ज्योतिष करम बदीहै -भाग्य बादी नहीं
देव दुर्लभ मनाब देह कर्म करने के लिए है बसे हर प्राणी का कर्म पर पूरण अधिकार होना चाहिए यह हमारे सद ग्रंथो तथा अबतार बादसभी का निर्णय है इस में कोई अतो सूक्ति नहीं है अतः एह स्पस्ट है मनाब कर्म से महानबनता है लेकिन कर्म ठीक तथा सही दिशा में हो उस के लिए जोतिष्य मार्ग दर्शन कहा गया है जोतिष को वेदों की चछु कहा गया है . इसलिए सही गलत का निर्णय करना जोतिष की प्राथमिकता है .अतः जोतिष मार्ग दर्शन के लिए है .लेकिन मार्ग दर्शन सही हो उस के लिए गुरु का सही होना अति अब्स्क है आधुनिक समाज में बढ़ी बिडम्बना की बात यह की समाज सत्य से परेहट ता जा रहा है समाज के अधिकतर लोग जो इश्वरी विधान को अपने अंकुल बना कर चलाना चाहते है . सत्य से हट कर जीवन जी रहे है -जो बढ़ी बिडम्बना तथा आश्चर्य है इसी प्रस्थिति में जोतिश्यी सही मार्ग दर्शन मिलना कठिन ही नहीं असमभाब भी है जोतिष का निरंतर बढ़ता दूर प्रयोग चिंता का विषय है .वेशे तो हमारे देश में हर तीसरा व्यक्ति भविष्य बकता बना हुआ है अनेक प्रकार के मत ,सिद्ध धन्तो का नूतन रूप में रोज ही जनम हो रहा है जो समाज को लुटने तथा गुमराह करने के लिए है .एही दशा जोतिष में बनी हुयी है समाज के मार्ग दरसन के लिए जहा अनुभब तथा विवेक पूरण बर्ग समाज होना चाहिए वही अल्पज्ञ तथा मंगर्न्त लोगो की भीर लगी हुयी है
जो मात्र पंचाग या चन्द्र इस्लोको के बल पर मनाबय जीवन में मोढ़ देना चाहते है मे किसी जोतिषी या विद यां व्यक्ति की निंदा नहीं कर रहा हू नहीं मेरा एसा मत है मैमात्र अपने ब्लॉग के माधियम से जोतिष में फैली भिरान्ति को दूर करना है मेरा मात्र एक मत है जिसे में ब्लॉग माध्यम से प्रकट कर रहा हू -कि जोतिष विधा अपने में पूड है लेकिन जोतिषी का सही चुनाब किया जाये जो बड़ी आश्चर्य कीबात है .लेकिन कठिन नहीं है .
जो मात्र पंचाग या चन्द्र इस्लोको के बल पर मनाबय जीवन में मोढ़ देना चाहते है मे किसी जोतिषी या विद यां व्यक्ति की निंदा नहीं कर रहा हू नहीं मेरा एसा मत है मैमात्र अपने ब्लॉग के माधियम से जोतिष में फैली भिरान्ति को दूर करना है मेरा मात्र एक मत है जिसे में ब्लॉग माध्यम से प्रकट कर रहा हू -कि जोतिष विधा अपने में पूड है लेकिन जोतिषी का सही चुनाब किया जाये जो बड़ी आश्चर्य कीबात है .लेकिन कठिन नहीं है .
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