मंगल का शुक्र की राशि तुला में शनि तथा राहु के साथ गोचर

मंगल का तुला राशि में शनि तथा राहु के साथ दि  ४ फरबरी २०१४ दिन मंगल वार् रेवती नक्षत्र  सिद्दी योग तथा बा कारन  कारन से शुरू हूया   है   जोतिष में शनि जनता का कारक माना गया  है एवं मंूया देश गल पकृति तथा बल का कर्क एवं शनि का शत्रु गृह माना  जाता है दूसरी बात मंगल अग्नि कर्क गृह  तथा शनि मॉल गंध अदि काकारक     माना जाता है  ये योग उन जातको जी पर शनि की नकारात्मक साढ़े साती  का योग  है परेशानी का कारक माना गायेगा  लेकिन जी कुंडलियो में मंगल का केद्र तीरकोड का सम्बन्ध  है उन के लिए अति उत्तम माना जायेगा इसी लिए नकारत्मक साढ़े साती बाले लोंगो इस समय साबधानी से कार्य करना चाहिए  ये   मंगल उस समय और भयानक बन जायका  जब मंगल १  मा र्च २०१४  बकरी होना होगा  इस समय मंगल बक्री ही चल रहा  है २५ मार्च २०१४  से मंगल की बक्री गति कन्या  में  है आठ इन दिन     समाज के लिए जिस पुलसैना अदि के लिए हित कर नहूँअब हीं  है   इस मेंदेश  में  आने बाले चुनाब भरी चिनौती  सिद्द  हो सकते है  क्योकि  मंगल १४ जुलाई २०१४ तक बुधः की राशिकन्या में बक्री रहेगा  इस के बाद शनि के साथ  के साथ तथा ४ सितंबर २०१४ को अपनी स्व राशि वृश्चिक में गोचर करेगा    
       जोतिष के आधार पर ये देखा गया है जब  जब मंगल इतने लम्बे समय  के लिए बक्री  देऐसे श केन अंदर कोई  न कोई अप्रिय घटना अबस्य घटित हुई  जैसे पूरब प्रधान मंत्र राजीव गांधी कि हत्या  पूरब प्रधान मंत्री श्रीमती इंद्रा गांधी  कि हत्या येशे गोचर में ही घटित हुई  इस के साथ साथ भारत     पाकिस्तान युद्ध एसे ही गोचर की देन  थी  इस में कोई संदेह नहीं है 

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