गुप्त नव रात्रि माघ शुक्ल पक्ष २०१८

कल दिनाक -१८-०१-२०१८ दिन गुरुवार से माँ भगवती के गुप्त नवरात्री शुरू होंगे | इस श्रष्टि में सबसे अधिक शक्ति की पूजा होती है | वर्ष में चार वार दो वार मानव लोग देवी की उपसना करते है | वर्ष में दो ही वार देवता लोग भी माँ की उपसना करते है | देवता लोग गोपनीय रूप में सभी दिखावे से रहित देवी की उपसना करते है इस लिए देवो के नव रात्रों को गुप्त नव रात्रि कहते है | एवं मनाब दिखावे पूरण देवी की उपसना करता है अत इन्हें प्रकट नव रात्रि कहते है | कल गुप्त नव रात्रि पर प्रथम दिन शैल पुत्री का पूजन होगा | नव रात्रि का आरंभ श्रवण नक्षत्र में होने के कारण देवी का देव लोक में अगवान पालकी में होगा एवं दिनाक २६-०१-२०१८ को भरनी नक्षत्र में नव रात्रि का समापन होने के कारण देवी की विदाई नगे पैर है जो अच्चा नहीं है |परिणाम स्वरूप आने बाले नव संवत में प्राक्रतिक बधायो और संकेत है |

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