नव वर्ष 2013 : सरकार एवं आंतरिक कलह

नव वर्ष 2013 : सरकार एवं आंतरिक कलह 

अंग्रेजी नव वर्ष 2013 का शुभारम्भ क्रिशन पक्ष की तिथि चतुर्थी दिन मंगलवार नाक्षेत्र अश्लेशा जिसका स्वामी बुद्ध है।पौष मास प्रीती योग एवं वैभव करण  से हो रहा है।अगर इस दिन प्रातः सादे पांच सूर्योदय के अनुसार ग्रहों की गिनती की जाये तो शुक्र राहु के साथ मंगल की राशि वृषक में है जो महिला समाज या जाती का कारक है।सूर्य धनुर राशि में बुद्ध के साथ है।द्धाणु राशि का स्वामी गुरु शुक्र की राशि वर्ष में केतु के साथ है एवं शुक्र स्वयं नवांश कुंडली में शनि के नवांश में है।अगर मंगल की बात की जाये जो बल का कारक है मंगल का गोचर मकर में जहाँ उच्च का माना जाता है एवं स्वयं के नवांश में है।एतः गोचर से स्पष्ट है की शुक्र राहु के साथ मंगल के नवांश में होने से महिला  शोषण भविष्य में देश की एक बड़ी चुनौती बनेगी
जिसको लेकर बड़े पैमानें पर राजनीती होगी तथा दलित महिलाओं के हितों की बात भी उठेगी।
मंगल का उच्च का होना एवं स्वयं के नवांश में होना इस बात को दर्शाता है की बिगड़ते हालातों को देख कर पुलिस एवं सैनिक बल बर्बरता पूर्वक व्यवहार करेंगे जिसकी देश विदेश में व्यापक आलोचना होनें की सम्भावना है .
नवांश कुंडली में राहु चंदर के नवांश कर्क में है। जो इस बात का प्रतीक है की अंतरजातीय एवं दूसरा धर्म तथा दलित समाज की महिलाओं के शोषण के विरुद्ध राजनीतिक गतिविधियन समय समय पर अधिक तेज होती रहेंगी जिस का एक मुख्य कारण सरकारी अभिलेखों का सही रूप में न होना भी होगा .
गोचर में गुरु का शुक्र की राशी वृष में गोचर एवं वरिश के नवांश में बुद्ध के साथ जाना इस बात का प्रतीक है की समाज में महिलाओं के प्रति बड़ते अपराधों को रोकनें हेतु काफी प्रयास किये जायेंगे .लेकिन अन्ज्रेज़ी मास अप्रेल 16 तक सरकारों को सफलत मिल पाना कठिन है।एतः  अप्रेल अंत तक यह समस्याएँ राजनितिक रूप से गंभीर होती जायेंगी जिसका हल केंद्र व राज्य सरकारें बल प्रयोग कर के ढूँढना चाहेगी।

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