भारत वर्ष के लिए प्राकृतिक आपदा मई २०१० में आ सकती है
भारत वर्ष के लिए प्राकृतिक आपदा मई २०१० में आ सकती है
२ मई २०१० को मंगल अपनी राशी मिथुन को परवर्तित कर के कर्क में होगा तथा इसकी नवांश में स्थिति कुम्भ के नवांश में शनि एवं सूर्य के साथ होगी. मंगल का अपनी नीच राशी में आना तथा गुरु द्वारा दृष्टित ना होना भारत के हित में नहीं है क्यूँ की स्वतंत्र भारत की कुंडली में मंगल मार्ग स्थान का स्वामी है और मार्क भाव में बैठा हुआ है.इस कारण से अशुभता के और संकेत हैं. दूसरा कारण देश की चन्द्र कुंडली कर्क राशी से बनती है.जिस पर मंगल का गोचर है. कर्क राशी का स्वामी चंद्रमा जल का स्वामी है अतः २ मई २०१० को जब मंगल अपनी नीच राशी कर्क के साथ साथ कुम्भ के नवांश में शनि और सूर्य के साथ में गोचर करेगा और गुरु द्वारा दृष्ट नहीं होगा ऐसी स्थिति में देश के अंदर सैनिक एवं राजनैतिक समस्याएं उत्पन्न होने की संभावनाएं हैं. इसके साथ साथ जल से सम्बंधित प्राकृतिक आपदा जिसका सम्बन्ध भूमि से भी होगा उत्पन्न होगी और सरकार के लिए चिंता का विषय बनेगी. मंगल १३.५ से १९.५ तक कुम्भ के नवांश में ही रहेगा ऐसी स्थिति में बुद्धिजीवी वर्ग को सोच विचार क़र के कदम उठाने होंगे.जिस से इस कमजोर समय में जन जीवन का बचाव हो सके.समय कमजोर है सुझबुझ से काम करें.
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