मनुष्य शारीर से ही प्रगट होते हैं ग्रहों के लक्षण

मनुष्य शारीर से ही प्रगट होते हैं ग्रहों के लक्षण 

ज्योतिष के अनुसार मनुष्य का बदलता हुआ समय उसके भाग्य को शुभता या अशुभता प्रदान करता है जिसके सहारे समाज में रह कर मानव विकास या विनाश का रास्ता तय करता है अर्थात इस संसार में मनुष्य साधन है तो समाज साध्य है .ज्योतिष में जब किसी कुंडली का विवेचन किया जाता है तो उस समय लगन में बननें वाले योग लगन पर शुभ व अशुभ ग्रहों का प्रभाव लगन की डिग्री तथा उसके नवांश का सर्वाधिक मायना होता है . लगन क्यूंकि मनुष्य स्वयं ही है और स्थित कुंडली में ग्रह उसकी शुभता और अशुभता है जिस पर चल कर वो अपना भाग्य तय करता है. यही कारण है की संसार में कर्म के सहारे एक व्यक्ति कर्म के बल पर भिखारी से राजा बनता है और दुसरा अपनें ही कर्म के द्वारा राजा से रंक हो जाता है  |भावी प्रबल होती है उसी के अनुसार मनुष्य के मन और बुद्धि बन जाते हैं जिसके कारण मनुष्य शुभ या अशुभ कर्म करता है अर्थात खराब समय में मनुष्य खराब कर्म करता है तथा अच्छे समय में अच्छे कर्म करता है .
इस संसार में समय परिवर्तनशील है जो कुंडली में ग्रहों के माध्यम से दिखलाई देता है ग्रह परिवर्तन का सीधा असर मनुष्य के शारीर और बुद्धि पर पड़ता है फलस्वरूप समय परिवर्तन के साथ साथ मनुष्य के शरीर मन और बुद्धि में होने वाले परिवर्तन खुली आँखों से देखे जा  सकते हैं  यही कारण है की मनुष्य की कुंडली में खराब समय आनें पर उसके चलनें बात करनें एवं सोचने के सभी तरीके बदल जाते हैं जिस से वो अपने कर्म के द्वारा ही विकास का रास्ता परास्त कर विनाश का रास्ता तय करता है ,इतना ही नहीं मनुष्य का हसनें बात करनें ,उठने-बैठनें तथा चलने की विधि उसके भाग्य की ओर संकेत करते हैं जिसके अनेकों लक्षण देखे जा सकते हैं उदारणार्थ जो मनुष्य चलते समय अपनें बाएँ पैर को अधिक घसीटते हैं कहा जाता है भाग्य के बड़े कमजोर होते हैं और अपनी पैतृक संपत्ति तक गवा देते हैं ,दूसरी ओर चलते समय दायें पैर को अधिक घसीत्तनें वाला  मनुष्य भाग्य का धनी अपने कर्म के द्वारा प्रगति की ओर अग्रसर एवं संपत्ति व वैभव प्राप्त करने वाला होता है.इसके साथ साथ मनुष्य के हसने बोलने नेत्रों के द्वारा देखने और ताली आदि बजने के ढंग से उसके शरीर के अन्दर पड़ने वाली ग्रहों की नकारात्मक या सकारात्मक उर्जा का पता लगता है जिस पे मनुष्य का भाग्य निर्धारित होता है.      

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