महा लक्ष्मी का व्रत का महत्व





05 अक्टूवर २०१५ को मनाये महालक्ष्मी व्रत 
पितृ पक्ष में एक दिन तिथि सप्तमी का एसा आता है जिस दिन शुख समर्धि हेतु सभी महा लक्ष्मी का व्रत सौभ्य्वती महिला करती है |इस दिन श्राधका दोष नहीं लगता है |इस दिन व्रत करने से परिवार में पाप एवं संताप सभी से मुक्ति मिलती है |इस दिन पांच उपचार से देवी लक्ष्मी भगवती को स्नान करने से ऋण मुक्ति होती है एवं परिवार में समर्धि प्राप्त होती है |इस दिन जो महिला या पुर्ष लक्ष्मी सहस्र नाम का श्रद्धा से पाठ करते है |उस के परिवार पर भगवती की अनोखी अनुकम्पा बनी रहती है |अत इस दिन सभी महिलायों को भगवती का श्रद्धा पुर्बक व्रत करना चाहिए |तथा लक्ष्मी का पूजन नारायणी रूप में नारायण के साथ ही करना चाहिए |
--
कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता |निज कृत कर्म भोग फल पाता||  
गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई .
गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  ..
Pt.Shriniwas Sharma
Mo:9811352415                                                      
http://vedicastrologyandvaastu.blogspot.com/
www.aryanastrology.com
Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan  Rs 500
Central bank a/c: SB no: CBIN0280314/3066728613





--


Comments

Popular posts from this blog

विवाहिक बिलब को दूर करता है जानकी मंगल या पारवती मंगल का पाठ

दत्तक पुत्र

uch nivas nich kartuti