स्वेत आर्क के फूलो से करे शिव का पूजन





भगवान आशुतोष को प्रशन्न करे स्वेत आर्ककेपुष्पपूजनसे
भगवानशिवको आशुतोषकहाजाताहै यानि थोरेमें संतोष करनेवाले एवंसंतोष करनेबालेहै| भगवानशिव एकइसे दाता हैकि स्वयम केलिए उनकेपास कुछनहीं लेकिन भक्तो केलिएकोई कमीनहीं इसलिए संसार इनको ओडन दानीभी कहताहै| भोले नाथ जिसपर प्रशन्न हो वह भक्त दुनियांमें पीछे मुड कर ही नहींदेखताहै|
भगवानशिवकापूजनभीअतियंत सहज सरल एवं सुगम है |बेलपत्र दुर्बा आक बैरागियो का प्रिय धतुरा गंगाजल एवं पंचाम्रत तथा फलो में निम्नकोटिकाफलबैर एवं लेपन में भसम भगवान शिवको विशेष प्रिय है लेकिन भोलेनाथ की पूजामें अगर आप नेस्वेतआर्क सामिल कर दिया तो फिर आशुतोष भगवानशिव आपपर प्रशन्न होनेमें कोई देरी नहीं लगायेगे| इसलिए भगवान शिव पर स्वेत आर्क के फूल चदना नहीं| स्वेतआर्क कोभगवान गणेशका स्वरूप माना जाता है यहएक औषधीय पौधा है इसका वास्तुदोष निवारण में भी विशेष महत्व है |इसीलिए श्रावण केमहीनेमें जब भी रुद्रा अभिषेकयाशिव मानसपूजा करे तोभोलेनाथ भगवानशिवको स्वेतआर्क चदना नभूले |
ॐ नम शिवाय
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कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता |निज कृत कर्म भोग फल पाता||  
गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई .
गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  ..
Pt.Shriniwas Sharma
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