मनु काल की गरना
---------- Forwarded message ----------
From: Shriniwas Sharma <shriniwas73@gmail.com>
Date: 2016-02-15 19:48 GMT+05:30
Subject: इस श्रृष्टि जितने समय तक चलती है उसे व्रह्म लोक का एक दिन कहते है जिसे एक कल्प भी कहाँ जाता है |इस एक कल्प में १४ मनुओ का शासन होता है |एक मनु का शासन जितने समय चलता है उसे एक मंवैन्तर कहा जाता है |इस समय अष्टम मनु का शासन काल है जिसे वैवस मनु कहा जाता है |एक कल्प में व्यतीत होने बाले १४ मनुओ के नाम ज्योतिष शास्त्र अनुसार इस प्रकार है -
--
From: Shriniwas Sharma <shriniwas73@gmail.com>
Date: 2016-02-15 19:48 GMT+05:30
Subject: इस श्रृष्टि जितने समय तक चलती है उसे व्रह्म लोक का एक दिन कहते है जिसे एक कल्प भी कहाँ जाता है |इस एक कल्प में १४ मनुओ का शासन होता है |एक मनु का शासन जितने समय चलता है उसे एक मंवैन्तर कहा जाता है |इस समय अष्टम मनु का शासन काल है जिसे वैवस मनु कहा जाता है |एक कल्प में व्यतीत होने बाले १४ मनुओ के नाम ज्योतिष शास्त्र अनुसार इस प्रकार है -
१ स्वायम्भव मनु [प्रथम मनु ]
२ स्वरोचिष मनु [द्वतीय मनु ]
३ उतम मनु [त्रतीय मनु ]
४ तामस मनु [चतुर्थ मनु ]
५ रैवत मनु [पंचम मनु ]
६ चाक्षुष मनु [षष्ट मनु
७ वैवस्वत मनु [सप्तम मनु ]
८ सवर्णी मनु [अष्टम मनु
९ दक्ष सवर्णी [नवम मनु
१० ब्रह्म सवर्णी [दशम मनु ]
११ धर्म सवर्णी [एकादश मनु ]
१२ रूद्र सवर्णी [द्वादश मनु ]
१३ देव सवर्णी [त्रीदश मनु ]
१४ इंद्र सवर्णी [चतुर दश मनु ]
यह १४ मनु के साशन काल एक कल्प कहा गया है इस श्रृष्टि जितने समय तक चलती है उसे व्रह्म लोक का एक दिन कहते है जिसे एक कल्प भी कहाँ जाता है |इस एक कल्प में १४ मनुओ का शासन होता है |एक मनु का शासन जितने समय चलता है उसे एक
इस श्रृष्टि जितने समय तक चलती है उसे व्रह्म लोक का एक दिन कहते है जिसे एक कल्प भी कहाँ जाता है |इस एक कल्प में १४ मनुओ का शासन होता है |एक मनु का शासन जितने समय चलता है उसे एक मंवैन्तर कहा जाता है |इस समय अष्टम मनु का शासन काल है जिसे वैवस मनु कहा जाता है |एक कल्प में व्यतीत होने बाले १४ मनुओ के नाम ज्योतिष शास्त्र अनुसार इस प्रकार है -
१ स्वायम्भव मनु [प्रथम मनु ]
२ स्वरोचिष मनु [द्वतीय मनु ]
३ उतम मनु [त्रतीय मनु ]
४ तामस मनु [चतुर्थ मनु ]
५ रैवत मनु [पंचम मनु ]
६ चाक्षुष मनु [षष्ट मनु
७ वैवस्वत मनु [सप्तम मनु ]
८ सवर्णी मनु [अष्टम मनु
९ दक्ष सवर्णी [नवम मनु
१० ब्रह्म सवर्णी [दशम मनु ]
११ धर्म सवर्णी [एकादश मनु ]
१२ रूद्र सवर्णी [द्वादश मनु ]
१३ देव सवर्णी [त्रीदश मनु ]
१४ इंद्र सवर्णी [चतुर दश मनु ]
यह १४ मनु के साशन काल एक कल्प कहा गया है
कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता |निज कृत कर्म भोग फल पाता||
गरल सुधा रिपु करें मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई .
गरुण सुमेर रैन सम ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि ..
Pt.Shriniwas Sharma
Mo:9811352415
http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/
www.aryanastrology.com
Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan Rs 500
Central bank a/c: SB no: CBIN0280314/306672
गरुण सुमेर रैन सम ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि ..
Pt.Shriniwas Sharma
Mo:9811352415
http://
www.aryanastrology.com
Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan Rs 500
Central bank a/c: SB no: CBIN0280314/306672
Comments