वास्तु दोष युक्त है बसेमेंट का निर्माण
आधुनिक समय में बेसमेंट का प्रचलन दिनों दिन बढ रहा है | बेसमेंट धरातल से निचे की स्थति में स्थित होने के कारण दोष युक्त माना जाता है | धरातल से नीचा होने के कारण अनकूल वायु , तथा प्रकाश दोनों की भरी मात्र में कमी होती है | जिस से सरीर में अनकूल उर्जा की भरी कमी हो जाती है | अर्थात स्वस्थ पर बिपरीत प्रभाव परता है |
बेसमेंट में रहने, खाना खाने , तथा सोने से. स्वस्थ पर बिपरीत प्रभाव पड़ता है | इस के साथ साथ धरातल से अधीक उचा या अधीक नीचा रहने की बिधा भोगालिक अनकूलता प्रदान नहीं करता है | इतना ही नहीं धरातल की अधीक उचाई भी अधीक नीचाई के समान दुःख देने बाला होता है | इसी कारण पहाड़ो पर रहना या बेमेंट दोनों स्थति में मानसीक बल कमजोर होता है | साधू सन्यासी यो को छोड़ पहाड़ो पर रहना किसी को आकुल नहीं माना गया है तथा मंदिर या किसी धार्मिक स्थल को छोड़ भवन अदि का निर्माण बरजित माना गया है | बेसे धरातल से उचे स्थानों पर प्रकाश तथा वायु दोनों की मात्र बढ जाती है जो ध्यान भक्ति अदि के लिए आकुल है | जब की दूसरी और धरातल के निचे जाने से प्रकाश तथा वायु दोनों की भरी कमी हो जाती है | जिस से ध्यान अदि के लिए अनकूल नहीं है | क्योकि बेसमेंट रहने ऊष्मा की भरी कमी रहती है | इस के साथ साथ बेसमेंट में आकाश तत्य का अभाब रहने के कारण मानसिक विकाश पर बिपरीत प्रभाब पड़ता है |
अत बेसमेंट में रहने से सरीर के अंदर बिधमान पांचो तत्वों की कमी सरीर में हो जाती है | अत बेसमेंट में किसी प्रकार का काम पूड लाभ नहीं देगा |
इस के साथ साथ जो नव दम्पति बेसमेंट में रहकर मैथुनी करम अदि अगर करते है तो उनेह वायु और प्रकाश की कमी होने के कारण गंभीर बीमारी हो सकती है |अत मेरा मत ये है की अगर संभव हो तो बेसमेंट अदि ना बनया जाये | अगर बनाने की कोई मज़बूरी हो तो उस के लिए निम्न उपाए इस प्रकार करे -
{१]-अगर बेसमेंट बनाने की मजबूरी हो तो बेसमेंट का मुख्यद्वार पूरब या अग्ने में करे जिस से प्रकाश भरपूर मात्र में आये |
{२}-बेसमेंट अंदर खुला रखे तथा उस की छत ९या १० फीट होनी चाहिए
{३} -बेसमेंट का फार्स उत्तर और पूरब में खुला रहे जिस से वायु का प्रभाब लगातार बना रहे
{४}-आप बेसमेंट सयन ना करे तथा ना ही लम्बे समय तक कार्य करे अन्यथा आपको बीमारी हो सकती है
{५}-बेसमेंट मे काम करते समय पूरब की तरफ मुहु कर के बेठे तथा लम्बे समय तक लगा तारकाम ना करे |
{६} - बेमेंट के मुख्य द्वार पर तुलसी , गुलाब आदि के पौधे अबस्य लगाये जिस से अनकूल उर्जा बेसमेंट को मिले तथा आते जाते समय आपके सरीर को भी |
{७}- बेसमेंट में बैठ कर खाना खाना चाय बनाना तथा चाय ग्रहण करना वास्तु की द्रष्टि में दोष युक्त है इन बातो का बिशेष ध्यान रखे
{८]-बेसमेंट से निकल ने बाद कुछ समय खुले रूप में हवा आदि लें उस के बाद भोजन आदि ग्रहण करे |
{!०} लगातार बेसमेंट में रहे अन्यथा सारीर उर्जा की कमी के कारण विचारो पर परत कूल प्रभाव पड़ेगा |
{११} - बेसमेंट के अंदर भूल कर भी लाल रंग या कला रंग ना कार्य इस के लिए अनकूल रंग पिंक या हरा रंग है | इन का प्रयोग करे |
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