durga saptsati ka dwtiy strot laxmi poojan
दुर्गा सप्तसती के माध्यम चरित्र का पाठ साधक की सभी कामनाये पूरण करने बाला है |इस चरित्र में तीन अधयय है | पहले अध्याय में माँ लक्ष्मी के स्वरूप का वर्रण है द्वतीय अध्याय में महिसासुर के साथ युध है तथा देवी की युध में अनेक लीलायो का व्र्रण है |तथा महिसासुर की सेना का संघार है | इस के बाद त्रतीय अध्याय यानि 04 अध्याय में शुक्र अदि क्षेत्र में देवतायों द्वरा माँ भगवती की स्तुर्ती है | इस स्तुर्ती में लगभग 23 स्लोकं है जो भक्तों की कामनाएं पूरण करती है |
ये स्तुर्तियाभक्तों की सभी कामनाएं पूरण करती अत दीपावली पर्व पर साधक को देवी का स्त्रोतों का पाठ करना चाहिए
वैसे माँ लक्ष्मी को कमल गठा ,शहद ,कामलके पुष्प ,चंदन पावडर काले तील .अक्षत हलवा अदि अष्ट गंध कुमकुम ,जायफल ,बड़ी इलयची ,इत्रअदि से देवी का पूजन करना चाहिए इस स्त्रोत से किया गाया साधन साधक की सभी कामनाये पूरण करता है |अत साधक को विधिवत माँ लक्ष्मी का पूजन इस स्त्रोत से करनी चाहिए |
माध्यम चरित्र से किया गया जाप हवन पूजन साधक की सभी कामनाये पूरण कर ऋण भैयशोक का नास करता है इस में कोई संदेह नहीं है |
साधक को चाहिए दीवालीके दिन इन स्त्रोतों से पाठ करना चाहिए तथा हवन करने बाद क्षमा स्त्रोत करना चाहिए | साधक को चाहिए की श्री यंत्र या सम्पुरण श्रीयंत पर माँ को स्नान अदि करा कर माँ लक्ष्मी की प्रतिमा उस पर स्थापित कर विधिवत पूजन करें |
तिजोरी में पीले पुष्प अक्षत अष्ट गंध डालकर श्री यंत्र या सम्पुरण श्री यंत्र स्थापित करना चाहिए |तथा दुसरे दिन उसे अथावत स्थापत करना चाहिए
इस प्रकार साधन करने से माँ भगवती साधक की सभी कामनाये पूरण करती है
पंडित -श्रीनिवास शर्मा { देवज्ञ }
वास्तु सलहाकार ज्योतषी कथा वाचक
मोब ; 9811352415 8826731440
email ; shriniwas 73 @ gmail .com
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