आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ
सूर्य ब्रह्मांड के नायक है सभी ग्रह अपने क्रांतिय पथ पर सूर्य के इर्द गर्द ही चक्र लगते है | अभी ग्रह अपना काम भी सूर्य के प्रकाश से करते है |इस में कोई संदेह नहीं है | इस लिए सभी ग्रहों में सूर्य का बल सर्व ऊपर माना जाता है |यही करण है वैदिक काल से ही लोग सूर्य के उपासक रहे है मानस काल में भगवान श्री राम द्वरा शास्त्रू नास हेतु आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करते थे | सूर्य के एसा ग्रह है जिस की उपसना से तत्काल प्रभाव मिलता है |महाभारत काल में करण की उत्पत्ति सूर्य उपसना की ही देन है | इतना ही नहीं द्रोपती को अक्षय पात्र जिस का भोजन जब ही समाप्त होता था जब खाना बनाने बाली स्याम खाना खाले द्रोपती को सूर्य की उपसना से ही मिला था |प्राचीन काल से अनेक ऋषि मुनि सूर्य के उपसाक माने जाते है |जिस की कुंडली में सूर्य का राज्य योग हो वह इस प्रथ्वी पर सम्राट होता है एवं दुनियां पर राज्य करता है | सूर्य के उच्च नवांश एवं उच्च राशी में होने से जातक को ह्रदय की पीढ़ा कम रहती है एवं स्वस्थ में कोई विकार नहीं होता है |ज्योतिष में सूर्य सरकार एवं पिता दोनों का कारक माना जाता है |जिस की कुंडली में सूर्य नीच राशी एवं नीच नवांश का हो इसे अपने जीवन में पिता एवं सरकार दोनों से परेशानी होती है |जिनकी कुंडली में सूर्य नीच राशी एवं नीच नवांश में हो वह कोट कचहरी में मुकदमा हार जाते है एवं सरकर से दण्डित होना पड़ता है | एसे जातको को जीवन में पिता का प्यार तक नहीं मिलता है | सूर्य एनर्जी का कारक होने के कारन जिन जातको की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है उनको उर्जा की कमी के कारन अनेक बीमारी हो जाती है | कुंडली में सूर्य की कमजोर अबस्था जातक को अनेक दुःख देती है एवं निर्दोष होने पर भी जातक को जेल की यत्न भोगनी पड़ती है एवं रोजगार के लिए भी जातक को दर दर भटकना पड़ता है |
अत सूर्य उपसना इन सभी परेशानियों में कमी लायी जा सकती है चिकत्सा के क्षेत्र में सूर्य का बिशेष योग दान है सूर्य के सप्तम घर में स्थित होना एवं सप्तम घर पर द्रष्टि होने से जातक को विवाहिक जीवन में अनेक परेशनी होती है एवं जीवन साथी के स्वास्थएवं आयु को हमेशा खतरा बना रहता है इन प्रस्थति में सूर्य उपसना के अलाबा अन्य कोई सरल उपाय नहीं है जो इस प्रकार है -
१ प्रात लाल फूल एवं चावल डाल कर जल देने से स्वस्थ सम्बन्धी समस्या दूर होती है
२ लाल फूल एवं लाल मिर्च के बीज डाल कर सूर्य की उपसना करने से शत्रु का नाश अति शीघ्र होता है
३ -प्रतिदिन आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करने एवं रविवार को व्रत रखने से सभी शासकीय अर्चन समाप्त होती है सरकरी नौकरी के योग हो तो जल्दी सफलता मिलती है |
४ रविवार को शहद मंदिर में दान करने एवं सूर्य को जल देने से पिता के साथ मन मुटाब की समस्या का हल होता है |
आओ सूर्य की बिभ्न्न स्वरूपों में उपसना कर जीवन को सफल बनाये
मंगल भवन अमंगल हारी, द्र्वयु सो दशरथ अजर बिहारी |
दीन दयाल विरद सम भारी, हरयो नाथ मम शंकट भारी .||.
Pt.Shriniwas Sharma
Mo:9811352415
http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/
www.aryanastrology.com
Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan Rs 500 vaastu visit [locale] RS 5100
Central bank a/c: SB no: CBIN0280314/ 3066728613
Mo:9811352415
http://
www.aryanastrology.com
Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan Rs 500 vaastu visit [locale] RS 5100
Central bank a/c: SB no: CBIN0280314/ 3066728613
Comments