कंहा लगाय कोन सा पौधा घर के अंदर

 
वृक्ष  इस  धरा का  आभूषण  है | वृक्ष  धरा  का  देवता  है |  सभी  विकारोको  अपने  उपर  ग्रहण  कर  मानब  जीवन  में  सुख  तथा  सन्ति  देने  बाला  वृक्ष  ही  मना गया  है | महाभारत  काव्य  के  राचीय्ता  वेद  व्यास  जी  ने  अपने  महाभारत  पुराणमें  लिखा  है किवृक्ष  श्राष्टी के  अलंकार  है  तथा  मानब जीवन  के  देवता  भी  है | वृक्ष  कटना  महा  पाप  है  तथा  वृक्ष  रोपण  महा  पुण्य  है इतना  ही  नही  वेद  व्यास जी ने  महा भारत  में  लिखा  कि वृक्ष  रोपण पुत्र  के  समान  सुभ  फळ  दायी  है  जीन  के जीवन  में  संतान  नही  है  ऐसे  दाम्पत्ती  वृक्ष  रोपण  कर  के  पुत्र  प्राप्ती  के  समान  पुण्य  प्राप्त  कर  सकते  है अर्थात  वृक्ष  कटना   पुत्र  वधके  समान  दुख  दायी  है |

घर  के  अंदर  वृक्ष  तथा  लातायो  का  विशेष  महत्य  है जिस  से  घर  के  वास्तू  दोष  दूर  होते  है  तथा  जीवन  में  सुख  ओर  सन्ति  मिळती  है | लेकीन  वृक्ष  रोपण से  पहले  ये विचार  कर  लेना  चाहिये  कि  कोनसा  पौधा  कहा  लागाय जाये |वास्तू  अनुसार  इनकाविवेचन  इस  प्रकार  है |
[१]-अशोक ,पुन्नाग ,मौलसिरी,शमी ,चंपा , अर्जुन ,केतकी  , कटहाल , पातळ  चमेली  तथा  नारीयाल , महुया  बट अंड हूल  शाल  सेमल  आदि  वृक्ष  मकान  के  पास  सुभ  माने  गये  है |
[२]-वास्तू में  केई  ऐसे  है  जो दिशा विशेष  स्थित होने पर  शुभ या  अशुभ  फळ  देते है जैसे -पूरब  में पीपल  का वृक्ष  भय  निर्धनता लेकीन  बारगडकामना पुर्ती करता  है |
[३]अग्नये -अग्नये  में  बट  पीपल ,  सेमल  पाकर  तथा  गुलार  पीडा  ओर  म्रत्यू देने  बाला  होता  है लेकीन अनार  शुभ  मना  गाय  है |

[४]-दक्षिण  में पाकर  का पौधा  रोग  तथा  पराजय देने  बाला  होता  है  तथा  आम  कैथ  अगस्त्य ओर निर्गुंडी  धन  नाश  करते  है  लेकीन  गुलार  का  रोपडशुभ  मना  गाय  है |

[५]-नैर्त्या दिशा [दक्षिण -पच्छिम ]में इमली  शुभ  मानी  गयी  है
दक्षिणी  नैरात्य  में  जमून  और  कादंब  शुभ  फळ  देने  बाले  होते  है
[६]-पच्छिम में  बट  होने  से  राज  पीडा  स्त्री  नाश तथा कुल  का  नाश  होता  है | और  आम ,कैथ  अगस्त्य  व  निर्गुंडी  धन  नाशक  मानी  गयी  है  | लेकीन  पीपल  का पौधा  शुभ  फळ  दायी  होता  है |
[७]-वायाब्य  में  बेल  शुभ  फळ  दायी  मानी  गयी  है
[८]उत्तर -उत्तर  में  गुलार  नेत्र  रोग देता  है  तथा  हार्स राग  देते  है  लेकीन  पाकर  शुभ  फळ  देने  बाला  होता  है |
[९]-ईशान - ईशान दिशा  में  अबला  तुलसी  तथा  बेलब  पत्र  शुभ  मना गया  है
[१०]-पुरबी ईशान  - पुरबी  ईशान  में  कट हाल  तथा  आम  शुभ  फळ  दायी  माने  गये  है
घर  के अस  पास  कांटेबाले  दुध  बाले  तथा फळ  बाले  वृक्ष  स्त्री  ओर  संतान   की  हानिकरने  बाले  होते  है | इनहेनही  लागा  चाहिये  अगर  लग  गये  हो  तो  उन  के  पास  शुभ  वृक्ष  लागने  चाहिये |  घर के आसपास   काटे  बाले  पौधे  शत्रू  भय  देते  है  तथा  दुध  बाले  पौधे  धन  का  नाश  करते  है | तथा  फळ  बाले  पौधे  संतान  का  नाश  करने  बाले  माने  गये  है | इन  की  लकडी  भी  भवन  के  निर्माण  में  लागना  बर्जीत  है |

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