देश का संकटकालीन समय १० सितम्बर से ३० अक्तूबर तक

देश  का  संकटकालीन समय १० सितम्बर से ३० अक्तूबर तक 
ज्योतिष अनुसार इन दिनों मंगल का गोचरीय संचार १० सितम्बर से अपनी नीच  राशी कर्क में संचार कर रहे हैं . मंगल स्वतंत्र भारत की कुंडली में चन्द्र कुंडली के अनुसार राजयोग कारक है तथा लगन कुंडली के अनुसार सप्तम और द्वादश भाव का भी स्वामी है.मंगल का कर्क राशी में गोचर लगन एवं चन्द्र कुंडली के अनुसार शुभ संकेत नहीं है.इस गोचर से देश की सरकार को,देश का सुरक्षातंत्र ,पडोसी देश एवं मित्र राजनेता ,मंत्री आदि से धोखा होने की सम्भावना हैगुरु के १२वे घर में गोचर के कारण कानून व्यवस्था पहले ही सरकारी नियंत्रण से बाहर है.यह समस्या भविष्य में तब और वृद्ध हो सकती है जब १५ नवेम्बर २०११ को सायें ४.३० शनि कन्या राशी को त्याग कर तुला में गोचर करेंगे .परिणाम स्वरुप गुरु व शनि की परस्पर दृष्टि होगी .फलस्वरूप सरकार को भ्रष्टाचारी अधिकारी और राजनेता के विरुद्ध कारवाही को लेकर अपमानित होना होगा..अतः वर्तमान सरकारके कारण देश की छवि धूमिल होगी.
इस वर्ष का नया आलम गुरु के १२वे घर में गोचेर के कारण देश की कानूनी व्यवस्था साधू,संत व त्यागिजनो के
हाथों में जाने के कारण सत्ताधारी राजनेताओं को अपनी सामाजिक छवि गवानी पड़ेगी जिससे बड़ी राजनैतिक दलों की हानि होगी तथा छोटे दलों का जनता में विश्वास बढेगा .
मंगल के कर्क राशी में संचार अवधि के समय भूमि गर्भ सम्बन्धी आपदा,अग्नि विस्फोट तथा रेल दुर्घटना हो सकती है.इसके साथ-साथ पुलिस की कारवाही देश के लोकतंत्र को धूमिल करती रही तथा सरकार पर जवाबदेही की समस्या खड़ी करती रहेगी.

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