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Showing posts from September, 2015

प्रथ्वी पर बास होता है पितृ पक्ष में पितरो का

श्रादओ में पितरो का वास होता है पितृ लोक  में  पितृ पक्ष में पितरो का बास म्रत्यु लोक में माना जाता है |यानि शास्त्रों का एसा मान ना है कि पितृ पक्ष में पितृ प्रथ्वी पर भ्रमण करते है | इसी लिए पितृ पक्ष में पितरो से प्रशन्न कर आशीवाद लिया जा सकता है |मानब के विशाल शरीर में वाम भाग पितरो का है |दायाभाग देवो का है |इसीलिए पितृ पक्ष में पितरो को बाम भाग में वसाया जाता है |एसा करने से पितरो को शांति एवं वंशजो को आशीवाद प्रदान होता है |इस में कोई संदेह नहीं है |अत आप सराद पक्ष में सराद कर पितरो से आशीवाद ग्रहण करे आप से अनुरोध है |पितरो को तर्पण  मार्जन अर्ध  ब्रह्मण भोजन द्रव्य दक्षिणा द्वरा प्रशन्न किया जा सकता है | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                   ...

पितृ पक्ष जल द्वरा किया गया तर्पण देता है पितृ ऋण से मुक्ति

पितृ पक्ष में मानब द्वरा किया गया प्रतेक कर्म पितरो को शांति प्रदान करता है | जिस से मनाब का चुह्मुखी विकाश करता है | जब तक पितरो का अश्रीवाद प्रदान न हो मनाब का जभी विकास संभव है |अत मानब को प्रत दिन जल से तर्पण करना चाहिए  तथा पितरो को बामअंग में बास देना चाहिए |एसा करने से मनाब के पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है जिस से परिवार के विकाश कार्यो में सहयोग प्रदान होता है |अत आप के पास धन अदि की सुबधा न होने पर जल के तर्पण दवार अपना पितृ ऋण पूरा कर सकते हो | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs1100/Patri,...Prasha...

पितरो का श्राध परिवार में उत्पन्न बधायो से देता है -मुक्ति

आज दिनाक २८-०९ २०१५ की पुनमा से पितृ पक्ष की शुरुआत है |पितृ पक्ष में पितृ ऋण से मुक्ति एवं पितरो की प्रशांता हेतु कार्य किया जाता है | शास्त्रों अनुसार जैसे देव हमें सुख समर्धि देने में सक्षम है |उसी प्रकार पितृ हमारे बंस वर्धि में सहयक  एवं परिवार में आये शंकट ओ को दूर करने में सक्षम है |इस संसार में देवो एवं पितरो के अलग अलग कार्य है जो कार्य पितृ कर सकते है देव नहीं जो देव करते है पितृ नहीं |पितृ हमारे जीवन में इतने ही पूजा के अधिकारी है जितने देव | वह लोग बड़ी भूल करते है जो श्राध प्रब पर पितरो की पूजा नहीं  करते  उनके लिए आये दिन कोई न कोई मुसीबत बनी रहती है |जीवन में पितरो का आप के अनकूल होना अति अबश्यक है |मनाब द्वरा पितरो का सम्मान न करने पर पितरो की गति बिगड़ जाती है  जिस से वह प्रेत योनी को धारण कर अपने ही परिवार जिनको सहयोग देते है |दुःख देने लगते है |एसी स्थति में मनाब जीवन शंकट में पड़ जाता है |यह बाधा मनाब के  पारिवारिक हर कार्य में बाधा देने लगती है | जब मनुष्य के जीवन में संतान का न होना  संतान का बिकाश न होना , संतान की जीवन गति बिग...

२८ सितम्बर २०१५ के चन्द्र ग्रहण का प्रभाव

चन्द्र ग्रहण का देश के पछमी भाग एवं अरबदेशो पर पड़ेगा प्राक्रतिक प्रभाव  २८ सितम्बर २०१५ को होने बाले चन्द्र ग्रहण का प्रभाव पुरे देश में तो नहीं लेकिन देश के पक्ष्मी हिस्से में प्रभाव होगा |इस के साथ साथ अरब देशो में भी इसका प्रतकूल देखनो को मिल सकता है |चन्द्र ग्रहण का सीधा सम्बन्ध जल से होने के कारण समुद्र से सबंधित घटना घटित होने की पूरी संभवना है |चन्द्र ग्रहण के एक सप्ताहां पूरब एवं एक साप्ताहा बाद तक कमजोर मन बाले जातको को यात्रा से बंचित रखना चाहिए यह ग्रहण उतरा भाद प्रद नक्षत्र एवं मीन राशी में लगेगा |अत मीन राशी बाले जातको को या उन जातको को जिन की कुंडली में गुरु की भूमिका कमजोर है |किसी अप्रिय घटना से बचना चाहिए | ग्रहण कालमें विष्णू सहस्र नाम का पाठ एवं अपने इष्ट का पाठ जप तथा गायत्री मन्त्र का जप हित कर सिद्ध होगा | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415      ...

राधे अष्टमी की बधाई

करुणामयी शक्ति है -राधे रानी  जहाँ क्रष्ण लीला एवं क्रष्ण अबतार की सफल रह्श्यकी कथा का शुभ आरंभ माना जाता है वह राधे रानी  अगर हम राधे शव्द का संधि विच्छेद करे तो इस प्रकार बनता है -रहा +धेये  =राधे यानि राधे वह शक्ति है आप के जीवन का मार्ग दर्शन कर आप को कर्षण चरणों में लगाती है |जब तक जीव राधे के शरण गामी नहीं तब तक भगवान् श्री क्रष्ण के प्रति आप की अभी रूचि होगी नहीं आप को क्रष्ण क्रपा मिलेगी |जब आप को प्रभु क्रपा ही नहीं तो आप विचार करे की आप को सफलता कैसी ?महा भारत काल से यह मत सपष्ट है कि -जंहा धर्म है वहा श्री क्रष्ण है |जंहा श्री क्रष्ण है वही विजय है |अत जो धर्म का मार्ग शिखाये जो श्री क्रष्ण परब्रह्म के बारे में बताये जो शक्ति आप अनुराग माया से हटा कर श्री क्रष्ण में लगाये  वही राधा है | आज एसी महा शक्ति का जन्म दिन है आप सभी को राधे अष्टमी की ढेर सारी बधाई आप सभी पर अध्यात्मिक शक्ति राधे रानी की क्रपा हमेशा बनी रहे | आप के परिवार में नित नए मंगल उत्सव श्री राधे रानी की क्रपा से मनाये जाये  जय श्री राधे         जय श्री...

निरंतर बढ़ेगे दिल्ली पुलिस उप राज्यपाल एवं आम आदमी पार्टी के मत भेद

  आज कल ग्रहों की गति आम आदमी पार्टी के दिन मान ठीक नहीं चल रहे है |इन दिनों गोचर में ३० सिप्तम्बर तक शुक्र मंगल की युति बनी हूई जो आप सरकर के अनकूल नहीं है |अत ३० सिप्तम्बर तक दिल्ली पुलिस एवं दिल्ली सरकार आमने सामने होगी |इस के साथ साथ जब सिंह राशी में राहू आएगा तब गुरु चंडाल योग बनेगा [मई  जून २०१६ भी सरकार के लिए कठिन होगा |लेकिन ३० सिप्तबर के बाद जब मंगल सिंह राशी में होगा पुलिस के षड्यंत्र से कुछ रयायत दिल्ली सरकार को मिल सकती लेकिन इस से पहले पुलिस के भ्रष्ट रवैये के कारण दिल्ली सरकार को काफी नुकशान उठाना पड़ेगा |अत आम आदमी पार्टी को ३० सिप्तबर तक साबधानी से चलना होगा |२८ सितम्बर २०१५ को होने बाले चन्द्र ग्रहण आम आदमी पार्टी को नुकशान देय सिद्ध हो सकता है | यदपि २८ सिप्ताम्बर की चन्द्र ग्रहण की घटना पुरे देश में राजनैतिक एवं प्रकतिक रूप से जनता को कष्ट दाई होगी |जिस से देश की जनता को कष्ट उठाना पड़ सकता है |लेकिन यह समय आम आदमी पार्टी के लिए जायदा कष्ट प्रद सिद्द होगा | --  कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सु...

मधुर नहीं हो सकेंगे भारत पाक सबंध

ज्योतिषीय आधार पर खगोलीय घटना एवं ग्रहणों से राजनीति का सीधा सम्बन्ध है |जब कोई खानोलीय घटना होती है तो उसका असर प्रथ्वी एवं उस पर उत्पन्न जीव जंतु वनस्पति सभी पर पड़ता है |एसा ज्योतिष का भी मानना है |इस मास सिप्ताम्बर २०१५ में दो ग्रहण है जो एक १३ सितम्वर २०१५ अमावस्या दिन रविवार को होगा जो भारत एवं एशिया के किसी भी राष्ट में दिखलाई नहीं पड़ेगा |दूसरा ग्रहण २८ सिप्त्म्वर २०१५ सोमवार पूरनमा को होगा  जो भारत एवं उस के पडोशी देशो में लग भाग सभी स्थानों पर दिखलाई देगा | ज्योतिष में एक पुरानी कहावत या सूक्ति इस प्रकार है कि  एक पाख दो ग्रहना | रजा मरे या सेना || यानि जिस मास में दो ग्रहण लगे वह मास राजनेता एवं प्रजा दोनों में से किसी को ठीक नहीं होता है |१३ सितम्वर २०१५ को सूर्य ग्रहण भले ही दिखलाई नहीं पड़े लेकिन उस दिन सूर्य का कन्या राशी में होने के कारण पक्स्थान की व्यवस्था राजनैतिक सोच गड बड होगी तथा भारत के साथ निरंतर तनाब बढेगा |इस के साथ २९ जनवरी २०१६ को जब राहू सिंह राशी में गोचर करेगा  जो लग भाग 06 मास रहेगा उस समय गुरु चंडाल योग की पुष्टि होती है |जिस से राज...

कमजोर होगा महा गठ्वंधन

भद्र मास में 05 रविवार है जिस से मौसम के तीब्रता से बदलने के संकेत है |इस मास में लग भाग मानसूनी वर्षा की बिदाई तैय है | दूसरा पांच रविवारो के चलते केंद्र एवं राज्य सरकारों में मात भेद रहेगा जिस में केंद्र को लाभ मिलेगा | इस बीच बिहार में चल रही महा गठ्वंधन की राजनीति बिफल होगी  जिस से केंद्र को लाभ होगा |अत यह समय देश की राजनीति के लिए अच्छा नहीं है |इन दिनों महगाई की मार एवं व्यपार की कमजोर व्यवस्था के कारण जनता के आर्थिक बजट काफी कमजोर रहेगा |अत लोग इस मास सूझ बुझ के साथ ही खर्चा करे |लेकिन इस मास में मंडी व्यपारियो को अबस्य लाभ होगा | इस और ध्यान देने की बात है | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                     ...

क्रष्ण अबतार एवं भारत की आधुनिक दशा

श्री क्रष्ण नम गोविन्दाय नम  श्री क्रष्ण शरणम मम  . भगवान् श्री क्रष्ण का जन्म भद्र क्रष्ण पक्ष अष्टमी की अर्ध रात्रि यानि रात्रि अभिजित में हूआ |हमारें देश में दो अबतार अतियत प्रभावशाली माने गये है जिन में प्रथम राम दूसरा क्रष्ण इन दोनों अबतारो का जन्म अभिजित महूर्त में ही हूआ श्री राम का जन्म नोवी तिथि को दिन के अभिजित में हूआ एवं श्री क्रष्ण का जन्म रात्रि के अभिजित काल में हूआ |ये दोनों ही अबतार विश्व अलोकिक माने जाते है श्री राम विश्व में मारदिया स्थापना के लिए प्रसिद्ध हूए तो भगवान् श्री क्रष्ण लीला प्रुसोतम यानि अपनी लिलायो के लिए प्रशिध हूए | दोनों ही अबतार के समय सामाजिक प्रस्थति बड़ी भयानक थी श्री राम के समय सुबाहु मारीच रावण का विश्व व्यापी आतंक था तो क्रष्ण के समय मथुरा नरेश कंश  ज्रासिधू तथा काशी नरेश  शिशुपाल काशी नरेश एवं पुर बंशियो का आतंक कुछ कम नहीं था |लेकिन श्री क्रष्ण एक एसा अलोकिक अबतार हूया की जन्म हूते ही कंश के जेल पर परहरे दार सो गए वासुदेव एवं माँ देवकी को जो कानून हथकड़ी लगी थी सभी खुल गयी  जेल में पड़े ताले टूट गये ये सभी भग...