बुद्ध क़ा राशी परिवर्तन -अग्नि सम्बन्धी घटना क़ा योग

बुद्ध क़ा राशी परिवर्तन -अग्नि सम्बन्धी घटना क़ा योग 

ज्योतिष के आधार पर इन दिनों बुद्ध नें गुरु कि राशी मीन को त्याग कार मंगल कि राशी मेष में प्रवेश किया है. सूर्य और गुरु पहले ही इस घर में गोचर क़र रहे हैं सूर्य इन दिनों मंगल के नवांश वृश्चक एवं मंगल के ही नक्षत्र भरनी में है गुरु अपनें नवांश तथा मंगल के नक्षत्र कृतिका में है इसके साथ साथ बुद्ध मंगल के नवांश एवं मंगल के नक्षत्र अश्विनी में स्थापित है.ये स्थिति अग्नि से सम्बंधित घटना है.यातायात यान वहां कि त्रुटी कि ओर संकेत देती है.जिस क़ा सम्बन्ध मौसम के परिवर्तन या जलीय तत्व के आधार पर होने कि सम्भावना है. इस समय गोचर में केतु क़ा शुक्र के नक्षत्र रोहिणी में गोचर होने के कारण दुर्घटनाओं के साथ साथ चोरी एवं लूट कि वारदातें भी संभव हैं वार्दात्कारी इन घटनाओं को सक्रिय रूप देने हेतु नई तकनीक क़ा सहारा ले सकते हैं यह योग भारत वर्ष कि कुंडली के दक्स्वें घर में बनता है. जो संसद क़ा घर कहलाता है. अतः बुद्ध के गोचर परिवर्तन से राजनीति पर भी बड़ा असर पड़ेगा ,बड़े पैमाने पर राजनैतिक उतार  चदाव हो सकते हैं जिस से लोकतंत्र प्रभावित होगा.    

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