गीता का १८ वा अध्याय देता है पितरो को शांति





पितृ पक्ष में करे गीता का पाठ 
भगवान् श्री क्रष्ण द्वरा जो गीता कुरु क्षेत्र में सुनाई गयी  उस गीता का १८ व अध्याय जो भक्ति योग प्रधान है  का पाठ करने से आप को भगवान् श्री कर्षण की भक्ति तो मिलेगी ही  साथ ही साथ आपके पितरो की गति सुधरेगी तथा आप के परिवार को बल मिलेगा एवं परिवार किसी प्रकार की बाधा जिस का सम्बन्ध पितृ ऋण सम्बन्धित सभी परेशानी दूर होगी  तथा परिवार का कल्याण होगा |इस में कोई संदेह नहीं है |यधपि गीता का १८ वा अध्याय जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर जीवन को सहज बनाता है |अगर किसी की म्रत्यु कठिन हो तो गीता का १८ वा अध्याय का पाठ करने पर म्रत्यु सहज सरल  बन जाती है |अत आओ पितृ पक्ष में गीता का पाठ कर अपने पितरो को शांति दें तथा शांति प्रदान कर अपने जीवन को सरल बनायें |
--
कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता |निज कृत कर्म भोग फल पाता||  
गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई .
गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  ..
Pt.Shriniwas Sharma
Mo:9811352415                                                      
http://vedicastrologyandvaastu.blogspot.com/
www.aryanastrology.com
Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan  Rs 500
Central bank a/c: SB no: CBIN0280314/3066728


Comments

Popular posts from this blog

विवाहिक बिलब को दूर करता है जानकी मंगल या पारवती मंगल का पाठ

दत्तक पुत्र

uch nivas nich kartuti