सोनिया गाँधी जन्म कुंडली विश्लेषण
सोनिया गाँधी : जन्म कुंडली विश्लेषण
सोनिया गाँधी जी का जन्म दिनांक ९ दिसम्बर १९४६ ,२१:१५ मिनट ,लुसिआना शहर ,देश इटलीमें हुआ.इस के अनुसार इनकी कुंडली कर्क लगन तथा मिथुन राशी की बनती है। लग्नेश चन्द्र १२ वें घर में है तथा सप्तमेश शनि लगन में वक्री अवस्था में है। जो सोनिया जी को लोकप्रियता तो देगा लेकिन अड़चन भी पैदा करेगा। कुंडली का बद्केश शुक्र हों के कारण तथा बाद्केश शुक्र के चौथे भावः में बैठने के कारण इनके भविष्य में पारिवारिक परेशानिओं का साया बना रहेगा जिससे से राजनैतिक जीवन में उच्तात्तम शेखर को छूते छूते रह जाएँगी। चंदर कुंडली में सप्तम घर में स्थित मंगल दाम्पत्य सुख की कमजोरी को दर्शाता है। लेकिन येही मंगल राजनैतिक जीवन में प्रति द्वान्द्विओं पर रामबाण की तरह कार्य करेगा। अतः सोनिया जी के जीवन में वैवाहिक सुख की भले ही कमी रही हो लेकिन राजनितिक दलदल में प्रति द्वंदियों को पराजित करने में हमेशा सफलता बनी रहेगी। मकर राशिः से बनने वाला नवांश (जो इनकी कुंडली का सप्तमेश है) इस और संकेत करता है की इनके जीवन में मिलने वाली ख्याति विवाहोपरांत ही रही है।
विवाहपूर्व इनकी ख्याति या प्रसिद्धि कमजोर थी.अतः विवाह के बाद सोनिया जी के जीवन में राजनेतिक और सामाजिक दोनों प्रकार के रास्ते प्रसिद्धि हेतु खुले रहे हैं तथा खुले रहेंगे।
सोनिया जी पर वर्तमान समय में बुद्ध की महादशा तथा शुक्र की अन्तर्दशा है। जो परस्पर २-१२ के अन्तर से है.इस समय का गुरु का रहू के साथ गोचर इनकी कुंडली के अष्टम भावः में है। जो परेशानी तथा राजनैतिक चुनौतिओं की ओर संकेत कर रहा है.विषमता भरे इस समय में सोनिया जी को एक मई के बाद गुरु जब कुम्भ राशिः में गोचर करेंगे अच्छी सफलता मिलेगी, लोक्प्रिता हांसिल होगी।
लेकिन सभी सकारात्कमक परिस्थितियों को देखते हुए भी ज्योतिषी आधार पर इनकी कुंडली में प्रधान मंत्री पड़ का योग कमजोर तथा अटकलों से युक्त है।
सोनिया गाँधी जी का जन्म दिनांक ९ दिसम्बर १९४६ ,२१:१५ मिनट ,लुसिआना शहर ,देश इटलीमें हुआ.इस के अनुसार इनकी कुंडली कर्क लगन तथा मिथुन राशी की बनती है। लग्नेश चन्द्र १२ वें घर में है तथा सप्तमेश शनि लगन में वक्री अवस्था में है। जो सोनिया जी को लोकप्रियता तो देगा लेकिन अड़चन भी पैदा करेगा। कुंडली का बद्केश शुक्र हों के कारण तथा बाद्केश शुक्र के चौथे भावः में बैठने के कारण इनके भविष्य में पारिवारिक परेशानिओं का साया बना रहेगा जिससे से राजनैतिक जीवन में उच्तात्तम शेखर को छूते छूते रह जाएँगी। चंदर कुंडली में सप्तम घर में स्थित मंगल दाम्पत्य सुख की कमजोरी को दर्शाता है। लेकिन येही मंगल राजनैतिक जीवन में प्रति द्वान्द्विओं पर रामबाण की तरह कार्य करेगा। अतः सोनिया जी के जीवन में वैवाहिक सुख की भले ही कमी रही हो लेकिन राजनितिक दलदल में प्रति द्वंदियों को पराजित करने में हमेशा सफलता बनी रहेगी। मकर राशिः से बनने वाला नवांश (जो इनकी कुंडली का सप्तमेश है) इस और संकेत करता है की इनके जीवन में मिलने वाली ख्याति विवाहोपरांत ही रही है।
विवाहपूर्व इनकी ख्याति या प्रसिद्धि कमजोर थी.अतः विवाह के बाद सोनिया जी के जीवन में राजनेतिक और सामाजिक दोनों प्रकार के रास्ते प्रसिद्धि हेतु खुले रहे हैं तथा खुले रहेंगे।
सोनिया जी पर वर्तमान समय में बुद्ध की महादशा तथा शुक्र की अन्तर्दशा है। जो परस्पर २-१२ के अन्तर से है.इस समय का गुरु का रहू के साथ गोचर इनकी कुंडली के अष्टम भावः में है। जो परेशानी तथा राजनैतिक चुनौतिओं की ओर संकेत कर रहा है.विषमता भरे इस समय में सोनिया जी को एक मई के बाद गुरु जब कुम्भ राशिः में गोचर करेंगे अच्छी सफलता मिलेगी, लोक्प्रिता हांसिल होगी।
लेकिन सभी सकारात्कमक परिस्थितियों को देखते हुए भी ज्योतिषी आधार पर इनकी कुंडली में प्रधान मंत्री पड़ का योग कमजोर तथा अटकलों से युक्त है।
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