प्रथ्वी पर बास होता है पितृ पक्ष में पितरो का
श्रादओ में पितरो का वास होता है पितृ लोक में पितृ पक्ष में पितरो का बास म्रत्यु लोक में माना जाता है |यानि शास्त्रों का एसा मान ना है कि पितृ पक्ष में पितृ प्रथ्वी पर भ्रमण करते है | इसी लिए पितृ पक्ष में पितरो से प्रशन्न कर आशीवाद लिया जा सकता है |मानब के विशाल शरीर में वाम भाग पितरो का है |दायाभाग देवो का है |इसीलिए पितृ पक्ष में पितरो को बाम भाग में वसाया जाता है |एसा करने से पितरो को शांति एवं वंशजो को आशीवाद प्रदान होता है |इस में कोई संदेह नहीं है |अत आप सराद पक्ष में सराद कर पितरो से आशीवाद ग्रहण करे आप से अनुरोध है |पितरो को तर्पण मार्जन अर्ध ब्रह्मण भोजन द्रव्य दक्षिणा द्वरा प्रशन्न किया जा सकता है | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता|| गरल सुधा रिपु करें मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415 ...