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Showing posts from January, 2012

गणंत(मूल) लगन नक्षत्र विचार

गणंत(मूल) लगन नक्षत्र विचार  ज्योतिष में गणंत नक्षत्र लगन व राशि की चर्चा बड़े पैमाने पर प्राचीन काल से  की जाती रही है |अगर किसी जातक का जन्म मूल नक्षत्र में होता है तो उसे परिवार के लिए तथा सम्बन्धियों के लिया खराब माना जाता है |मूल नक्षत्र व लगन आदि का विचार ज्योतिष का अत्यंत प्राचीन मत है कहा जाता है की लंकापति रावाण नें  अपनें जयेष्ट पुत्र अहिरावान के मूल नक्षत्र में पैदा होनें के कारण पातळ में भिजवा दिया था तथा उसका मुंह तक नहीं देखा था |रामचरित मानस के मर्मग्य व रचियता गोस्वामी तुलसीदास का बचपन का नाम रामबोला था क्यूँ की जन्म ते ही इस जातक नें मुख से राम नाम का उच्चारण किया था |गोस्वामी जी का जन्म मूल नक्षत्र में होनें के कारण जन्म के कुछ दिनों बाद ही माता-पिता का स्वर्गवास हो गया था अतः मूल नक्षत्र व लगन निश्चय ही अनिष्ट करनें वाली होती हैं लेकिन इनमें जन्मे जातक निश्चय ही अत्यंत शक्तिशाली उद्ध्यम शील प्राकर्मी व इस संसार में यश प्राप्त करनें वाले होते हैं इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं है.| ज्योतिष अनुसार २७ नक्षत्रों में से ६ नक्षत्र मूल मने जाते हैं नम्बर -१ ,अश्वन...

bhawn ke andr kavad ka sthan

वास्तु कें अंदर घर कें जहा भोगोलिक व्यवस्थायो का  महत्व कें साथ  साथ वस्तुओ कें  रख  रखाव  का अपना  विशेष महत्व है | अगर आपका भवन  भोगोलिक सुवधयोसे  युक्त  है लेकिन देनिक वास्तु ओ  रख  रखाव ठीक  नहीं  है  तो भी वास्तु दोष  लग  जायेगा | इसी लिए ये  अति अबशक  है किकिसी  भवन  में  भोगोलिक  सुभदायोके  साथ  साथ वास्तु  ओ का रख  रखाव  भी  ठीक  हो अर्थात रशोई  घर  में  वर्तन ,तथा रशोई भंडार ,पहने जाने  कपडे ,घर या भवन  कें अंदर भंडार कीव्यवस्था अदि सभी  का अपना  महत्व है | भवन कें अंदर कबाड़ का स्थान -वास्तु अनुसार कबाड़ का स्थान दक्षिण  पक्शिम यानि नैरीत्य बाले कोने  को अनुकूल  मानाजाता  है |इस कोने में  राखी गयी  किसी वास्तु में  कोई उर्जा  पैदा  नहीं  होती  है |फलसरूप किसी  प्रकार की उर्जा न बननेके कारन नकारात्मक  प्रभाव  नहीं  पड़ता...

निरंतर ख़राब होगा मायावती जी का स्वाभिमान

निरंतर ख़राब होगा मायावती जी  का  स्वाभिमान उत्तर प्रदेश  की मुखिया मा ० मायाबती  जी  की जन्म  तिथि  प्राप्त  अभिलेखों  कें  अनुसार १५-जन-१९५६ तथा  समय २०.३४ जन्म स्थान दादरी [उ  प्र] है | दर्शाए गए अभीलेखो कें अनुसार मुख्यमंत्री जी  की कुंडली सिंह  लगन तथा मकर  राशी  की  बनती  है | जिस में  प्राप्त  नवांश मिथुन  राशी  से  बनता  है | मिथुन  राशी  जन्म  कुंडली  के  एकादश  भाव  में  तथा चन्द्र  कुंडली  कें छठे भाव  से  उत्पन्न  है |चन्द्र कुंडली के अनुसार मुख्य  मंत्री  जी  कुंडली में  शनि का गोचर इन के दशम  भाव  में  है तथा गुरु  का गोचर चौथे भाव  में  है |बर्तमान  समय  में मंगल गोचर चन्द्र  कुंडली  के  आठवे भाव  में  है | इस समय कुंडली कें अनुसार शनि १४-मार्च १९९४ से १४ मार्च -२०१३  तक  है |जिस म...