हिन्दु नव वर्ष के प्रभाव

नब सम्बत २०६८ का देश की जनता पर शुभ अशुभ प्रभाव 
हिन्दू परम्परा के  अनुसार  विक्रमी  सम्बत २०६८ का  शुभ  आरंभ  चेत्र शुक्ल प्रत पदादिन  सोमबार  से  हो रहा  है | इस  सम्बत  को  विक्रमी  सम्बत  अनुसार  क्रोधी  सम्बत  के  नाम  से  जाना  जायेगा | जो स्रष्टि  के  आरम्भ १९५५८८११२ के  अंतर  गत तथा  विक्रमी  सम्बत २०६८तथ  महावीर  निर्माण  सम्बत ५११२ व  क्र्षण  सम्बत ५२४६  तथा  सप्त ऋषि सम्बत ५०८७ श्री वुध  सम्बत  अनुसार २६३४\३५ एवं  इगल  सम्बत सन  २०११-२०१२ होगा  इस  की गढ़ना  खालसा  सम्बत  अनुसार ३१२-३१३ एवं  नानक  शाही  सम्बत  अनुसार ५४२-४३ होगी |
सम्बत  के  अनुसार  सतयुग  की गढ़ना १७२८०० तथा त्रेता  युग  की  गढ़ना १२९६००० एवं द्वापरकी  गढ़ना ६८४००० कलिकाल  को ४३२००० प्रमाण बर्षो  का  माना  गया  है |
विक्रमी  सम्बत  अनुसार विष्णु विशति  का १८ वाँसम्बत क्रोधी  नामक  सम्बत  होगा  | जिस  का  सुबह  आरंभ  ४अप्रैल  २०११  दिन  सोमबार  से  हो  रहा  है अत  इस  सम्बत राजा  सोम [चन्द्र ]होगा |जोतिष  अनुसार  क्रोधी  नामक  सम्बत  होने  पर लोग  क्रोधी  तथा  अधिकारी  स्वार्थ  पूर्ति  की  चरम  सीमा  पर  होते  है  | 

क्रोधी  नामक इस  सम्बत  का आरम्भ  ४ अप्रैल्  २०११ दिन  सोमबार  रेवती  नामक  नक्षत्र  एवं  इन्द्र  नामक  योग  तथा  तुला  लग्न  से  आरम्भ  मान  गया  है | क्रोधी  नामक  सम्बत  होने  के  कारण अनेक  प्रकार  की  प्रक्र्तिक  अपदा-भूकम्प  आदि  का  भय  रहता है अग्नि  विष फोटक  आदि  घट्नोयो द्वरा  जनता  को  छति होती  है इस  के  साथ  साथ  पेयजल  की  कमी  के कारण जनता  में  अनेक  प्रकार  की पेशानी  बनी  रहती  है |क्रोधी  नामक  सम्बत  में  भूक 'शुखा,रोग ,तथा  सरकार  की  स्वर्थ  पूर्ति  की  नीतियो  से  जनता  काफी  परेशान रहती है |
रोह्नी  का  वास  समुद्र  में -इस  बर्ष  रोह्नी  का  बस  समुद्र  मे  होने  कारण वर्षा की  अधिकता  होगी  अर्थात्  बाढ़ आदि  का  पूरा  खतरा  बना रहेगा 
सस्येस शनि  का फल - इस  बर्ष  में  सस्येस  शनि  होने  के कारण  सरकारी  तन्त्र  की  कठोरता  के  चलते तथा  गर्मी  की  मार  के  कारण  ग्रीष्म कालिन  फसलोको   काफी  हानि होगी |
इस  वर्ष  की  कुछ घटना  इस  प्रकार  है 
[१]-इस वर्ष  का राजा  सोम  तथा  मंत्री  गुरु  होने  के  कारण -इस वर्ष  में  मेह्लाओ  का  मह्तुय  बढ़ेगाउपभोग  की  वस्तु  महगी  होगी  समाज  में  आडम्बर पाखण्ड  बढ़गे समाज  मे  संक्मर्मिक  रोगो  की  ब्रधि होगी |
[२]-वर्ष  का राजा  चन्द्र  के  छीढ़  होने  के  कारण  केद्रतथा  राज्य  सरकारो के  मध्य मूल  भूत  समस्या  को  लेकर  तनाब  उत्पन्न  होगे 
[३]- नव  बर्ष  की  कु में  शनि  तथा  मंगल  का  योग  होने  के  कारण  कश्मीर  में अलगवाद,तथा  पूर्बी  राजयो  में नक्शल वाद  की  ज्वाला  भाढ़ ने  के  समाचार  मिलेगे| देश  की  सीमायो  पर  युद्ध  जैसी  स्थति  बनेगी |
[]नव  बर्ष  की  कुण्डली में बन  ने  बले  पाँच ग्रह  का  योग  भारत  के  पडोशी देश  पकिश तान के  साथ  तनाब  पुरण  स्थति  होने  की  पूरी  सम्भावना  है तथा  युद्ध की  स्थति  भी  पैदा  हो  सकती है 
[]-वैशाख  में  पाँच  मंगल  वार  तथा  श्रावन  मास में  पाँच  शनिवार  पड्नेके  कारण  किसी  प्रमुख  नेता  के  निधन  की  सम्भावना  है | इस  के  साथ  साथ अग्नि  कंड  ,भूकम्प  ,उपद्रव ,तुफान  से  भारी  मात्रा धन  जन  हानी  की  सम्भावना  है |
[६]- इस  बर्ष  में १५नबमबर्  से  शनि  के  तुला  राशी  में  प्रब्रतित होने  के  कारण  अती  अधिक  मह्गई  पेट्रोल , गैस जैसी  वसुतुयो  के  मूल्य  के  वर्धि से  जनता  त्राह त्राह  कर  उठेगी |  इस  अबधि  में  कुछ  राज्योमें   शक्ता  परिवर्तन  के  योग  है | फल्सरूप कुछ  राज्यो  में  काग्रेश  तथा  कुछ  राज्यो  में  भा  ज पा अपनी  बढ्त  बनाएगी | उत्तर  प्रदेश  ,बिहार  मध्य प्रदेश  में  कांग्रेस  तथा हिमाचल  दिल्ली  व उत्तराखण्ड में  भा  ज  पा  प्रभाव  बढ्ने  की  सम्भावना  है | कांग्रेस  का  प्रभाब  श्री  रहूल गान्धी  के  नैतित्व  के  कारण  होगा 

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