मनकी बात
कुछ दिन पहले देश की सर्वोच्च न्यालय द्वरा एक याचिका करतासे यहकह दियाकि हमारेआदेश पास करने परक्या रामराज्य आयेगा| न्यालयकीयहटिपरी हमसभीलोगो कोइसऔरसोचनेकेलिए मजबूर करदेतेहै कि भ्रष्टाचारके चलते देशके हालत नियन्त्रसे बहरहै इसमेंकोईसंदेह नहीं| देशकेलोकतांत्रिक ढाचा जिन हालतोंसे गुजररहा है| उससेएसालगता किहमारेदेशमेंव्याप्त भ्रष्टाचार उन शहीदोंके मनोबलकी भीपरीक्षालेने लगाहै |जिन्होंने इसदेशको आजाद करनेमें अपनेप्राण नौछाबर करदिए| मेने अपनेजीवनका अधिकतरहिस्सा भ्रष्टाचारकेखिलाप लड़तेहूए बितायाहै| जिसे देखतेहूए अब मुझे यहलगनेलगाहै कि हमसे वहलोग श्रेष्टहै जो भ्रष्टआचरणका सहारा लेते है एवं भ्रष्ट नीतियोंकेसाथसमझोताकर सफलता हासिल करलेतेहै| आजसमाजकीदशायहकि लोग बागला, गाड़ी,एसी, धन. बिलासता जातिएवंधर्म सभीकुछजानते है लेकिन राष्टको नहीं| हेरानीकीबातजबहोतीहै सरकार मेंबेठे वहराजनेता जो जनताका भरी भरोशा जीत ते है राष्टभक्ति का चौलापहन कर भयानक मगरमच्छया याउसभेड़िया कीतरहहोते है जिस सेबचपाना न मुनकिल होताहै तो भ्रष्टाचारकी वेदनाऔरबढ़जाती हैएवं सचाई ईमानदारी समाज में कमजोर प...