बाबा रामदेव : निकटतम व्यक्तियों से सावधान रहें

बाबा  रामदेव : निकटतम  व्यक्तियों से सावधान रहें

ज्योतिष के आधार पर बाबा रामदेव की कुंडली जन्म दिनांक २५ दिसम्बर १९६५ 20.२४  सायं काल  जिला महेंद्र गढ़ जैसा की बताया जाता है  के आधार पर कर्क लगन और मकर राशी की बनती है लगन कुंडली के आधार पर सप्तम घर में चतुर्तेश शुक्र और दशमेश मंगल का लग्नेश चंद्रमा के साथ योग है चतुर्तेश शुक्र का दशमेश मंगल के साथ होना इस बात का प्रतीक है की ऐसे जातक अपने कर्म के बल पर जीवन में ख्याति प्राप्त करते हैं तथा कई धर्मस्थानो  वा संस्थाओं के मालिक भी होते हैं अगर चन्द्र कुंडली के अनुसार देखा जाये तो पंचम घर में स्थित राहु पूर्व जन्मों के कर्मों को लेकर अचानक उठनें वाली अड़चन और परेशानियों  का संकेत देता है .अर्थात ऐसे जातकों के जीवन में लोकप्रिय होते है भी ऐसा समय आता है की अपनें लोग ही साथ छोड़ जाते हैं या विश्वास घात  होता है चन्द्र  और लगन कुं-डली में चंद्रमा का मंगल और शुक्र के साथ होना तथा लगन कुंडली में चंद्रमा का सप्तम घर में होना इस बात का प्रतीक है की ऐसे जातकों को परेशानी के समय सदमा या मानसिक रोग होनें में देर नहीं लगती . ऐसे जातक जैसे जनता को गंभीर दिखाई देते हैं ऐसे होते नहीं हैं ये जातक मुहफटहोते है और इनकी कथनी करनी में अंतर होता है यह  किसी के आधीन रहने की बजाये किसी को अपने आधीन रखना ज्यादा पसंद करते हैं इस कुंडली का नवांश धनु राशी का है जो लगन कुंडली के छठे   घर में उत्त्पन्न होती है तथा इस बात का प्रतीक है की ऐसे जातक भले ही लोकप्रिय हों लेकिन उन्हें सफलता आसानी से नहीं मिलती है,विकास के क्षेत्र में अनेक रोड़े रहते हैं भाग्येश  गुरु का १२वे  घर में होना इस बात का प्रतीक है की इनका भाग्य अपनें जन्म स्थान से दूर ,विदेश में सफल होता है. ऐसे जातकों के विरोधियो के बारे में बात की जाये तो सभी विरोध के समय एक जुट हो केर ऐसे व्यक्तित्व का सामना करते हैं और झगडे या लड़ाई को लम्बा खींचते हैं .जबतक लड़ते हैं तब तक जातक या स्वयं की पूर्णतया बर्बादी न कर लें .
वर्तमान समय में बाबा पर गुरु की महादशा जो १९-०६-२००० से १९-०६-२०१६ तक रहेगी में अंतर सूर्य जो १-१-२०११ से १९-१०-२०११ तक रहेगा तथा प्रत्यंतर बुध ०३-०७-२०११ से१४-०८-२०११ तक है यह समय अनुकूल नहीं है अतः बुध के प्रत्यंतर तक बाबा जी पर बैठे बिठाये परेशानी आ सकती है बुध का १२वे घर से सम्बन्ध के कारण झगड़े  झंझट मुकदमा आदि सब बढनें की सम्भावना है. दूसरा चन्द्र कुंडली में चौथे   घर में होनें वाला गुरु का गोचर तथा नवें  घर में शनि का गोचर इस बात का भी प्रतीक है की बाबा का स्वाभिमान अपनी निकट वर्ती मित्र शिष्य आदि के गलत आचरण के कारण खराब होगा जिस से समाज में इज्ज़त से बात करना भी कठिन हो जायेगा .
अतः बाबा जी किसी क़ानूनी कारवाही से बचें तथा किसी दस्तावेज़ पर विचार करनें के बाद ही हस्ताक्षर करें एवं अपनें निकट वर्तियों  पर बिना परखे भरोसा न करें तथा किसी के गवाह आदि न बनें .
बाबा को क़ानूनी  सहयोग मिलनें की कम संभावना है.१५ नवम्बर के बाद जब शनि राशी परिवर्तन करेगा उस समय परेशानी और भी बढ सकती हैं. 

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इस योग व्यापारी की जल्द ही असलियत सबके सामने आने वाली है ! इसने राजीव दीक्षित को गुमनामी की मौत मारा और अब उसपे चुप है वो भी तब जब इंडिया टुडे नाम की पत्रिका में राजीव भाई को रहस्यमयी और विवादास्पद जैसे गलत शब्दों से उनको बताया गया है ! बाबा के रूप में ये पाखंडी है और इसका पर्दाफाश हो सके तो मै ही करूँगा !

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