नव चंडी का पाठ एवं निर्वाण मन्त्र






-- शनि एवं राहू कीशांति करे देवीके नवचंडीपाठ एवं निर्वाण मन्त्र से
०१ -१०-२०१६ दिनशनिवार सेनवरात्री महापर्ब एक अनोखी झलक लेकर आरहा है| इसवार नवरात्रिपर्ब काशुभआरंभदिन शनिवार हस्तनक्षत्र ब्रह्मयोग कि कारनसे होरहा है इसदिन चन्द्र कन्याराशीमें होगा| वैसेदेवीकानिर्माण मन्त्र एवं दुर्गा सप्तसतीका पाठ सभी रोग ए वं शोकका नास करने बाला होता है | इस में शरद कालीन नवरात्रीयो का विशेष महत्व है | जिनजातकोपर राहू की नकारात्मक दशा है या शनि की नकारत्मक दशा या शनिकी साढ़ेसाती का प्रकोप है| तो देवीका नवचंडीपाठ कराये एवंदेवी केनिर्माण मन्त्र काजप एवं कलेतिल साबुतउर्द शहद बड़ी इलायची लोग एवं जायफल केसाथ देवीकाहवनभी करे | देवी केनिर्माण मन्त्र के साथ सम्लित सामग्रीकी प्रतिदिन १०८ आहुति अबस्य दें| इस प्रकार देवीकेनिर्माणमन्त्रका०९दिन जाप एवंसप्तसतीके ०८ पाठ कर नॉवे पाठ के साथ हवन कराये एवं कन्यायो कोभोजन कराकर माँ भगवतीका आशीवाद लें|
नौदिन खानपीन सयम आचरणका ध्यानरखे| माँ भगवती क्रपा अब्स्य करेगी |
मंगल भवन  अमंगल  हारी, द्र्वयु सो  दशरथ  अजर बिहारी |
दीन दयाल  विरद  सम भारी,   हरयो  नाथ  मम शंकट भारी .||.
Pt.Shriniwas Sharma
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