेंगे ऐसा कह कर प्रभु राम नें आप को गले लगाया



Shri Ram embraced Hanumanji saying:
"Let the thousand - tongued sheshnaag sing your glories"

सनकादिक ब्रह्मादी मुनीसा ,
नारद सारद सहित अहीसा।
Sankadik Brahmadi Muneesa,
Narad Sarad Sahit Aheesa

सनकादिक ब्रह्मादी मुनि तथा नारद और शारद (विद्या की देवी सरस्वती ) के साथ सैंकडों

Sanak and the sages, saints. Lord Brahma, the great hermits Narad and
Goddess Saraswati along with Sheshnag the cosmic serpent, fail to sing the
glories of Hanumanji exactly

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ,
कबी कोबिद कहीं सके कहाँ से
Jam Kuber Digpal Jahan Te,
Kabi Kabid Kahin Sake Kahan ते

तथा यम् कुबेर और जितने दिशाओं के पालक देवता हैं आप के चरित्र का वर्णन नहीं कर सकते,तो कवि और कोबिद आप का गुणगान कैसे कर सकते हैं।



What to talk of denizens of the earth like poets and scholars ones etc even
Gods
like Yamraj, Kuber, and Digpal fail to narrate Hanman's greatness in toto।

तुम उपकार सुग्रिवाही कीन्हा ,
राम मिलाये राजपद दीन्हा
Tum Upkar Sugrivahi Keenha,
Ram Miali Rajpad दीन्हा
हे पवनपुत्र आप ने वानरों के राजा सुग्रीव पर उपकार किया और उन्हें राम से मिलवा कर राजपाठ दिलवा दिया


Hanumanji! You rendered a great service for Sugriva, It were you who united
him with SHRI RAM and installed him on the Royal Throne।

तुम्हारो मंत्रो बिभीषण माना ,
लंकेश्वर भये , सब जग जाना ।
Tumharo Mantro Bibhishan Maana,
Lankeshwar Bhaye Sab Jag Jaana.

तुम्हारेमत को रावण के भाई विभीषण ने भी माना जिसके कारण वो लंका के राजा बने। इस बात को सारा संसार जानता है।


By heeding your advice. Vibhushan became Lord of Lanka, which is known all
over the universe।

जुग सहस्त्र जोजन पर भानु ,
लील्यो ताहि मधुर फल जानु
Juug Sahastra Jojan Par Bhaanu,
Leelyo Taahi Madhur Phal Jaanu

हे पवन पुत्र सैकडों योजन की दूरी परस्थित सूर्य को आप नें मधुर फल जानकर भक्ष लिया था ।


Hanumanji gulped, the SUN at distance of sixteen thousand miles considering
it to be a sweet fruit।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं ,
जलधि लांघी गए अचरज नहीं ।
Prabhu Mudrika Meli Mukha Maaheen,
Jaladhi Langhi Gaye Acharaj Naheen।
हे पवनपुत्र आप भगवान् श्री राम द्वारा दी गई अंगूठी को मुख के अन्दर रख कर विशाल समुन्द्र को लाँघ गए थे। जिसमें कोई आश्रय नहीं है।



Carrying the Lord's ring in his mouth, he went across the ocean. There is no

wonder in that।

दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे ते ते ।
Durgam Kaaj Jagat Ke Jeete,
Sugam Anugrah Tumhre Te Te.

संसार के जितने भी कठिन कार्य हैं आप के अनुग्रह से वो सभी सरल और सुगम हो जाते हैं।


Oh Hanumanji! all the difficult tasks in the world are rendered easiest by
your
grace।

राम दुवारे तुम रखवारे ,
होत न आगया बिन पैसारे।
.
Ram Duware Tum Rakhavare,
Hot Na Aagya Bin Paisare.

पवनपुत्र आप भगवान् श्री राम के द्वार पर अप्प रक्षा करने वाले हो। आप की कृपा के बिना किसी का भी राम दरबार में प्रवेश नहीं हो सकता है।

Oh Hanumanji! You are the sentinel at the door of Ram's mercy mansion or His

divine abode। No one may enter without your permission.

सब सुख लहें तुम्हारी सरना ,
तुम रक्षक काहू को डरना ।
Sab Sukh Lahen Tumhari Sarna,
Tum Rakshak Kaahu Ko Darnaa.

संसार में जितने भर सुख हैं सभी आप की शरण में हैं। पवनपुत्र जिसके जीवन के आप रक्षक हो उसे किसी से कोई डर नहीं है।


By your grace one can enjoy all happiness and one need not have any fear
under
your protection।

आपनो तेज सम्हारो आपे
तिहूँ लोक हांक ते कांपे
Aapan Tej Samharo Aapei,
Tanau Lok Hank Te कांपी
है केसरी नंदन आप अपने तेज को स्वयं ही संभाल पते हैं,अन्यथा आप के अन्दर इनता अदिक बल है की तीनो लोक (पृथ्वी लोक,स्वर्ग लोक,पाताल लोक।) आप की हुंकार से कांप जाते हैं।




When you roar all the three worlds tremble and only you can control your
might।

भूत पिसाच निकट नही आवे ,
महाबीर जब नाम सुनावे ।
Bhoot Pisaach Nikat Nahi Avei,
Mahabir Jab Naam Sunavei।
महावीर हनुमान आप के नाम स्मरण के कारण भुत व प्रेत नज़दीक नहीं आते है अर्थात वः भी आप का भय मानते हैं।




Great Brave on. Hanumanji's name keeps all the Ghosts, Demons & evils
spirits
away from his devotees।

नासयें रोग हरे सब पीरा ,
जपत निरंतेर हनुमंत बीरा
Nasei Rog Hare Sab Peera,
Japat Niranter Hanumant बीरा
हे पवनपुत्र जो आप का निरंतर ध्यान और जप करता हाय आप उसके सभी दुखों और रोगों का हरण कर लेते हो।


On reciting Hanumanji's holy name regularly all the maladies perish the
entire
pain disappears।

संकट ते हनुमान छुडावें
मन क्रम बचन ध्यान जो लावे।
Sankat Te Hanuman Chhudavei,
Man Kram Bachan Dhyan Jo Lavei।
जो हनुमान जो का मन कर्म और वचन से ध्यान करता है हनुमान जी उसे सभी प्रकार के संकटों से बचा लेते हैं।



Those who rembember Hanumanji in thought, word and deed are well guarded
against their odds in life।

सुब पर राम तपस्वी राजा ,
तिनके काज सकल तुम साजा
Sub Par Ram Tapasvee Raaja,
Tinke Kaaj Sakal Tum Saaja

इन सभी पर आप के स्वामी भगवान् श्री राम जो तपस्वियों के भी सम्राट हैं उनके सभी कामों को आपनें ही संभाला था।


Oh Hanumanji! You are the caretaker of even Lord Rama, who has been hailed
as
the Supreme Lord and the Monarch of all those devoted in penances।

और मनोरथ जो कोई लावे ,
सोई अमित जीवन फल पावे ।
Aur Manorath Jo Koi Lave,
Soi Amit Jivan Phal Pave.

मन में और भी कोई इच्छा हो उसका अमित रूप में जीवन फल प्रदान होता है।


Oh Hanumanji! You fulfill the desires of those who come to you and bestow
the eternal nectar the highest fruit of life।

चारो जूंग परताप तुम्हारा ,
है परसिद्ध जगत उजियारा ।
Charo Juung Partap Tumhara,
Hai Parsiddha Jagat Ujiyara।
हे हनुमान जी आप का प्रताप, महिमा, चरों युगों में जानी जाती है.(सतयुग से लेकर कलयुग तक) जो संसार में प्रसिद्ध है और उसे हर कोई जानता है।



Oh Hanumanji! You magnificent glory is acclaimed far and wide all through
the
four ages and your fame is radianlty noted all over the cosmos।

साधो संत के तुम रखवारे ,
असुर निकंदन राम दुलारे .
Sadho Sant Ke Tum Rakhvare,
Asur Nikandan Ram Dulare।
अन्जनिनंदन आप साधुओं और संतों की रक्षा करने वाले हो। हे राम के दुलारे आप दुष्टों का संघार करने में भी सक्षम हो।


Oh Hanumanji! You are the saviour and the guardian angel of saints and sages

and destroy all the Demons, you are the seraphic darling of Shri Ram।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता ,
असा बार दीन जानकी माता ।
Ashta Siddhi Nau Nidhi Ke Data,
Asa Bar Din Janki Mata.

अन्जनिनंदन लंका यात्रा के समय आप को जानकी माता से यह वरदान प्राप्त हुआ था की आप आठों प्रकार की सिद्धि और नौ प्रकार की निधि (सम्पत्ति ) के दाता हो अर्थात स्वामी हो।


Hanumanji has been blessed with mother Janki to grant to any one any YOGIC
power of eight Sidhis and Nava Nidhis as per choice.

राम रसायन तुम्हारे पासा ,
सदा रहो रघुपति के दासा ।
Ram Rasayan Tumhare Pasa,
Sadaa Raho Raghupati Ke Dasa।
पवनपुत्र आप के पास इस से भी अद्भुत धन राम कृपा रूपी औषधि है जिस के कारण आप भगवान् श्री राम के दास सदा बने रहते हो। इस लिए राम कृपा बनी रहती है।


Oh Hanumanji! You hold the essence of devotion to RAM, always remaining His
Servant।

तुम्हारे भजन रामको पावे
जनम जनम के दुःख बिस्रावेई ।
Tumhare Bhajan Ramko Pavei.
Janam Janam Ke Dukh Bisravei।
अआप्क के स्मरण से भगवान् श्री राम की भक्ति मिलती है। जिस के कारण जीवन में व्याप्त जीवन और मृत्यु का बंधन छुट जाता है। मोक्ष की प्राप्ति होती है।



Oh Hanumanji! through devotion to you, one comes to RAM and becames free
from suffering of several lives।

अंत काल रघुबर पुर जा ई
जहाँ जन्मा हरी भक्त कहाई ।
Anta Kaal Raghubar Pur Jai,
Jahan Janma Hari Bhakta Kahai.

इसके बाद मृत्यु उपरांत आप की भक्ति करने वाला जीव रघुवर पुर (वैकुंठ लोक) को जाता है। जहांपर उसका जनम हरी भक्तों में गिना जाता है.


After death he enters the eternal abode of Sri Ram and remains a devotee of
him, whenever, taking new birth on earth।

और देवता चित्त न धरे ,
हनुमंत सी सर्व सुख कराइ
Aur Devata Chitt Na Dharai,
Hanumant Sei Sarva Sukh Karai

इसीलिए जीवन में अन्य किसी देवता का ध्यान नहीं करना चाहिए। हनुमंत लाल की कृपा से जीवन में सभी सुख मिल जाते हैं।


You need not hold any other demigod in mind. Hanumanji alone will give all
happiness।

संकट कटे मिटे सब पीरा ,
जो सुमिरि हनुमंत बलबीर
Sankat Kate Mitey Sab Peera,
Jo Sumirei Hanumant Balbeera

जो महावीर हनुमान जी का निरंतर स्मरण करते हैं उनके सभी संकट और पीड़ा हनुमान जी की कृपा से दूर होती है।


Oh Powerful Hanumanji! You end the sufferings and remove all the pain from
those who remember you।

ज्ञै ज्ञै ज्ञै हनुमान गोसाई
कृपा करहु गुरुदेव की नाई
Jai Jai Jai Hanuman Gosai
Kripa Karahu Gurudev Ki Naiee

राम चरणों की वंदना करनेवाले केसरी नंदन आप की जय हो जय हो जय हो ,आप मुझ पर गुरु की तरह कृपा बनाए रखें ।


Hail-Hail-Hail-Lord Hanumanji! I beseech you Honour to bless me in the
capacity of my supreme 'GURU' (teacher).

Jo Sat Baar Paath Kar Koi,
Chhutahi Bandi Maha Sukh Hoi.
जो सत बार पाठ कर कोई ,
छुटहि बंदी महा सुख होई ।

जो कोई हनुमान जी के इस पावन चरित्र का एक हज़ार बार पाठ करेगा उसके सभी बंधन कट जायेंगे। हनुमान जी ,की कृपा से महान सुख की प्राप्ति होगी।
One who recites this Hanuman Chalisa one hundred times daily for one hundred

days becomes free from the bondage of life and death and enjoys the highest
bliss at last.


Jo Yah Padhe Hanuman Chalisa,
Hoy Siddhi Sakhi Gaurisa

जो यह पढ़े हनुमान चालीसा ,
होय सिद्धि साखी गौरीसा

जो हनुमान चालीसा पाठ को पढेगा
उसके भगवान् शिवव माँ पारवती अपनी सिद्धि प्रदान करेंगे।
As Lord Shankar witnesses, all those who recite Hanuman Chalisa regularly
अरे sure to be benedicted

Tulsidas Sada Hari Chera,
Keeje Nath Hriday Mah Dera।
तुलसीदास सदा हरी चेरा ,
कीजे नाथ ह्रदय माह डेरा ।
गोस्वामी तुलसीदास जी हनुमान जी से निवेदन करते हैं कि में भी हरिचरणों का दास हूँ इसी लिए हे अन्ज्निनंदन आप मेरे ह्रदय में भी बस जाईए,अर्थात मुझ पर कृपा करिए ।




Tulsidas always the servant of Lord prays. "Oh my Lord! You enshrine within
my
heart.! *

Chopai *

पवन तनय संकट हरण , मंगल मूर्ति रूप .
राम लखन सीता सहित , ह्रदय बसहु सुर भूप ।
Pavan Tanay Sankat Haran , Mangal Murti Roop.
Ram Lakhan Sita Sahit, Hriday Basahu Sur Bhoop।
पवनपुत्र हनुमान आप सभी संकटों को हरने वाले होऔर आप का swarup mangalmurti के समान सुंदर है। हे देवताओं के स्वामी आप से निवेदन है कि आप राम लक्ष्मण और माँ जानकी के साथ ह्रदय में वास करें।



O Shri Hanuman, The Son of Pavan, Saviour The Embodiment of
blessings, reside in my heart together with Shri Ram, Laxman and Sita

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Comments

नववर्ष् की शुभकामनाएं
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लि‌ए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com
Prakash Badal said…
आदरणीय पं.जी,

सादर प्रणाम,

आपका सर्वप्रथम ब्लॉग की दुनिया में स्वागत। मेरा न जन्म का पता न समय का पता तो कुछ हो सकता है?
Publisher said…
ब्लॉग की दुनिया में कदम रखने के लिए आपका स्वागत है। अपने दायरे का विस्तार करें और चिट्ठाजगत ने जिस अवसर को हमारे साथ बांटा है, अपने विचारों को विस्तार दें।

ढेर सारी शुभकामनाएं।
Hanuman Chalisa par ullekhniya jaankari di hai aapne. Dhanyawad aur Swagat.
बहुत सुंदर...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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