bhart banega vishw guru

अगर हम  भारत की कुंडली की बात करे तो स्वतंत्र भारत की कुंडली दिनाक 14  अगस्त 1947  समय रात्रि ००.30    दिल्ली पर विचार करे तो  स्वंत्र भारत की कुंडली वृषभ लग्न एवं मिथुन राशि की बनती है  लग्न कुंडली अनुसार सूर्य ,बुध ,शनि,शुक्र तीसरे भाव यानि कर्क राशि में है  अगर चंद्र कुंडली की बात करे तो  यह युति दूसरे भाव में बनता है  यानि अगर लग्न से विचार करे तो तीसरा भाव जिसे संबंधित भाव कहा जाता है पीड़ित है  अगर चंद्र से विचार करे दूसरा भाव पीड़ित हो जाता है जो आंतरिक कलह की और संकेत  करते है।  अत  यह बात स्पष्ट है कि भारत को आंतरिक कलह  एवं पडोशी राष्टों  से हमेशा जूझना पड़ेगा।  भारत के लग्न में राहु देश की धर्म निरपेक्षता को प्रकट करता है एवं सप्तम भाव में केतु जो मंगल की राशि वर्षिक में है एवं इस का स्वमी अपने से अष्टम भाव में मंगल के साथ है। अगर हम हिन्दुतय की बात करे तो हिन्दुतय का कारक  गुरु  जो छटे भाव में शुक्र की राशि  तुला में है  एवं शुक्र के नवांश में है  अत  देश के अंदर  हिंदूवादी ताकत कमजोर स्थति में रहेगी  एवं अन्य धर्मो की ताकत बढ़ती रहेगी  इन दिनों देश की कुंडली में शुक्र की दशा दिनाक २३ /०७/२००७ से २३ /०७/२०२७ तक है  इन दिनों  गुरु की चलने बाली  अंतर् दशा जो २३ /०९ /२०१७ से शुरू होने  बाली  दशा  २३/०५/2020  को समाप्त हो चुकी है।  एवं शनि का अंतर्  २३ /०५/2020  से शुरू होने के बाद २३/०७ /२०२३ तक रहेगा  जो योग कारक  एवं अच्छी स्थति में है।  लेकिन शनि की ढैया इस फल में  निरंतर कमी कर रही है।  अगर जैमनी दशा एवं कारको की बात करे तो  इस कुंडली में  शुक्र  भातृरी  कारक  है एवं शनि मातृ  कारक  है  जो अच्छा योग बनती है।  अत  स्पष्ट है की  भारत के विश्व के अंदर अच्छे संबंध रहेंगे लेकिन दिनाक १०/०९/२०२०  तक पडोशी राष्टों   जैसे  पाकस्थान, चीन , नेपाल  से समंध अच्छे नहीं रहेंगे  एवं देश में व्याप्त आंतरिक कलहो से भी जूझना पड़ेगा  एवं यह घटनाये १३/०८/२०२१ तक रहेगा।  लेकिन इन सब के बाबजूद भारत के विश्व में रिश्ते बहुत सुंदर  बनेगे  तथा भारत का विश्व स्तर पर नाम होगा  लेकिन पडोशी राष्ट एवं आंतरिक कलह भी व्याप्त रहेगी।
                             पंडित    श्रीनिवास शर्मा [ देवज्ञ ]
                                         9811352415 ,8826731440  

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