ज्योतिष एवं सगुन





ज्योतिष को वेदों की आंख माना जाता है एवं एसी विज्ञानं भी है कि ज्योतिष विदोइस की पड़मरीकता पर कोई सक नहीं होना चाहिए|लेकिन दुर्भाग्य का कारण यह की लोग वेदों पक्ष्मीशाभ्यताके चलनकेकारनदिनप्रतिदनभूलतेजारहेहै|इतनाहीनहींआजमनाब हरक्षेत्रमें ज्ञानरखरहाहै| लेकिनज्योतिषकेमामलेमें बिलकूलअन्भ्ग्य है | एवंइसकीपणमरिकता कोबिनाजाने उपहासकरनेलगाहै| ज्योतिष क्षेत्रमें अनेकक्षेत्र है| जिसमें सगुन काभीअपनामहत्व है| यात्रा केसमय यात्रायात्राकेसमयदिखाईदेने बालेवास्तुकाजैसे यात्रापरप्रभाव होताहै| वैसे अनेक एसे परिणाम है जिसे देख कर जीवन मेंहोने बली घटनायो का अनुमान लगया जासकताहै| जोनिम्नबतहै-
१-यहहैकि अगरआप कापालतूकुत्ता सूर्यकी तरफमुहु करकेभोकरहाहो तोनिश्चय ही आपको बड़े परेशानीआने बाली है|
२- यहहैकि अगर आपकिसान हैतथा आपकापालतू पशु आँखोंसेअश्रुबहारहेहो तोसमझना चाहिए किकोई बड़ीपरेशानी एकदो दिन मेंआप परआनेबालीहै|
३- यह हैकि अगरआपकीपीठ परछिपकली गिरजातीहै तोसमझनाचाहिए किआप कोबड़ीआर्थिक छति आसकतीहै|
४-अगरगीध जंगलसे ग्रामकीऔर आनाशुरू करदें याग्राममें भोकनाशुरू करदें तोपरेशानी आनेबाली है|
५- यह हैअगरगिद्ध ग्रामकेउपरसेचीखते हूए निकलेतोसमझना चाहिए बड़ेपरेशानी आनेबलीहै||
६-यहहैकि अगरगंधा ग्रामकेबीच आकर चीखना शुरूकरेतोसमझनाग्राममेंकोईसंकटआने बालाहै|
७ - यहहैकि आप कीयात्राकेसमय अगरबिल्ली दाये सेवाये काट जायेतोयात्रानहीं करनी चाहिए यायात्राकेसमयघरसे बहरनिकलतेसमय कुत्ताकान फड फाड़नाशुरू करेतोयात्रा नहींकरनीचाहिए |
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कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता |निज कृत कर्म भोग फल पाता||  
गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई .
गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  ..
Pt.Shriniwas Sharma
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