हिन्दू नव सम्वत पाराभव का महत्व


हिन्दू नव सम्वत पाराभव का महत्व 

पाराभव विक्रमीसम्वत 2 0 7 0 का शुभारम्भ 1 1 अप्रैल चैत शुक्ल प्रतिपदा दिन गुरूवार समय तीन बजकर पञ्च मिनट लगन सिंह नाक्षेत्र अश्वनी विष्कुम्भ योग से हुआ है ज्योतिष शास्त्र अनुसार इस वर्ष का स्वामी गुरु तथा मंत्री शनि है परिणाम स्वरुप नूतन सम्वत में राष्ट्र प्रमुख नेताओं का शत्रु देशों के साथ युद्ध होनें तथा शीत वार्ता चलनें की सम्भावना है.
नारद संहिता के अनुसार पाराभाव नमक सम्वत आनें पर राजनेताओं के मान सम्मान में भरी कमी आती है अर्थात उनके स्वार्थी भाव होनें के कारण जनता तरिस्कार करती है।
इस सम्वत  में  वर्षा की कमी के कारण या अधिक वर्षा के कारण अनाज महंगे होते हैं तथा मोटे अनाजों के पैदावार अधिक होती है.
रोहिणी का वास : नव सवत  में रोहिणी का वास समुद्र में होनें के कारण देश के कुछ हिस्सों  में अधिक वर्षा होगी तथा कुछ सूखे के प्रभाव से प्रभावित रहेंगे  अर्थात पंजाब हरियाणा पश्च्मि उत्तर प्रदेश हिमाचल आदि राज्य वर्षा की अनुकूलता के कारण अच्छी पैदा देंगे जबकि महाराष्ट्र पूर्वी राजस्थान एवं कर्नाटका वर्षा की प्रतिकूलता के कारण जनजीवन प्रभावित रहेगा इस वर्ष में धान चावल फल एवं फूलों की अच्छी पैदा होनें की सम्भावना है इसके साथ साथ दलहन घी दूध की पैदा अच्छी तो होगी लेकिन महंगाई बरकरार रहेगी .
समय का वहाँ चातक है .परिणाम स्वरुप अनुकूल वर्षा के आभाव में देश के पूर्वी,पश्च्मि एवं दक्षिणी क्षेत्रों में वर्षा की विशेष कमी रहेगी तथा कहीं कहीं पेय जल संकट भी रहेगा एवं किसान लोग विशेष रूप से परेशान रहेंगे .अत्यदिक महंगाई होनें के कारण जन जीवन अस्तव्यस्त रहेगा .इस वर्ष का स्वामी गुरु होनें के कारण समाज के अधिकतर लोगों का विश्वास पूजा पाठ एवं धर्म परायणता  में होगा तथा समय समय पर राष्ट्र एवं विशव शांति हेतु बड़े बड़े अनुष्ठानो  का आयोजन किया जायेगा .
किन्तु वर्ष का मंत्री शनि होनें के कारण राजनेता एवं अधिकारिओं में टकराव तथा प्रशासनिक वर्ग का समान्य व्यक्तिओं के साथ कठोर व्यवहार देश के कुच्छ हिस्सों में वर्ष की कमी के कारण खाद्यानो की कमी तथा प्राकृतिक प्रकोप का भय बना रहेगा जिस से जनता में वर्ष भर असंतोष व्याप्त होगा ,नेता एवं अधिकारी वर्ग के साथ टकराव रहेगा .
वर्ष का सस्येष मंगल होनें के कारण छुपे पशुओं में तथा जनता के बीच वर्ष की कमी के कारण अनेक प्रकार की बीमारी होंगी .इसके अतिरिक्त अनाज,कपडा आदि आवश्यक चीज़ें महंगी होंगी .
नव सम्वत की प्रमुख घोषणाएं :
 भारत का चीन या पाकिस्तान से टकराव हो सकता है.
राहुल गाँधी जी का केन्द्रीय  सरकार में मंत्रिमंडल में शामिल होनें की सम्भावना एवं डाक्टर मनमोहन सिंह जी का परिस्थितियों  के चलते  समय से पूर्व इस्तीफे की सम्भावना है .
समाज सेवी अन्ना  हजारे,केजरीवाल  तथा बाबा रामदेव के द्वारा उठाये गए कदमों के कारण u p A  सरकार को भरी क्षति पहुंचनें के योग हैं
इस सम्वत में आनें वाले चुनावों में जन आंदोलनों के चलते कांग्रेस व भाजपा दोनों को ही क्षति होगी कुछ राज्यों में भाजपा अपना प्रभाव खोएगी कुछ में कांग्रेस .

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