विजिटिंग कार्ड:वास्तु प्रभाव
वास्तु शास्त्र में आपके रहने बसने की सुविधा के साथ साथ भवन में रखे जाने वाले आधुनिक यंत्र तथा व्यापार को प्रभावित करने वाले सभी साधनों का विशेष महत्व है.आधुनिक समय में व्यापार में विजिटिंग कार्डों का प्रचलन महत्वपूर्ण बन गया है। फलस्वरूप आधुनिक व्यापार विजिटिंग कार्डों के माध्यम से ही प्रभावित होने लगा है। इसीलिए यह आवश्यक है कि व्यापार में सफलता प्राप्त करने के लिए हमारा विजिटिंग कार्ड वास्तु के नियमानुकूल हो जिस से हमें सकारात्मक उर्जा प्राप्त हो सके । यदि आपका विजिटिंग कार्ड वास्तु अनुकूल रंग एवं आकर्षित बना हुआ है तो निश्चय ही आपके व्यापार को बढावा मिलेगा.इसके विपरीत आकर्षण विहीन विजिटिंग कार्ड जो वास्तु के नियम विपरीत बना हुआ है धीरे धीरे निश्चय ही आप के व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव देगा तथा आपको व्यापार में असफलता का सामना करना पड़ेगा अतः यह नितांत आवश्यक है कि विजिटिंग कार्ड बनवाने से पहले वास्तु अनुसार उसमें अनुकूल रंग एवं डिजाईन कि जांच कर ली जाए। वास्तु अनुसार विजिटिंग कार्ड के बारे में वास्तु विदों का विचार निन्वत इस प्रकार है:-
१। आप का विजिटिंग कार्ड सुंदर एवं आकर्षक होना चाहिए इसके साथ साथ उसका चौरस होना तथा कटा-फटा ना होना भी अत्यन्त आवश्यक है।
२। आप का कार्ड झुर्र्यिओं व सलवटों से रहित हो तथा उसके बीच का स्थान खली(रिक्त) होना चाहिए जिससे कि अनुकूल सकारात्मक उष्मा आप के व्यापार को मिलती रहे।
३। विजिटिंग कार्ड कि अनुकूलता के लिए उसके उत्तरी पूर्वी (ईशान) कोने पर अपने धरम अनुसार धार्मिक चिन्ह या राष्ट्रीय चिन्ह अंकित करना वास्तु नियमों के अंतर्गत माना गया है। जो हमें अच्छी सफलता प्रदान करता है।
४) जहाँ तक फोन नुम्बरों का सवाल है जिससे हमारे व्यापारिक संपर्क बनते हैं उत्तर पश्चिम (व्यावय ) दिशा में होना चाहिए। इस दिशा में वायु का प्रभाव अति तीव्र होने के कारण हमारे व्यापार में हमें अनुकूल प्रभाव मिलेंगे।
५)विजिटिंग कार्ड का चुनाव करते समय यह आवश्यक है कि वह हलकी क्वालिटी का न हो ,पीले ,लाल व हरे रंग का विजिटिंग कार्ड वास्तु नियमों के अंतर्गत माना गया है।
६)जहाँ तक आपका नाम व पता लिखने कि बात है उसे दक्षिण पश्चिम वाले कोने से लिखना अच्छा व वास्तु अनुकूल माना गया है।
७) जहांतक कार्ड में रंगों का सवाल है तो आप ज्योतिष्य सलाह पर ग्रहों कि स्थिति अनुसार कार्ड के रंग का चुनाव कर सकते हैं .इसके साथ साथ कार्ड का आकर्षित होना तथा सुंदर लिखा जाना भी आवश्यक है।
१। आप का विजिटिंग कार्ड सुंदर एवं आकर्षक होना चाहिए इसके साथ साथ उसका चौरस होना तथा कटा-फटा ना होना भी अत्यन्त आवश्यक है।
२। आप का कार्ड झुर्र्यिओं व सलवटों से रहित हो तथा उसके बीच का स्थान खली(रिक्त) होना चाहिए जिससे कि अनुकूल सकारात्मक उष्मा आप के व्यापार को मिलती रहे।
३। विजिटिंग कार्ड कि अनुकूलता के लिए उसके उत्तरी पूर्वी (ईशान) कोने पर अपने धरम अनुसार धार्मिक चिन्ह या राष्ट्रीय चिन्ह अंकित करना वास्तु नियमों के अंतर्गत माना गया है। जो हमें अच्छी सफलता प्रदान करता है।
४) जहाँ तक फोन नुम्बरों का सवाल है जिससे हमारे व्यापारिक संपर्क बनते हैं उत्तर पश्चिम (व्यावय ) दिशा में होना चाहिए। इस दिशा में वायु का प्रभाव अति तीव्र होने के कारण हमारे व्यापार में हमें अनुकूल प्रभाव मिलेंगे।
५)विजिटिंग कार्ड का चुनाव करते समय यह आवश्यक है कि वह हलकी क्वालिटी का न हो ,पीले ,लाल व हरे रंग का विजिटिंग कार्ड वास्तु नियमों के अंतर्गत माना गया है।
६)जहाँ तक आपका नाम व पता लिखने कि बात है उसे दक्षिण पश्चिम वाले कोने से लिखना अच्छा व वास्तु अनुकूल माना गया है।
७) जहांतक कार्ड में रंगों का सवाल है तो आप ज्योतिष्य सलाह पर ग्रहों कि स्थिति अनुसार कार्ड के रंग का चुनाव कर सकते हैं .इसके साथ साथ कार्ड का आकर्षित होना तथा सुंदर लिखा जाना भी आवश्यक है।
Comments