इंडिया टी .वी. में देखाय जाने वाले महाप्रलय के संकेत गलत

इंडिया टी .वी. में देखाय जाने वाले महाप्रलय के संकेत गलत






श्री गणेशाय नमः   आधुनिक समय मैं जोतिषी एक मिथ्याचार एवंम भर्मित करने वाली विज्ञानं रह गयी है , जिस के बल पर मात्र समाज को गुमरहा किया जाता है, फल सवरूप जोतिषी से जोतिस्यी के मेथ्याचार के कारण समाज भ्रमित है | तथा जोतिषी से विश्वास हट गया है फलस्वरूप जोतिश आधुनिक समाज  मैं मात्र धन कमाने या मनोबिज्ञान के रूप मैं जाने जाना लगा है | जब की एसा नहीं है , जोतिश एक वज्ञान है और अपने मैं पूरण है जो वदिक काल से चली आ रही है |  दुर्भाग्य का विषय यह है की समाज मैं सही जोतेषी नहीं हैं , दूसरा आधुनिक समाज भी साही जोतिषी का मार्ग दर्शन तथा सही रूप को आपने स्वार्थ के कारण नहीं चुनना चाहा ता है फलस्वरूप समाज व  जोतिषी के कमीओ के कारण जोतिषी जसी प्राचीन विधा आज मिथ्याचार के हात चढ़ गयी है , और समाज मैं आपना विश्वास खो रही है यह एक दुर्भाग्य पूरण विषय है,

इस समय इंडिया टीवी चैनल के माधयम से महामाया कलेंडर को साक्षी कारण कर महाप्रलय की बात धोरही जा रही है जो सही नहीं है , कवेल आधुनिक समाज को भ्रमित कर ने वाली है वैदिक जोतिषी के आधार पर श्रष्टि का आरम्भ सत्ययूग चैत्र मास प्रित्पदा से मानी जा ती है ,इसी आधार पर चार यूग सत्ययूग, त्रेता , द्वापर और कलयूग को मिला कर एक महा यूग की बात कही गयी है , इस समय कल यूग चल रहा है जिस की परम आयु ४३२०००० वर्ष मानी गयी है , जिसका प्रथम चरण ही चल रहा है और वय्बस्मान्वेंतेर है , यदपि  यह मन जा ता है कल काल समाजिक परमपरा यांत्रीक कला यूग होने के कारण समजा को अनेक पारकर के कष्ट, भ्रान्ति तथा प्रकिर्तिक आपदा दे ता है, जो समाज को अत्यंत कष्ट दी हो ता है , दूसरा यह बात भी सत्य है की काल मैं ही महा प्रलय हो ती हैं , जिसके माप दंड हमारी वेद और पूरण हैं श्री मत भगवत एवंम गीता इसके खुले उदहारण हैं मानस के जानकर उतरा काडं में इसके  उदहारण देख सक ते हैं | वैदिक मता अनुसार चार यूग जिनका वरण  की गया  महा यूग बन ता है असे ही चार योंगो को मेला कर भ्रम लोक का एक दीं हो ता है जिसे एक कल्प कहा जा ता है , ब्रह्मा की श्रृष्टि एक कल्प तक चल ते है तथा एक कल्प तक शांत रहे ती है , जो वैदिक जोतिषी प्रमाण हैं ,जोतिषी के प्रमाण के आधार पर था पुराणिक मता अनुसार  जिस काल युग में इश्वरी आवतार हो ता है  उस काल युग में प्रलय नहीं हो ती है , इसलीय इन दीनो समाज को अनेक कष्ट झेलने पढ़ सक ते हैं लकिन महा परलय की बात असम्भव है केनो की इस काल युग में कालिक नाम के विष्णु आवतार का उलेख पुरणों  में है और एक कल्प की आयु भी अभी पूर्ण नहीं है अतह महामाया कैलेंडर अनुसार देखई गयी व्यवस्ता मेथ्यापूर्ण है , चिंता की कोई बात नहीं है . 

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