वर्ष -२००९ का वर्षफल

वर्ष -२००९ का वर्षफल
मंगलमय हो वर्ष आपका ,जीवन में बनी रहे मुस्कान

धन ,दौलत और मान प्रतिष्ठा से पूरण करें तुम्हे भगवान



वर्ष २००९ का शुभारम्भ दिन गुरूवार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को १२ .01 सुबह से हो रहा है उदित लगन कन्या है. उस दिन पड़ने वाला नक्षत्र धनिष्ट का चौथा चरण है धनिष्ट नक्षत्र का स्वामी मंगल होता है. यह नव वर्ष शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि तथा वज्र नामक योग के साथ शुरू हो रहा है. उस दिन ग्रहों की स्थिति पर ध्यान दिया जाए जो इस प्रकार है.:-
लगन कन्या का भावांश २२-५२-२५, सूर्य १६-३१-४१,चन्द्र -३६-३५ ,मंगल १९-२५-५२ ,बुध -१५- ,गुरु -५६-१५,शुक्र --२४तथा शनि २७-४६-१३ एवं रहू केतु के भोगंश अपनी अपनी राशियों में १५-३३-२९ डिग्री के होंगे उस दिन अगर हम ग्रहों की राशियों की चर्चा करें जो इस प्रकार होगी
सूर्य और मंगल धनु राशी में होंगे ,शुक्र चन्द्र कुम्भ राशी में, बुध गुरु राहू मकर राशी में तथा शनि सिंह केतु कर्क राशी में संचार करेंगे . इन सभी स्थितियों को देखते हुए गुरु जो सामजिक मर्यादा नैतिकता एवं धन का कारक है की स्थिति कमजोर है. फलस्वरूप नव वर्ष के शुभारम्भ के बाद बेरोज़गारी आर्थिक मंदी एवं सामजिक-नैतिक कानूनी समस्या उभर सकती हैं जिस से विश्व के अधिकतर देशों को जूझना पड़ेगा अगर हम भारत की कुंडली को देखें जो की वरिश लगन तथा कर्क राशी से बनती है जिस पर शनि की का साती का नाकारात्मक साया है. गुरु की स्थिति कमजोर होने के कारण देश की सरकार राज्य सरकारों को कमजोर आर्थिक स्थिति तथा व्यापार को बढाने हेतु कदम उठाने होंगे .वर्ष २००९ के प्रारम्भ में भारत सरकार कमजोर परिस्थितियों से घिरी रहेगी तथा मित्र पड़ोसी देशों से धोखा होने की सम्भावना भी रहेगी
देश की कमजोर परिस्थिति का साया शनि के व् अकरी होने के कारण जनवरी के पूरे महीने छाया रहेगा.फरवरी का शुभारम्भ दिन रविवार रेवती नक्षत्र के दुसरे चरण तथा सिध्ही नाम के योग से होगी तुला लगन एवं चन्द्र राशी मीन होने के कारण शुक्र को बल मिलेगा जो स्वतंत्र भारत की कुंडली का लग्नेश है परिणाम स्वरुप सरकार अपने नियमों सिद्धांतों में परिवर्तन करें गी .आतंकविरोधी विशेष अभियान चला कर समाज का विश्वास जितने में सफल होंगी इस अवधी में पड़ोसी देश पाकिस्तान की स्थिति कुछ कमजोर होगी ३१ दिसम्बर २००८ से शनि के वक्री होने के कारण जनवरी महीने में भारत पाक सम्बन्ध में दुरी ओर अधिक हो सकती है.शीत युध्ध की लहर भयानक रूप से पूरे महीने छाया रहेगा

फ़रवरी में सरकार का कार्य शांतिप्रिय तथा समृद्धि दायक होगा सरकार और समाज की नजदीकियां बढेंगी.लेकिन विश्व मंदी के कारण एवं आतंकवादी गतिविधियों के कारण जनता में भय आक्रोश दोनों बने रहेंगेसूर्य के मकर राशी में होने के कारण मध्य फ़रवरी तक सरकारी प्रशासन को अपने अभियानों में विशेष सफलता मिलेगी अग्नि भय तथा आतंकवादी गतिविधियों का सिलसिला फ़िर भी बना रहेगा(पुरी फ़रवरी)

मार्च २००९ का शुभारम्भ दिन रविवार शुक्ल पक्ष चतुर्थी आश्विन नक्षत्र के प्रथम चरण जिस का स्वामी केतु है तथा योग शुक्ल से आरम्भ होने के कारण रेल यातायात में अग्नि का भय ,आत्नाक्वादियों की गतिविधियों में तेज़ी, प्रजा को राज नेताओं के प्रति अविश्वास ,अग्नि सम्बन्धी उपकरणों से भय बना रहेगा .इस मास का प्रारम्भ वृशचक लगन तथा मेष राशी से शुभारम्भ के कारण यह मास समाज और सरकार दोनों को परेशानी देने वाला होगा शुक्र के मीन राशी में होने से समाज में आर्थिक सम्पन्नता तो बढेगी किंतु आतंकवादियों की गतिविधि तथा सरकार की नकारात्मक रवैए के कारण समाज में आक्रोश असंतोष व्यापत होगा
अप्रैल मास का शुभारम्भ शुक्ल पक्ष की षष्टि तिथि दिन बुधवार मृग शरा नक्षत्र के प्रथम चरण सौभाग्य योग के होने के कारण इसमास में सरकार एवं सामजिक चुनौतियाँ दोनों में निकट सम्बन्ध रहेगा राजनितिक गतिविदियाँ नकारत्मक रूप से उभरेंगी तथा समाज में परेशानी आतंकवाद का साया छाया रहेगा भारत वर्ष की चन्द्र कुंडली के अनुसार सप्तम घर में गुरु और रहू पड़ने के कारण तथा एकादश में स्थित मंगल से पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ अन बन तथा सैनिक कारवाही के संकेत तक मिलते है इस मास के मध्यं तक भारत सरकार परेशानिओं से घिरी रहेगी. १५ अप्रैल के बाद तथा मोस के अन्तिम चरण में सरकार को चलाये जा रहे अभियान में बड़ी सफलता मिलेगी तथा विश्व स्तर पर हमारी नीतियों को सराहा

मई मास का आरम्भ शुक्ल पक्ष तिथि सप्तमी ,नक्षत्र पुनर्वसु के चौथे चरण शूल नामक योग सूर्य राशी वृष में होने के कारण देश के अंदर मानवीय संसाधनों में वृद्धि होगी. देश की कुंडली के दुसरे घर में शनि का गोचर होने के कारण राजनीतिक विवाद देश के अंदर भरी मात्र में पनपे गे.लेकिन लगन कुंडली से तीसरे घर में गोचर कालीन शनि की स्थित होने के कारण केन्द्र सरकार अपनी मजबूत स्थिति से निर्णय करने में सफल होगी. राजनितिक गंदे प्रतिद्वंद्व को धोने के लिए देश की न्याय पालिका भी कठोर कदम उठाएगी .समजिल परिस्थितियनइस मास में विश्मतापुरण रहेंगी सरकार को अनेक प्रकार के आंतरिक कलहों से जूझना पड़ेगा.बाज़ार में तस्करी ,चोरी की घटनाएं बदने के कारण अधिक ऊर्जा सरकार को आंतरिक सुधारों पर खर्च करनी होगी. इसके साथ साथ आतंकवाद से भी जूझना होगा.अतः यह मास सरकार के लिए कठोर एवं चुनौती भरा होगा. कृषि में \च्छी पैदावार होने से एवं व्यापार की स्थिति सुधेरने से समाज में खुशी का माहौल भी रहेगा.

मई मास का शुभारम्भ शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि वज्र नाम के योग से होने के कारण समाज में असमानता बनी रहेगी .,पूर्व फागुनी नक्षत्र के चौथे चरण पड़ने के कारण नक्षत्र स्वामी शुक्र होने के कारण एवं शुक्र के मंगल की राशी में जाने के कारण समाज में विलासता बढेगी तथा सरकारी नीतिओं द्वारा महिलाओं के हितों की रक्षा हेतु सिद्धांतो के अनुपन की ओर ध्यान दिया जाएगा.देश की गरिमा विश्व स्तरपर सराही जायगी .सरकार राष्ट्र के विशे हितों की रक्षा हेतु कदम उठाएगी .वातावरण शान्ति पूर्ण रहेगा. देश का पड़ोसी देशों से एवं विश्व के अनेक राष्ट्रों से मित्रवत सहयोग समन्वय बढेगा. इस मास में गुरु के मार्गी होकर कुम्भ राशी में जाने से सरकार कठोर कानून व्यवस्था का समाज के हितों की ओर ध्यान देगी ,देश की नयायपालिका भी मजबूत राष्ट्र के निर्माण हेतु कठोर कदम उठाएगी. बाज़ार की दशा सुधरेगी. रोज़गार के अवसर मिलेंगे.लेकिन आतंकवाद का साया बना रहेगा.अग्नि सम्बन्धी घटनाएं भी हो सकती है इन से समाज में भय आक्रोश रहेगा

जुलाई मास का शुभारम्भ शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि दिन बुधवार शिवा नाम योग चित्र नक्षत्र के तीसरे चरण से हो रहा हैदेश की चन्द्र कुंडली के अनुसार सूर्य का बुध के साथ गोचर द्वादश भावः में होने के कारण सरकार को पड़ोसी देशों से परेशानी बनी रहेगी.इस मास के मध्यान तक सरकार को आर्थिक एवं सामजिक दोनों प्रकार की परेशानिओं से जूझना पड़ सकता हैमध्यान के बाद सरकार की विदेश नीति को विश्व सत्र पर सराहा जाएगाविदेशी व्यापार बढेगा आर्थिक स्थति में सुधर होगालेकिन राज्य सरकारों के आंतरिक कलह भी बढेंगेसमाज में विलासता के साधन बढेंगे ,केन्द्र सरकार को मित्र देशों से सहयोग प्राप्त होगा

अगस्त मास का शुभारम्भ दिन शनिवार शुक्ल पक्ष की एकादशी से हो रहा हैइस दिन ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रथम चरण होगा इस का स्वामी बुध है ,बरह्मा नाम का योग होगा सूर्य राशी सिंह में प्रवेश करेंगे वर्षा ऋतु होगीइस मास के प्रथम चरण में सरकार को सामजिक गतिविधियों को लेकर ऐसे कुछ कार्य करने पड़ेगे जो इछाविरुद्ध होंगेराजनैतिक गतिविधियाँ सकारात्मक होंगीपाकिस्तान के साथ शीत युद्ध के संकेत है१५ अगुस्त २००९ से chturthesh सूर्य की दशा आने से न्याय व्यवस्था कठोर ,सुखद होगीसमाज में सुख समृद्धि बढेगी, आतंकवादियों की गतिविधि पर कानूनी नियंत्रण होगा,राजनीती में राजनितिक गंद का सफाया होगासामाजिक व्यवस्था बदलेगी.सब जाग जायेंगेपाकिस्तान के साथ सैनिक कारवाही भी इस समय हो सकती हैकठोर कानून व्यवस्था के तहत आतंकवादी गतिविधियों में बड़े पैमाने परप्रहार होंगे.
सितम्बर मास का शुभारम्भ तिथि द्वादशी शुक्ल पक्ष से हो रहा है .उस दिन बनने वाला योग सौभाग्य है . उत्तरा आशारा नक्षत्र है' इस का स्वामी सूर्य है. सूर्य का शनि के साथ में स्व राशी में स्थित होना सरकार को व्यवधान परेशानी एवं उसमे सफलता भी दर्शाता है. अतः इस माह से सरकार के सामने एक ओर परेशानियाँ होंगी तो दूसरी ओर सफलता मिलेगी देश आगे बढेगा, व्योपार में अत्यधिक वृद्धि होगी, नए नए आविष्कार होंगे, देश की समृद्धि बढेगी. राष्ट्रीय आदर्शों की विश्व स्तर पर चर्चा होगी yeh rujhan अगले बाकी महीनों में चलता रहेगा.



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