पितृ पक्ष में मानब द्वरा किया गया प्रतेक कर्म पितरो को शांति प्रदान करता है | जिस से मनाब का चुह्मुखी विकाश करता है | जब तक पितरो का अश्रीवाद प्रदान न हो मनाब का जभी विकास संभव है |अत मानब को प्रत दिन जल से तर्पण करना चाहिए तथा पितरो को बामअंग में बास देना चाहिए |एसा करने से मनाब के पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है जिस से परिवार के विकाश कार्यो में सहयोग प्रदान होता है |अत आप के पास धन अदि की सुबधा न होने पर जल के तर्पण दवार अपना पितृ ऋण पूरा कर सकते हो | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता|| गरल सुधा रिपु करें मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415 http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs1100/Patri,...Prasha...