गो सेवा द्वरा ग्रह शांति
---------- Forwarded message ----------
From: Shriniwas Sharma
Date: 2016-03-16 19:49 GMT+05:30
Subject: ज्योतिष में गौ की महिमा
To: shriniwas sharma
From: Shriniwas Sharma
Date: 2016-03-16 19:49 GMT+05:30
Subject: ज्योतिष में गौ की महिमा
To: shriniwas sharma
वैदिक ज्योतिष में गाय की उपसना का विशेष महत्व है |अगर आप यत्रा कर रहे हो तथा दूध वाली गाय अपने बछरे के साथ आप के सामने पड़ जाये या आप के दाये अंग से निकल जाये तो समझना चाहिए की आप की यात्रा अब्स्य सफल होगी |
जिस घर में गाय रहती है उस घर की मर्दा के सभी दोष दूर हो जाते है इस में कोई संदेह नहीं है |
अगर आप की कुंडली में शुक्र जैसा शुभ ग्रह नीच राशी अथवा नीच नवांश में हो या शुक्र कुंडली के ६.८.१२ में भाव में स्थित हो तो प्रात काल के भोजन में से एक रोटी सफेद रंगवाली गाय को खिलने से आर्थिक शंकट दूर होता है एवं विवाहिक शुख भी मिलता है |
अगर आप की कुंडली में पितृ दोष हो तो जीवन में बड़ी परेशानी झेलनी पड़ती है |अगर आप का जीवन पितृ दोष से परेशान हे तो अमब्स्या के दिन गाय की सेवा करने तथा चारा अदि की सेवा से गौ माता प्रशन होती है तथा पितृ ऋण से मुक्ति देती है |
अगर आप की कुंडली में गुरु की स्थति अनकूल नहीं है गुरु के नीच होने नीच नवांश में होने गुरु का ६.८ १२ भाव में होने से आप को भरी परेशानी जिस की आप कल्पना तक नहीं कर सकते हो आ सकती है गाय के उपर उठा हूआ भागगुरु का होता है गुरु के प्रतिकूल होने की स्थति में गुरुवार को गौ दर्शन करने गौ को गुण खिलाने से तथा उठे हूए भाग के दर्शन करने से आप को गुरु की अशुभता से गति मिलेगी |
गाय की सेवा मनवांछित फल देनेवली होती है महाराजा दिलीप को पुत्र रत्न की प्राप्ति गाय की सेवा करने से हूई महर्षि वशिष्ट जी कामधेनु गाय की सेवा करते थे जिसे लेकर विस्वमित्र से युद्ध हूआ और विश्वामित्र को अनेको बार मुकी खानी पड़ी |
मानाजाता है कि गाय के गले पर बनी नौ गाठ नव ग्रह की प्रतीक होती है जो जिस दिन गाय को ग्रह अनुसार सामग्री अर्पित करता है उसी ग्रह के अशुभ प्रभाव से छुटकारा मिलता है |
अगर आप को स्वप्न में बुरी वास्तु दिखलाई पड़ती है या आप डर जाते है तो गौ माता का नाम लेने से ही भय दूर हो जाता है |
अगर गाय कंही रस्ते में बेठी हो उसे लाघना नहीं चाहिए एसा करने से ग्रह पीड़ा बढ़ सकती है |
गौ माता के दोनों नेत्रों में सूर्य तथा ज्योसना में चन्द्र की क्रांति होती है अत गौ प्रात दर्शन करने से कुंडली में स्थति सूर्य एवं चन्द्र के दोष समाप्त हो जाते है |
गाय का घी को तथा गाय के दूध को अयुवैध में अम्रत कंहा गया है
--
कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता |निज कृत कर्म भोग फल पाता||
गरल सुधा रिपु करें मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई .
गरुण सुमेर रैन सम ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि ..
Pt.Shriniwas Sharma
Mo:9811352415
http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/
www.aryanastrology.com
Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan Rs 500
Central bank a/c: SB no: CBIN0280314/3066728613
गरुण सुमेर रैन सम ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि ..
Pt.Shriniwas Sharma
Mo:9811352415
http://
www.aryanastrology.com
Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan Rs 500
Central bank a/c: SB no: CBIN0280314/3066728613
Comments