निरंतर बढेंगी नरेंद्र मोदी की समस्याएं .......................
निरंतर बढेंगी नरेंद्र मोदी की समस्याएं .......................
ज्योतिष के अनुसार २८ अक्तूबर से मंगल काक गोचर परिवर्तन ; जो सूर्य की राशी सिंह में हुआ है .मोदी जी की छवि को ख़राब करें में सहायक सिद्ध होगा .१५ नवम्बर से बदला शनि का गोचर जो कन्या से तुला राशी में परिवर्तित हुआ है कुंडली में सादे साती का योग बनाता है फलस्वरूप भविष्य में राहत देने के आसार सिद्ध नहीं कर रहा है .अतः मंगल का गोचर मई २०१२ तक सिंह राशी में रहेगा मोदी जी की कुंडली तुला लगन तथा वृश्चक राशी में होने के कारण वर्तमान मंगल का गोचर उनकी कुंडली के १०वेइन घर जहाँ पैर शाक्नी और शुक्र स्थित हैं पर ग्रहण पैदा करेगा.फलस्वरूप मोदी जी की कार्यशैली पर प्रशन उठने लगेंगे .ज्योतिष में मंगल को बल का कारक माना गया है अतः मोदी राज्य के ऐसे मामले जिसमे बल या पुलिस का सम्बन्ध है.इनके दुरूपयोग के कारण छवि को समय समय पर धूमिल करते रहेंगे.
दूसरी बात शनि का साढ़े साती का गोचर मोदी को मानसिक तनाव देगा. अन्य नई मुसीबतें अकस्मात ही पैदा करेगा फलस्वरूप राजनैतिक संकट पैदा होने की सम्भावना है. मई २०१२ के बाद जब गुरु राशी परिवर्तन कर मेष से वरिश में आएगा यह गोचर मोदी जी की कुंडली के सप्तम घर में बनेगा जिस से उनके निकटम व्यक्तियों द्वारा धोखा षड्यंत्र तथा स्वाभिमान की हानि होने की सम्भावना है अतः मोदी जी की कुंडली पर वर्तमान गोचर तथाभाविश्य में आने वाली दशाएं राहत देती नज़र नहीं आ रही.
यदि इनकी कुंडली १७ सितम्बर १९५० वाडनगर गुजरात समय सुबह ९.१५ बजे लगन तुला राशी वृश्चक है तो भविष्य में रहत मिलती नज़र नहीं आ रही है.निकटम व्यक्तियों से सावधान रहे गुजरात सरकार के आला अधिकारीयों पर कड़ी निगरानी भी रखें.
ज्योतिष के अनुसार २८ अक्तूबर से मंगल काक गोचर परिवर्तन ; जो सूर्य की राशी सिंह में हुआ है .मोदी जी की छवि को ख़राब करें में सहायक सिद्ध होगा .१५ नवम्बर से बदला शनि का गोचर जो कन्या से तुला राशी में परिवर्तित हुआ है कुंडली में सादे साती का योग बनाता है फलस्वरूप भविष्य में राहत देने के आसार सिद्ध नहीं कर रहा है .अतः मंगल का गोचर मई २०१२ तक सिंह राशी में रहेगा मोदी जी की कुंडली तुला लगन तथा वृश्चक राशी में होने के कारण वर्तमान मंगल का गोचर उनकी कुंडली के १०वेइन घर जहाँ पैर शाक्नी और शुक्र स्थित हैं पर ग्रहण पैदा करेगा.फलस्वरूप मोदी जी की कार्यशैली पर प्रशन उठने लगेंगे .ज्योतिष में मंगल को बल का कारक माना गया है अतः मोदी राज्य के ऐसे मामले जिसमे बल या पुलिस का सम्बन्ध है.इनके दुरूपयोग के कारण छवि को समय समय पर धूमिल करते रहेंगे.
दूसरी बात शनि का साढ़े साती का गोचर मोदी को मानसिक तनाव देगा. अन्य नई मुसीबतें अकस्मात ही पैदा करेगा फलस्वरूप राजनैतिक संकट पैदा होने की सम्भावना है. मई २०१२ के बाद जब गुरु राशी परिवर्तन कर मेष से वरिश में आएगा यह गोचर मोदी जी की कुंडली के सप्तम घर में बनेगा जिस से उनके निकटम व्यक्तियों द्वारा धोखा षड्यंत्र तथा स्वाभिमान की हानि होने की सम्भावना है अतः मोदी जी की कुंडली पर वर्तमान गोचर तथाभाविश्य में आने वाली दशाएं राहत देती नज़र नहीं आ रही.
यदि इनकी कुंडली १७ सितम्बर १९५० वाडनगर गुजरात समय सुबह ९.१५ बजे लगन तुला राशी वृश्चक है तो भविष्य में रहत मिलती नज़र नहीं आ रही है.निकटम व्यक्तियों से सावधान रहे गुजरात सरकार के आला अधिकारीयों पर कड़ी निगरानी भी रखें.
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