मधुर नहीं हो सकेंगे भारत पाक सबंध


ज्योतिषीय आधार पर खगोलीय घटना एवं ग्रहणों से राजनीति का सीधा सम्बन्ध है |जब कोई खानोलीय घटना होती है तो उसका असर प्रथ्वी एवं उस पर उत्पन्न जीव जंतु वनस्पति सभी पर पड़ता है |एसा ज्योतिष का भी मानना है |इस मास सिप्ताम्बर २०१५ में दो ग्रहण है जो एक १३ सितम्वर २०१५ अमावस्या दिन रविवार को होगा जो भारत एवं एशिया के किसी भी राष्ट में दिखलाई नहीं पड़ेगा |दूसरा ग्रहण २८ सिप्त्म्वर २०१५ सोमवार पूरनमा को होगा  जो भारत एवं उस के पडोशी देशो में लग भाग सभी स्थानों पर दिखलाई देगा |
ज्योतिष में एक पुरानी कहावत या सूक्ति इस प्रकार है कि  एक पाख दो ग्रहना |
रजा मरे या सेना || यानि जिस मास में दो ग्रहण लगे वह मास राजनेता एवं प्रजा दोनों में से किसी को ठीक नहीं होता है |१३ सितम्वर २०१५ को सूर्य ग्रहण भले ही दिखलाई नहीं पड़े लेकिन उस दिन सूर्य का कन्या राशी में होने के कारण पक्स्थान की व्यवस्था राजनैतिक सोच गड बड होगी तथा भारत के साथ निरंतर तनाब बढेगा |इस के साथ २९ जनवरी २०१६ को जब राहू सिंह राशी में गोचर करेगा  जो लग भाग 06 मास रहेगा उस समय गुरु चंडाल योग की पुष्टि होती है |जिस से राजनैतिक सोच जनता का व्यवहार अक्ममिक होगा |अत उस समय पाक एवं भारत के सबंध पूरण रूप से ख़त्म हो जायेगे एवं युध होने की पूरी संभवना है |इन दिनों देश को आर्थिक हानियों के दौर से भी गुजरना होगा |अत यह समय जून २०१६ तक पक्स्थान के लिए विल्कूल ठीक नहीं है |
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कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता |निज कृत कर्म भोग फल पाता||  
गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई .
गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  ..
Pt.Shriniwas Sharma
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