दो ग्रहणों का प्रभाव

अग्रेजी अक्टूबर मास में दो ग्रहण की घटना होगी |चन्द्र ग्रहण जो शरद पूर्णमा08 आक्टूबर २०१५ दिन बुधबार उत्तरभाद्र पद नक्षत्र ढूर्ब योग बव कारण तथा मीन राशी के चन्द्र में हो चूका है यधपि इस का प्रभाव परबीभारत के साथ साथ खाड़ीराष्टो में ग्रहण दिखलाई देने के कारण अधिक होगा |
दूसरा ग्रहण २४ अक्टूबर२०१४  को होगा यह ग्रहण दिन शुक्रवार स्वाती नक्षत्र प्रीति योग कि करणमें होगा इस ग्रहण का प्रभाव यूरोप के देशो में अधिक होगा ग्रहण की घटना भारत में सूर्य उदय से पूरब होने के कारण भारत वर्ष में दिख लायी नहीं पड़ेगा |परिणाम स्वरूप कोई छोटी मोटीघटना के अलाबा कोई शंकट या बदलाब के योग नहीं है |
लेकिन इस के बाद भी अक्टूबर मास जनता के लिए कष्ट दाई सिद्ध हो सकता है इस मास में 05 गुरुवार है पिछले मॉस में पांच सनिवार थे जिस से गत मास प्रकर्तिक आपदा जम्मू कश्मीर जिस का तरोतजा उदारण है |
इस मास में 05 गुरुवार होने के कारण जनता महगाई कें कारण तिराह तिराह करने लगेगी |महगाई के कारण तथा सरकार की बाज़ार में कोई निति स्पष्ट न होने के कारण दीवाली का रंग फीका दिखलाई दें सकती है |
इस मास दो ग्रहण होने के कारण तथा पांच गुरु वार होने कें कारण अनेक बीमारी कानून की मार सरकारी भ्रष्ट रैवये जनता में बेचेनी देगे |
इस मास दो ग्रहण होने कें कारण भारत पाक कें सम्बन्ध की व्यवस्था जिस में शांति की बात कही जा रही है  फीकी पड़सकती है तथा युध का रूप लें सकती है 08 अक्टूबर को चन्द्र ग्रहण मीन रासी में था |तथा आगे आने बाला सूर्य ग्रहण उस समय होगा जब च सूर्य तुला राशी होने पर होगा |इस लिए यूरोप के देशो में प्राकतिक आपदा होने असार है इस मास में चोरी लुट पाट की घटना अधिक होगी कानून अंकुस कमजोर होगा इस लिए दीपावली के बाजारों में साबधानी रखने की अति अबस्कता है |

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