सिद्ध विनायक गणेश चतुर्थी के दर्शन निषेध





सिद्धविनायक गणेशचतुर्थीकोचन्द्रदर्शन निषेद
सिद्ध विनायक गणेशचतुर्थी हिन्दूओकाबड़ा पावनपर्व है | महाराष्टके साथसाथ पुरेहिन्दुस्थानमें गणेशपूजनकीधूममचीरहती है| यहदिनसभी कामनायोकोपूरणकरने बाला माना जाता है| लेकिनभूलक्रभी अपनेरात्रिमें इसतिथिको चन्द्रदर्शनकर लिए तोआपको कोईनकोईकलकअबस्य लगजायेगा इसमें कोईसंदेह नहीं है|
भगवतपूरण के अनुसार भगवान श्रीक्रष्ण पर मणि चोरीका आरोप इसीदिन चन्द्र दर्शनके कारनलगाथा जो सत्यभामाकेपिता सत्यजीत द्वारलगयागयाथा|जबभगवान श्री क्रष्णद्वरा जम्बंत जीकेपास सेमणिलाकरदेदीथी |जिसकेकारनसत्यजितकोबनीशर्मादगी हूईएवं उस ने अपनीबेटीकाविवहा भगवान् श्रीक्रष्णसे क्रदियाथा| बादमें यहपायागया यहसारी घटना कलकचौथके चन्द्रदर्शन केकारनहूआ|
इसके साथसाथ मानस में भीइसका वररन मिलता है |जबआप मानस केपंचमशौपन सुंदरकांडमें प्रवेशकरते है | वहापर मंदोदरी लंकादेहन केबादअपनेपति रावणको सीताको राम को वापिसदेने एवंचौथकेचन्द्र की तरह त्यागदेने कीसलहादेती है| यानि इतनाख़राब होताहै कलकचतुर्थीकाचन्द्र अगरनइसके दर्शनकोई भूलक्र भी क्रलें तो भी वर्षकेअंदरकोईनकोईझूठाआरोप अबस्य लगेगा|
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कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता |निज कृत कर्म भोग फल पाता||  
गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई .
गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  ..
Pt.Shriniwas Sharma
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