मांगलिक दोष एवं उस के परिहार



Subject: मांगलिक दोष तथा उस के परिहा


ज्योतिष में मांगलिक दोषों की चर्चा बड़े जोरो पर चलती आ रही है |किसी कुंडली में मांगलिक दोष होने पर जातक जातिका के माता पिता को बड़ी चिन्ता बन जाती है और ज्योतिषी से उस का उपाय लोग पूछते है \समाज में यह आम धरना बन गयी है कि मंलिक लड़का या लड़की की शादी मांगलिक लड़की या लड़का सो होनी चाहिए |जीवन के अनेक चढ़ाव एवं उत्तारमें जैसे विधवा या विधुर जो जाना या तलाकहोना या संतान न होना या फिर विवाहिक जीवन में प्रेम सब्न्धो की कमजोरी होना जहाँ तक की जीवन में दुर्घटना अदि को भी मांगलिक दोषा से अका जाता है |
वैसे आधुनिक समाज मेंअन्धविश्वासो के करण तथा ज्योतिष का अनभिग्य लोगो के होथोमें जाने के कारण ज्योतिष की प्रमाणक ता दिनों दिन कम हो रही है |
वैसे भविष्य जानने की इच्छा हर व्यक्ति हो होती है और किसी भी जीव का भविष्य केबल ज्योतिष द्वरा ही तैय किया जा सकता है लेकिन सत्यता यह कि वैसे हिदुस्थान में हर तीसरा व्यक्ति भविष्य बकता है हर तीसरा व्यक्ति डॉक्टर है |ज्योतिष के विषय में तो अन्धविश्वासो के अम्बारलगे हूए है इस में कोई संदेह नहीं है 
क्या है मांगलिक योग -कुंडली के राशी के अनुसार बारहभाग होते  है वैदिक ज्योतिस में अभी तक सात ग्रहों के अध्यन की बात प्रचलित है जिस में सूर्य एवं चन्द्र एक एक राशी के स्वामी है शेष सभी दो दो राशियों के स्वामी माने गए है |कुल ग्रह नौ है राहू एवं केतु कोसूर्य के क्रांति पथपड़ने बाले दो बिंदु है जिनका प्रभाव अन्य ग्रहों के जैसा ही प्रथ्वी पर पड़ता है लेकिन वह किसी राशी के स्वामी नहीं है वह जिस राशी में होते है वैसा ही व्यवहार करने लगते है मंगल ,वुध शुक्र शनि एवं गुरु सभी दो दो राशियों के स्वामी माने गए है 
ज्योतिष अनुसार जब मंगल किस कुंडली के बारहवे ,लग्न में [प्रथम भाव में ] चौथे भाव में  सप्तम भाव में या फिर अष्टम भाव में मंगल होता है तब जातक जातिका का मांगलिक होता है किस प्रकार कुंडली के चार भाव मंगल के प्रभाव में माने जाते है इस के अनुसार बारह भाव में से चार भाव अगर मंगल के प्रभाव में गए तो दश में से  चार लोग मांगलिक हूए या फिर सौ में से चालीस लोग मंलिक हूए उनके जनजीवन विवाहिक जीवन अदि ख़राब रहने चाहिए या फिर इन के विवहा मंलिक लड़की या लड़का से होना चाहिए ये समाज का आकलन है ज्योतिष की पर्मरिकता नहीं है |
क्या करें मांगलिक दोष होने पर -अगर किसी कुंडली में मांगलिक दोष है तो उसे अच्छे ज्योतिषी से परख करनी चाहिए क्योकि देखा यह गया है आज भी ग्रामीण क्षेत्र में ज्योत्षी लोग मुहु बोले नाम या जन्म नाम से मांगलिक दोष की गरना करते है जो मात्र एक कल्पना मात्र है |जो एक भ्रान्ति मात्र है |इसी लिए मेरा मानना है कि कुंडली किसी अच्छे ज्योतषी को ही दिखलाना चाहिए तभी कोई निर्णय लेना चाहिए |
कैसे देखे मांगलिक दोष -मांगलिक दोष के देखने के लिए अतिय अबस्यक है जो मांगलिक दोष की युति लग्न कुंडली में बनी हूई है उस की पुष्टि चन्द्र तथा नवांश में भी होनी चाहिए इस के साथ साथ मांगलिक दोष को विवहा का कारक शुक्र तथा सहनी से सबंधित भावो को देखना चाहिए अगर इन में से किसी एक भाव में मांगलिक नियम लागू नहीं होता तो निश्चय समझ ना चाहिए की जातक जातिका मांगलिक नहीं है तथा किसी भी उपचार की कोई अबसकता नहीं है |कुछ ज्योताशियो का यह मान ना है की सिंह लग्न एवं सिंह राशी करकलग्न तथा करकराशी की कुंडली में मांगलिक दोष लागू नहीं होता है क्योकि च एवं सूर्य के साथ मंगल के मित्र वतसबंध होते है एसे जातक जतिकयो के मांगलिक जीवन में मंगल कोई बाधा नहीं पहुचता है |इस लिए इन कुद्लियो में मांगलिक दोष का कोई मायना नहीं है |
कैसे करे मांगलिक दोष के उपाय -अगर इन सभी सिधान्तो के बाद मांगलिक दोष किसी जातक या जातिका की कुंडली में बन गया है तो निम्न उपाय करे -
[१] जातक जातिका के जिस भाब में मंगल है इस के बिपरीत लिंग बली कुंडली में उस भाव में कोई शुभ ग्रह होने चाहिए 
[२] -अगर जातक जातिका दोनों ही मांगलिक है तो किसी भी उपचार की अबस्कतानहीं है 
[३] मांगलिक दोष बनने पर घटविवहा विवाहिक जीवन में अच्छी सफलता देगा अत घट विवहा करना चाहिए ये उपाय केबल कन्या के लिए है 
[२] अगर वर लड़का की कुंडली में मांगलिक दोष है तो वर लड़का का विवहा किसी कटे बाले व्रक्ष कीकर अदि से करना चाहिए तथा फिर उस व्रक्ष के सुख जाने के बाद प्रवाहित करना चाहिए तथा उस की जगह फलवाले नए व्रक्ष लगाने चाहिए 
[३] मांगलिक दोष केकारण अगर अरचन बनी हूई हो तो जातक को किसी विधवा स्त्री के साथ शादी करनी चाहिए 
[४] अगर मंलिक दोष के कारण किसी महिला की शादी नहीं चल पारही हो तो उसे किसी विधुर के साथ शादी करनी चाहिए 
[५]-अगर विवहा हो चूका है तो जातक जातिका को मिटटी के घड़े मेह शहद भरके मंगल बार को किसी निर्जन जगह में दावान चाहिय 
[६] -अगर संभव हो तो म्रतुजय मन्त्र का सवा लाख जप करना चाहिए तथा अमावस्या के दिन रूद्र अभिषेक करना चाहिए 
[7] मांगलिक दोष होने पर तबे का सिक्का मंगल बार के दिन सफाई कर्मचारी को देना चाहिए 
[८] मांगलिक दोष बाले जातक जतिकयो को हनुमान चालीसा सुंदर कांड का पाठ करना चाहिए तथा मंगल बार के दिन कुत्ते को मीठी रोटी का प्रशाद डालना चाहिए 
इस पराक्र उपाय करने से जातक जतिकयो को निश्य ही विवाहिक जीवन में सपलता मिलती है 
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